Kusum Lakhera

Inspirational Others

3.9  

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नज़रिया

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"श्यामा ओ श्यामा कहाँ है, पता नहीं कहाँ चली गई है", भतेरी देवी खाट में बैठे बैठे चिल्ला रही थी पास की मेज में पानी का जग पानी से भरा हुआ था दवाइयां भी वहीं रखी हुई थी ए.सी चल रहा था ....पर भतेरी देवी को चैन कहाँ जब तक श्यामा को दिन भर में सौ बार काम न दे दे तब तक चैन ही नहीं आता था वैसे भतेरी देवी बिल्कुल फिट थी अभी एक वर्ष पहले तो वे खुद ही घर का सारा काम करती थी पर धीरे धीरे कुछ सहेलियों ने भतेरी देवी के कान भरने शुरू कर दिए " री भतेरी ज्यादा सयानी न बनना अब बहु आ गई है तो काम बहु को सौंप दे और तू राज कर, खूब कर लिया काम "बस धीरे धीरे खाट में बैठने की बुरी आदत पड़ गई कि वह श्यामा पर निर्भर रहने लगी खैर श्यामा बहुत समझदार थी उसने सारा घर बहुत अच्छे से सम्भाल दिया भतेरी देवी की बातों का भी वह बुरा न मानती थी उसे लगता कि बड़ी है और सास हैं तो हुक्म चलाना उनका अधिकार है पर ये सब देखकर कुमार को बिल्कुल अच्छा न लगता क्योंकि वह माँ को खाट में पड़े पड़े देखता तो सोचता इस तरह माँ का शुगर तो और बढ़ जाएगा उसने मन ही मन योजना बनाई और श्यामा को भी इसमें शामिल कर लिया ताकि भतेरी देवी थोड़ा चले फिरे स्वस्थ रहें 

भतेरी देवी फिर चिल्ला ही रही थी कि कुमार चाय लेकर माँ के पास पहुंच गया कुमार को देख कर भतेरी देवी नरम पड़ गई ," अरे कुमार श्यामा कहाँ गई है, जो तू चाय बना के ला रहा है" माँ पहले बताओ चाय कैसी बनी है" चाय को पीते हुए माँ ने कहा चाय तो बहुत अच्छी है रे" अब से मैं ही शाम की चाय बनाऊंगा थोड़ा श्यामा को भी आराम हो जाएगा "वह दिन से रात तक लगी रहती है काम पे तो थोड़ा मैं उसकी मदद कर लूंगा" भतेरी सोचने लगी, "कुमार कितना समझदार हो गया है, एक मैं भली चंगी होते हुए भी खाट में बैठी हूँ एक ये जी बेचारा ऑफिस से आया वह रसोई में गया फिर चाय बनाई

ये काम तो मैं भी कर सकती हूं" माँ क्या सोचने लगी" भतेरी ने कहा, 'आज मैं रात का खाना बनाऊंगी, बता कौन सी सब्जी बनाऊं और श्यामा को भी बुला ले आज तुम दोनों एक साथ खाना खाना और सुन ये जो खाट है न इसको मैं अब खड़ा कर रही हूं ये अब रात को ही बिछाऊंगी " श्यामा सब सुन रही थी कुमार की सूझ बूझ रंग लाई और भतेरी देवी को समझ आ गई कि बहु घर में आ जाए तो इसका मतलब बहु पर हुकुम चलाना नहीं है बल्कि उसे भी स्नेह देना चाहिए उसे घर के काम में झोंक कर भूलना नहीं चाहिए कि वह भी साधारण सी इंसान है उसे भी आराम चाहिए जो भी हो अंत भला तो सब भला



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