मोरगू 20 भाग 3
मोरगू 20 भाग 3
"हमारी जान को किससे खतराहैयह तो मैं नहीं जानता. लेकिन कुछ है जो बहुत ही अजीब है ."
"सुमित जी हॉस्पिटल वालों का लाश सरेंडर ना करना और आप सब को किसी कमरे में बंद रखना. इससे तो यही लग रहा है कोई बहुत बड़ा राज या षड़यंत्र चल रहाहै . आपकी मां का यह कहना की आप सब की जान को खतरा है . लेकिन अब तक आप पर कोई हमला नहीं हुआ? सिर्फ सपनों के अलावा. फिर होटल के कमरे में बंद रखना और किससे खतरा है? यह भी ना बताना ? बहुत अजीब नहीं लगता यह."
"लगता तो है अजीब मोक्ष जी. लेकिन इस वक्त हमारा गांव जाना बहुत जरूरीहै . मां के अंतिम दर्शन और क्रिया कर्म तो कर नहीं पाए. लेकिन अंतिम दश क्रिया की विधि जरूर पुरी करूंगा. अगर यह सब कोई षड़यंत्र भी हुआ तो मैं इसके खिलाफ कुछ नहीं कर पाऊंगा. क्योंकि वह जो भी होंगे बहुत बड़े और अच्छी पहुच रखनेवाले लोग लोंगे. मै ठहरा आम आदमी. अपनी बीवी और बच्चों का एक मात्र सहारा. अगर मुझे भी कुछ हो गया तो मेरे परिवार का क्या होगा इस बात से ही डर लगताहै . मेरी हालत... आगे कुछ ना कहते हुए माहौल में एक दम सन्नाटा सा पसर जाताहै ."
"जी मैं समझ रहा हूं. कब जा रहेहैआप सब गांव ?"
"कल सुबह ही हम सब केशवपुर के लिए निकल जाएंगे."
"केशवपुर जहां मेले में अघोड़ी आते हैं ?"
"हाँ वही केशवपुर."
"मोक्ष ये केशवपुर,,." तभी यश की बात काटते हुए मोक्ष बोल पड़ा."आप अपने गांव के घर का एड्रेस से दीजिए. हम वहां आनेवाले हैं . कुछ पता कर पाए तो वहां मिल लेंगे."
"तूने मेरी बात क्यों काट दी मोक्ष ?"
"जब तक कोई सबूत या कड़ी नहीं मिल जाती तब तक कुछ कहना ठीक नहीं है . हो सकताहैपुष्पा देवी की मौत और जो भी कुछ अब तक हुआ उसमें कोई उन्हीं के पहचान वाला या गांव का ही हों ? जो वहां जंगल में हुआ यह भी इन सब से जुड़ा हुआ हो ? बिना पता लगाए मै चैन से नहीं बैठूंगा. यश हमे और डिटेल्स चाहिए. खास कर के हॉस्पिटल के बारे में. कहीं ना कहीं कोई किसी से तो जरूर जुड़ा होगा."
"मैं समझ गया तू क्या बोल रहाहै . उस वार्ड बॉय को अब ब्लैकमेल करना ही पड़ेगा. मैं कल तुझे इनफॉर्म करता हूं जो भी इंफॉर्मेशन मिलेगी मुझे. बाय मोक्ष."
कुछ ना कहते हुए मोक्ष वहां से चला गया. जिस चीज के अस्तित्व पर उसे कभी विश्वास नहीं था. वह होते देख सवालों की उलझन में था. वह सवाल जिसके जवाब किसी के पास नहीं थे. घर पहुंच कर बिना किसी से कुछ बोले मोक्ष अपने कमरे में चला गया. पाखी के बुलाने पर भी शाम को खाने पर नहीं आया.
"जब से आए हो एक ही जगह कुर्सी पर बैठ कर क्या देख रहे हो ? सब मेरी वजह से हुआ है . मेरा प्रोजेक्ट पूरा करने के चक्कर में तुम्हारे साथ यह सब हो रहाहै . हमारी शादी हुए अभी हफ्ते भी नहीं बीते लेकिन हम अजनबी से हो गए है ."
"नहीं पाखी ऐसी बात नहींहै . मै तुम्हे टाइम नहीं दे पा रहा हूं. इस morgue 20 वाली औरत के रहस्य से जब तक पर्दा नहीं उठा लेता तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा."
"क्या मैं भी इस औरत की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने में तुम्हारी हेल्प कर सकती हूं ?"
"नहीं पाखी. जिस चीज में मै पड़ने जा रहा हूं उसमे बहुत खतरे होंगे. मैं नहीं चाहता तुम्हारी जान पर खतरा आए किसी तरह. यश को मै मना नहीं कर पाया. वह भी अपनी जान को खतरे में डाल कर इस राज से पर्दा उठाने में मेरी हेल्प करेगा. तुम डरो मत मैं अकेले नहीं यश भी साथ होंगा मेरे."
"सुमित ये पूजा का मुहूर्त ठीक नहींहै . शाम को 5 बजे यानी की काफी रात हो जाएंगी और वह माजी के नाम पर मिट्टी के बर्तन रखने जाना ? उसमे तो रात के 12 बज सकतेहै . फिर उस जंगल में जाना ?"
"तुम इतना क्यों डर रही हो मनु की मम्मी. मेरे साथ और भी 4 लोग जाएंगे. अगर कल इस समय यह पूजा नहीं हुई तो दश क्रिया कर्म की तारिक जिस दिन होनी चाहिए उससे आगे बढ़ जाएंगी."
"बहू तुम इतनी चिंता मत करो. सुमित के साथ हम चारो भी जायेंगे जंगल. बस वह बर्तन और कुछ सामान उस पेड़ के नीचे जलते दीये के साथ रखनाहै . कुछ नहीं होगा सुमित कों."
"ठीकहैकाका जैसा आप सब ठीक समझे."
अगले दिन पंडित के बताए वक्त के अनुसार सब काम ठीक समय से हो गया. रात के 11:30 बजे तक सारे गांव के लोग खाना खा चुके थे. कुछ देर बाद अंतिम बार के लिए पांच मिट्टी के बर्तन और जो भी जरूरी चीजे रोज पुष्पा देवी इस्तेमाल करती थीं वह सब एक लकड़ी से बनी टोकरी में रख दिया गया.
जंगल इन्सानों को खा जाता है . यह कहानियां सब ने सुनी थीं. लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ होताहै . यह किसी ने नहीं देखा. गांव में यह काम रात के 9 बजे तक हो जाता था. लेकिन यह पहली बार था जब रात के 12 बजे यह काम हो रहा था. इसलिए गांव में एक दहशत का माहौल बन गया था.
"चलो सुमित हम तैयारहै ."
"हाँ काका चलिए" कहते हुए सर पर वह लकड़ी की टोकरी रख कर आगे - आगे चलने लगा. पीछे हाथ में टौच के साथ जलता दिया और अगरबत्ती लिए सब चलने लगें. ठीक 12 बजे सब जंगल के बाहर पहुंच गए थे.
दिया लेते हुए टोकरी के साथ लगभग कुछ कदम चल कर जंगल के अंदर एक पेड़ के पास पहुंच गया. कुछ ही दूरी पर सारे लोग मेरी तरफ पीठ कर के खड़े हो गए. पेड़ के नीचे जलते हुए दीये के पास टोकरी रख कर जंगल से बाहर की तरफ बढ़ रहा था की ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरा पैर पकड़ लिया हो. नीचे पैर की तरफ देखा तो पेड़ में से निकला हुआ हाथ मेरे पैर पर अपनी पकड़ मजबूत बना रहा था.
कुछ कह पाता उसके पहले ही वह हाथ मुझे घसीटते हुए जंगल के अंदर लेता चला गया. "कोई बचाओ....."
दो दिन बाद यश फोन आताहै . मोक्ष तू सही था. यह सब एक दूसरे से जुड़े हुए है . हॉस्पिटल का ट्रस्टी यानी की डॉक्टर अमन सिंह जो डॉक्टर पुष्पा देवी का इलाज कर रहा था. उसी डॉक्टर ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह भी बताई थीं. इसके अलावा..."
"क्या इसके अलावा ?"
"वह डॉक्टर भी केशवपुर से है . काफी रहीस घर से है ."
"ट्रस्टी हैना हॉस्पिटल का. इसका मतलब वो जैसा चाहेगा वैसा ही होगा हॉस्पिटल में. इस वक्त ये डॉक्टर कहां है?"
"कुछ जरूरी काम से वह भी अपने गांव केशवपुर गया हुआ है ."
"तुझे इतनी इंफॉर्मेशन कैसे मिल गई यश ?"
"नौकरी जाने का डर और हवालात की हवा. एक वीडियो जिससे अच्छी तरह ब्लैकमेल किया उस वार्ड बॉय को और डिटेल्स भी मिल गईं. अभी ये सब बात जरूरी नहींहै . तू पहले पुष्पा देवी के बेटे को फोन लगा. मुझे लगताहैजरूर कुछ ना कुछ गड़बड़ है . या उन सब की जान को खतरा है . तू खुद ही सोच ना इसी समय उस डॉक्टर का गांव जाना और सुमित और उसके परिवार का भी."
"यश फोन नहीं लग रहा है . कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ है . हमे अभी केशवपुर के लिए निकलना पड़ेगा. थोड़े ही देर में यश और मोक्ष केशवपुर के लिए निकल गए.
"नमस्ते मै मोक्ष. सुमित जी कहां है ?"
"उन्हे जंगल खा गया" कहते हुए सुमित की पत्नी जोर - जोर से रोने लगीं.
"जंगल खा गया ? क्या हुआ ?"
"आप लोग कौन ?"
"जी नमस्ते काका. हम सुमित जी से मिलने आए हैं ."
बहू तुम अंदर जाओ. बैठिए मै इनके पड़ोस में रहता हूं.
"सुमित जी कहा हैं ? हमे उनसे मिलना है . और उन्हें जंगल खा गया ? क्या मतलब हैइस बात का ?"
उस दिन दश क्रिया की पूजा और कार्यक्रम में रात के 11:30 बज चुके थे.अन्तिम क्रिया जो की जंगल में पेड़ के नीचे कुछ मिट्टी के बर्तन और सामान रख कर पूरी करनी थी. हम चार लोग सुमित के साथ जंगल की तरफ गए थे. वहां हमसे थोड़ी दूरी पर सुमित एक पेड़ के नीचे वह सामान और दिया रखने लगा. वह रखते हुए देखना मना था. इसलिए हम सब पीछे की तरफ होकर खड़े हो गए. कुछ ही मिनटों में जोर की आवाज आई और सुमित कहीं गायब हो गया. हम सब डर के मारे घर भाग आए.
आप में से कोई भी उस वक्त जंगल में उन्हें ढूंढने नहीं गया ? आई डोंट बिलीव दिस मोक्ष. इतनी रात यह सब सुमित को ढूंढते के बजाय घर भाग आए.
अब तक क्या कुछ पता नहीं चला सुमित जी का काका ?
अगली सुबह हम सब ने जंगल में बहुत ढूंढा लेकिन कहीं पता नहीं चला.
यह वही जंगलहैना जहां अघोरी तंत्र शक्ति से पूजा करते हैं ?
हा बिल्कुल सही कहा तुमने. इसके साथ यह जंगल लोगो को निगल जाता है . यह कहानी तो सुनी थीं. लेकिन इस बार देख भी लिया. बहुत ही रहस्यमई तरीके से सुमित बेटे का गायब हो जाना. तुम सब किस काम से मिलना चाहते थे सुमित से ?
काका आप मेरी बात पर यकीन करेंगे ?
हा बिल्कुल.
मैं अपने इस दोस्त यश और पत्नी पाखी के साथ यहां केशवपुर के मेले को कवर करने और अघोरियों का इंटरव्यू लेने आया था. बहुत कुछ रिकॉर्ड कर लिया था हमने और एक अघोरी बाबा का इंटरव्यू भी मिल गया था. फिर हम जंगल में भी गए थे. वहा एक अघोरी एक दीया रक्खे मटके को हवा में उड़ा कर जान लेने के लिए कह रहा था. तभी मैंने वह पटका पत्थर मार कर तोड़ दिया.
काला जादू... बहुत बड़ी गलती की तुमने. वह मटका किसी की जान लेने जा रहा था. उस अघोरी ने तुम्हारे साथ कुछ किया नहीं ?
काका उसने मुझे श्राप दिया. मुझे वह सब दिखेगा जो है नहीं. उसके बाद एक तेज रौशनी हुई और वह अघोरी कहीं गायब हो गया. सर पर चोट के कारण मैं दो दिन हॉस्पिटल में था. वहा मुझे एक औरत दिखी थीं. जो मुझे मुर्दा घर तक ले गई और उस औरत यानी की पुष्पा देवी की शक्ल बिल्कुल उस बॉक्स में रखी लाश की तरह थीं. तब से वह औरत मुझे कई बार दिखाई दी. उसके परिवार की जान खतरे में है . वह औरत कौन है और बहुत सारे सवालों के जवाब पाने के लिए मैंने सुमित जी के बारे में पता किया और उनसे मिला. आज यहां आकर पता चला कि वह भी गायबहै .
क्या अब भी तुम्हे दिखाई दी ?
नहीं काका. सुमित जी से मिलने के बाद एक भी बार नहीं दिखाई दी.
इसका मतलब सुमित और उसके परिवार पर जान का खतरा है . यह काला जादू है जो वह अघोरी किसी के लिए कर रहा था. जहा तक मैं समझ पाया हूं पुष्पा देवी की आत्मा तुम्हे दिखाई दे रही थीं. सुमित गायब है और आत्मा अब दिखाई नहीं दे रही है . आत्मा को काले जादू से कैद कर लिया गया है . आज रात को....
क्या काका. जो कला जादू तुमने तोड़ा था वह आज भी किया जाएगा. बलि देकर जान बचाना. आज अमावस है . सबसे गहरी और काली अंधेरी रात. बिल्कुल उस मेले के दिन जैसी. बेटा मोक्ष तुम्हे श्राप के कारण अब आत्माएं दिखाई देंगी. अगर तुम उनकी मदद करने जाओगे तो तुम्हारी जान को खतरा होगा.
सुमित जी को कैसे बचा सकते हैं काका ?
उस जंगल में जाकर. अगर सच मे उस जंगल में काला जादू हो रहा है तो इसे जंगल में ही रोका जा सकता है .
अमन सिंह को जानते हैं आप ?
हा अमन सिंह वह ठाकुर जिनका भाई.....
क्या काका?

