Anshu sharma

Drama

5.0  

Anshu sharma

Drama

नो मोर मिंसिग

नो मोर मिंसिग

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आज सुगंधा जल्दी जल्दी तैयार होकर निकली आज बहुत जरूरी मिटिंग थी।  बच्चो को स्कूल छोडते हुए आई। देर हो गयी थी। कार लाल बत्ती पर रूकी, एक महिला बच्चे को लिए कुल बच्चो की किताबे लिए खडी थी। शीशे के बाहर से लेने के लिए कहने लगी। सुगंधा वैसे ही दिमाग में मिटिंग का.देर से पहुँचना ही परेशान कर रहा था। बच्चा गोद में ही सो रहा था एक तरफ गरदन थी कंधे पर, गोरा सा बच्चा। एक तरफ तो ध्यान आया इतना प्यारा बच्चा। नजरअंदाज करते हुए बत्ती हरी हुई और एक्सेलेटर पर पैर पडा और आगे निकल गयी।  

मिटिंग में लगा था देर होगी पर सही समय पहुँची। सब आ चुके थे। मिटिंग खत्म हुई बाहर से तभी जोर जोर से आवाज आने लगी। क्या हुआ? सबने बाहर देखा तो शीना रो रही थी।  शीना छुट्टियां बहुत ले चुकी थी और माँग रही थी। वहाँ के बास ने उसेए बैठाया पानी दिया तब सुगंधा ने पूछा क्या हुआ ?तुम मेंरे पास वाली बिल्डिंग में हो आते जाते देखा है तुम्हे।

मेरा नाम शीना है मेंरा तीन साल का बेटा साहिल खो गया है, मिल नहीं रहा। एक महिने पहले काम वाली पार्क में घुमाने गयी थी।

और साहिल कही चला गया। छुट्टियां और नहीं मिल रही है। क्या करू ? घर पर नहीं बैठा जाता बच्चे के बिना मै और मेंरे पति दिन रात एक कर रहे है। पुलिस भी बहुत ढूँढ रही है।

सुनो कोई फोटो हो तो भेजो सब दोस्तो को भेज देते है। शायद कुछ पता चल सकता हो। सब ने समझाया कम्पनी विभाग हेड को, की छुट्टियां दे दिजिये। शीना के विभाग वाले ज्यादा समय देकर शीना का काम कर देगे।

शीना ने फोटो भेज दिया और सबने आगे दोस्तो में भेजा। शीना सबका शुक्रिया कर रही थी और रोए जा रही थी।  

वापस आते समय सुगंधा को, शीना के बेटे का ध्यान बार बार आ रहा था।

कही देखा है क्या ?ऐसा बार बार लग रहा था अरे !अपनी सोसायटी में ही खेलते देखा होगा!

अचानक उसी चौराहे पर लाल बत्ती हुई और सुगंधा को लो किताबे बेचती औरत बच्चा लिए याद आई। वैसा सा ही था साहिल क्या??

घर आके याद में सोई नहीं वो किताब बेचती औरत याद आ रही थी।  

अगले दिन जल्दी उठ कर काम किया और बच्चो को स्कूल छोडकर उसी चौराहे के पास कार पार्क की। पैदल ही इधर उधर उस औरत को ढूँढने लगी, आयेगी तो जब कल यही थी।  

देखा गोद में बच्चा उसी तरीके से लिये भीख माँग रही थी आज किताब नहीं थी उसके पास। सुनो भीख क्यूँ माँग रही हो कुछ करती क्यूँ नहीं काम ? सुगंधा ने पूछा।

मेंमसाहब बच्चा छोड कर नहीं जा सकती। अरे बडा प्यारा बच्चा है एक फोटो लेती हूँ तुम दोनो का। बच्चा सोया था।  

ऐसे ही उसने उसकी मां और बच्चे की जल्दी से फोटो ले ली। मेंम साहब फोटो फोटो नहींं वह थोड़ी गुस्से मेंं बोली अरे! बड़ा प्यारा है। तुम्हारे पास फोन है क्या? मैं तुम्हें भेज दूंगी। नहींं फोन नहींं है हमारे पास। ओहह अच्छा और तुरंत सुगंधा ने वह फोटो शीना के व्हाट्सएप पर पोस्ट कर दी शीना का तुरंत फोन आया और सुगंधा ने उसे सारा बात बताई। जल्दी आ जाओ शीना क्योंकि शीना ने अपने बच्चे को पहचान लिया था। सुगंधा उस औरत पर निगरानी रखे हुए थी। शीना पुलिस को लेकर आ गई और वह औरत पकड़ी गई साहिल को उसने नशे का दवाई दे रखी थी जिससे वह सोया हुआ ही रहता था इस तरह से शीना को उसका खोया हुआ साहिल मिल गया।

सुगंधा का बहुत-बहुत शुक्रिया कहा और शीना और उसके पति ने । इसी तरह दोस्तों हम अगर कहीं किसी भी मांगते हुए को या कुछ बच्चे को देखें तो हमेंं उसका फोटो लेकर कुछ ऐसे ऐप खोए हुए बच्चों के लिए होते हैं वहां भेज देना चाहिए

नो मोर मिसिंग.....आजकल बहुत बच्चे अपने घर से बिछड़ जाते है। जगह जगह आपको सड़क पर मिल जायेगें भीख मांगते हुये। उन सब को एक घर मिल जाये, चाहे उनके माता, पिता की खोज कि जाये। या उनहे अनाथालय भेजा जाये

कुछ बच्चो को किसी भी उम्र में भीख मँगाते है ये धंधा बना लिया। कुछ बच्चो को जबरदस्ती भीख मगाँई गयी। भीख देनी बंद करनी चाहिए कुछ तो बदलाव आयेगा ही।

मैंने एक पहल के बारे में जाना की कही भी आपको बच्चे भीख माँगते या किसी मुश्किल परिस्थितियों में मिले तो एक फोटो बच्चे का और वो जगह जहाँ आपने उन्हे देखा है। या बुर्जुग हो कोई भी कृपया (facebook page no more missing ) नो मोर मिसिंग फेसबुक पेज पर भेजें।

कितना अच्छा विचार जिसने भी शुरू किया। सब मदद करे तो सब बच्चे अपने घर अपने परिवार के पास होगें। और आगे भी इस तरह बच्चो से भीख मगाँने वाले या गलत काम करने वाले भी डरेगें।  

सबको साथ मिलकर मदद करनी चाहिये। आजकल बच्चो से गलत काम कराते हैं। रूपये कमाने के लिये इंसान किस हद तक गिर गया है जिसमेंं दुख दर्द नाम की चीज ही नहीं रही। छोटे हो या बडे़ बच्चे अब अकेले भेजते हुये माता, पिता ड़रने लगे है। कब ये ड़र खत्म होगा ?सबको सर्तक रहने की जरूरत है। नो मोर मिसिंग पेज की पहल में आगे आये। इस पहल से बच्चो के अपहरण कम होगें। कानुन सही कदम उठाये। जिससे अपहरण कर्ता डरेगें। कुछ बच्चे अपने परिवार से मिल पायेगें। आप करना चाहेगे इस नेक काम में अपनी भागीदारी। कितने परिवारो कि दुआए मिलेगीं। बच्चो को अपना परिवार। माता पिता जो जी भी रहे हैं पर ना के समान हो सकता है इस पहल से उनका बच्चा मिल जाये।


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