ऑनलाइन खरीददारी
ऑनलाइन खरीददारी


प्रिय डायरी,
"मम्मी जी, ये देखिये मैंने ऑनलाइन 2 साड़ी और ये दो सूट मंगाए हैं। "-रीतु ने अपनी सास प्रेमा को दिखाते हुए कहा। साड़ी-सूट देखते हुए सास प्रेमा ने कहा-"सूट तो सही हैं पर साड़ी की क्वालिटी अच्छी नहीं है और यह प्योर सिल्क भी नहीं है। अगर कुछ लो, ध्यान से 2-3 ऑनलाइन साइट देख के और उनके रिब्यू देखकर लो। "यह सुनकर रितु को कुछ अजीब लगा।
कुछ दिन बाद रितु ने अपने लिए बूट मंगाया। बूट देखकर रितु फूली नहीं समा रही थी। रितु ने जैसे से बूट पहना वह दो नंबर छोटा था। अब रितु को खुद पर गुस्सा आ रहा था। सास प्रेमा जी बोली-"रिटर्न कर दो। हो जायेगा। "हां मम्मी कर देती हूँ। कपड़े-जूते फिट न हों तो क्या फायदा। मेरी फेंड्स न जाने कैसे ऑनलाइन शोपिंग कर लेती हैं। "रितु झुंझला के बोली।
एक दिन प्रेमा जी बहु रितु से बोलींं-" बाजार चलते हैं कुछ बेडसीट्स, पर्दे लेने चलते हैं। घर पर लगे पर्दे काफी पुराने पड़ चुके हैं। तैयार हो जा। "अरे मम्मी जी कहाँ गर्मी मेंं जाओगी मैं ऑनलाइन मंगा लूँगी। ये देखिए कितनी सुंदर सुंदर बेडसीट्स। "यह कहकर उसने फट से 2 बेडसीट्स आर्डर कर दी जैसे ही पर्दे ऑर्डर करने लगी सास प्रेमा ने रोकते हुए कहा वह मैं बाजार से ले आऊँगी।
ठीक दो दिन ने बेडसीट डिलीवर हो गई। बेडसीट आने पर रितु फूली नहीं समा रही थी जैसे ही रितु ने बेडसीट निकाली तो ये क्या तो ये वो बेडसीट थी ही नहीं जो उसने बुक करवाईंं थी। रितु को उदास देखकर उससे कहा-"रितु उदास मत हो। अब तुम्हें समझ आ रहा है कि ऑनलाइन खरीदारी क्यों चालाकी और समझदारी से करनी चाहिए। जब भी शोपिंग करो और साइटों से उसी वस्तुओं का कम्पेयर करके करो। इसके साथ ही रिव्यू पढ़कर ही खरीदारी करें।
दोस्तों, आजकल हम सभी ऑनलाइन खरीददारी करते हैं पर उस वक्त हम कुछ बातों का ध्यान नहीं रखते है। ऑनलाइन साइट्स में दिखाया गया प्रोडक्ट हमारे आँखों के सामने नहीं होता कि उसे छूकर या पहनकर देख सकें। हम लोग स्कीम और डिस्काउंट पर ध्यान देते हैं जबकि यह सब उनकी मार्केट स्ट्रेटेजी है।