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Avinash Agnihotri

Tragedy Classics Fantasy

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Avinash Agnihotri

Tragedy Classics Fantasy

niwala

niwala

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शालिनी के गुजर जाने के बाद जैसे समस्या मेरा पीछा ही नही छोड़ रही थी। मुझे परेशान व उदास देखकर हमारे घर के बूढ़े माली काका ने जब मुझसे इस उदासी का कारण पूछा तो मैंने कहा, क्या बताऊँ काका शालिनी के जाने के बाद अब सोनू की तबियत भी दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। डॉक्टरों का कहना है,की उसे खाने से पर्याप्त पोषण नही मिल रहा है। जिससे वह दिन ब दिन कमजोर होता चला जा रहा है। समझ ही नही आता कि करू तो क्या करूँ,आप ही बताओ काका यहां भला उसे किस बात की कमी है। मेरी बात सुन वो बड़े सकुचाते हुए बोले,मालिक वेसे तो आप मुझसे ज्यादा पढ़े लिखे व समझदार है।

पर उम्र के तजुर्बे से कहता हूँ। कि यहां सविधा व विभिन्न तरह के भोजन तो बहुत है। पर उसकी माँ के वो दुलार भरे हाथ अब नहीं है, जो हमारे सोनू बाबा के मुँह तक निवाले को ले जा सके।


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