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Indu Tiwari

Abstract Classics

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Indu Tiwari

Abstract Classics

नारी ही नारी की दोस्त

नारी ही नारी की दोस्त

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बहुत बार लोगो को कहते सुना था कि नारी ही नारी की दुश्मन होती है, लेकिन मैं जिन अनुभवों से गुजरी मैनें कभी इस चीज को महसूस ही नहीं किया। हो सकता है वक़्त बदल रहा हो।नारी नारी की दोस्त ही ज्यादा लगती है।

पैदा हुई तो माँ बताती हैं कि दादी बहुत खुश हुई, बोली लक्ष्मी आई है। सबका मुंह मीठा कराओ। घर में हमेशा ही सबकी लाडली रही।

शादी हुई तो मेरी सास के कोई बेटी नहीं थी तो उन्होंने भी मुझे हर पल बहुत प्यार और दुलार दिया। जब कोई गलती भी होती थी तो मेरा दोष अपने सर परले कर मुझे सबकी डांट से बचाती थी।

सच बताऊँ तो मुझे ये सिर्फ एक कहावत ही लगती हैं कि नारी ही नारी की दुश्मन है। मेरे अनुभव से तो मैं यही कहूंगी कि नारी ही नारी की सच्ची दोस्त होती है।


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