Archana kewat

Horror

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Archana kewat

Horror

भूतिया बंगला.... राज दुल्हन का

भूतिया बंगला.... राज दुल्हन का

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रियान्श और नितिंग ऑफिस में ब्रेक टाइम पर हमेशा की तरह काफी पीकर बात करने में बिजी थे. नीलम और सुमन भी हमेशा की तरह ऑफिस में नई क्या ब्रेकिंग न्यूज हैं? किस का ब्रेकअप हो गया और किसका प्रमोशन ? कौन किसके चक्कर में है. इस जासूसी में लगी थी. 


तभी कुनाल दौड़ता हुआ वहा आता है. उसे इस तरह आता देख नीलम और सुमन अपने जासूसी का काम वही पर स्टॉप कर वहा आ जाती है. कुनाल के फेस पर लम्बीवाली स्माइल देख सब सोच ही रहे थी की वो बोलना स्टार्ट कर देता हैं.


हमारी फिफ्टीन डेज के होलीडे की अप्लीकेशन एक्सेप्ट हो गई है. पूरी टीम फिफ्टीन डेज साथ छुट्टियां मना सकते हैं. यह बात सुनते ही सभी खुश से डांस करने लगते हैं. कुनाल इस ग्रुप का लीडर था पर अब वो अब सब का बेस्ट बडी भी बन चुका था.


अब हमें अपना वर्क कंप्लीट करना चाहिए. कल लंच टाइम में मिलते हैं. सभी अच्छी सी लोकेशन सोच लो. कल शाम तक सारी प्लानिंग कंप्लीट कर लेंगे.


कुनाल की बात पर सभी हां में सर हिलाकर सभी अपने अपने वर्क में फिर से बिज़ी हो जाते हैं. अगले दिन सभी ऑफिस में ब्रेक टाइम पर वापस कैंटीन में मिलते हैं.


आज का ही दिन बचा हैं हमारे पास. कल से हमारा हॉलिडे स्टार्ट हो रहा था. अब तक कोई प्लेस डिसाइड नहीं हुआ था कहा जाना है घूमने ? हम अब भी प्लेस की डिबेट में अटके हैं.


हां नितिन तू सही बोल रहा हैं. सोचो सभी. सब सोच ही रहे थे तभी कुनाल फिर से बोल पड़ता हैं. क्यू ना मेरे गांव चला जाए. वहा हमारा पुश्तैनी बंगला (हवेली) हैं.


पुश्तैनी बंगला सुनते ही सभी को यह बहुत ही इंटरेस्टिंग सा लगा. इसके पहले उन में से किसी ने भी हवेली नहीं देखी थी. सभी के फेस पर हवेली के बारे में और जानने का एक्सप्रेशन देख कुनाल अपनी बात कंटिन्यू करता हैं. गांव में हमारा एक पुस्तैनी बंगला है. जो गांव से बाहर हैं. वहा कोई नहीं रहता. मेरी फैमिली में जो भी गांव जाता हैं वो सब बंगले में नहीं गांव में बने घर में रहते हैं. यह सारी बातें सभी को किसी हॉरर मूवी की तरह लगने लगीं थीं. जिसे सुनते हुए वह सभी जल्द से जल्द वहा पहुंचना चाहते थें. 


कुनाल के गांव जाना हैं इस बात पर सब एग्री होते हैं. ऑफिस टाइम खत्म होने तक अपना अपना वर्क कंप्लीट कर सभी घर निकल जाते हैं. शाम को सभी ने अपने – अपने घर पर कुनाल के गांव जा रहे है यह बता दिया था. कुनाल सभी में फाइनेंशियली काफी आगे था. सभी के रहने और खाने पीने का अरेंजमेंट भी वही करनेवाला था. इस वजह से सभी को घर पर ईजिली परमिशन मिल गई.


अगली सुबह सभी कुनाल के गांव सोहनपूर के लिए निकल पड़ते हैं. कुनाल की मंगेतर थी नीलम और नितिन की गरलफ्रेंड थी सुनम. इस जर्नी में इन दोनों कपल्स को भी काफी अच्छा टाइम स्पेंड करने के लिए मिलनेवाला था. बहुत सारी मस्ती और बातो – बातो में वह सब गांव की तरफ बढ़ते जा रहे थे. 


शाम होते – होते वह सब गांव का बॉर्डर क्रॉस कर चुके थे. वहा का माहौल, हवा और वातावरण सब कुछ बिल्कुल ही साफ और बहुत ही अच्छा था. शहर से बिल्कुल अलग. सभी आसपास की हरियाली देख खुश

हो रहे थें. नितिन फोटोग्राफी में बिजी था. 


हे गाइस वो देखो वो बंगला. कुनाल ड्राइविंग रोक कर से बाहर निकलकर खड़ा हो जाता हैं. एक लंबी सी सास लेते हुए हां यही हैं मेरा पुश्तैनी बंगला. 


कुनाल यश कितना बड़ा और आलीशान हैं . इसे देखकर प्रेडिक्ट करना बहुत डिफिकल्ट हैं की इतना सुंदर बंगला खंडर कैसे बन गया. 


हा सुमन हैरान तो मैं भी हूं. पेड़ो की टहनियों और पत्तो को देखो ऐसा लग रहा हैं जैसे यह सब इस बंगले को सजाए हुए हैं. जहा तक मुझे याद हैं मैने कभी भी घर पर इस बंगले में कोई रहा हो यह नहीं सुना. काफी सालों ने खाली और देखरेख ना होने की वजह से यह आलीशान बंगला अब खंडहर बन चुका हैं. 


कुनाल यह खंडहर होकर भी बहुत खूबसूरत दिख रहा हैं. हर तरफ छाई हरियाली उसे इतना सुंदर बना रही हैं की कोई भी इसकी तरफ खींचा चला जाए . 


सब वहा पहुंच तो गए थे पर कुनाल के पापा की एक शर्त भी थी. सभी जितने दिन चाहे उतने दिन गांव में रहे. घूमे फिरे लेकिन हवेली की तरफ नहीं जायेगे और ना ही चोरी से वहा कदम रखने की कोशिश करेगे ऐसी वार्निंग भी मिली थी. वार्निंग के बावजूद भी कुनाल और उसके दोस्त चोरी से बंगले में कदम रखने की कोशिश जरूर करेंगे. कोई उनकी शर्त ना तोड़ पाए कुनाल के पापा ने पहले ही अपनी बहन को कुछ दिनों के लिए वहा बुलवा लिया था.


गाइस जब तक वह सब गांव में है तब तक बुआ हमारा ख्याल रखने के लिए हमारे साथ रुकेगी. बुआ के सामने कोई भी बंगले के बारे में गलती से भी जिक्र नहीं करेगा

यह मेरा ऑर्डर समझो या इंस्ट्रक्शन. कुनाल ने सभी को बुआ के सामने किस टॉपिक पर साइलेंट रहना हैं यह पहले ही बता दिया था. लेकिन सभी इतने आज्ञाकारी भी नहीं थे कि सारी बाते मान ले या वार्निंग से डरे. कोई भी बंगले की तरह नहीं जाएगा यह कुनाल के पापा का ऑर्डर था. जिस से अब छुपकर ही सही उस बंगले में सभी जाना चाहते थें . क्या राज है उस बंगले का ? अब बिना पता किए उन में से कोई भी शांत नहीं बैठने वाला था.


गांव में घर पहुंचते के बाद सभी ने फ्रेश होकर थोड़ा आराम किया. रात में बातों बातों के सिलसिले के साथ खाना खत्म करते ही सफर की थकान की वजह से सभी जल्द ही सोने के लिए चले गए. कुनाल के पापा किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते थे इसलिए उन सभी की देख - रेख के लिए अपनी बड़ी बहन को बुला लिया था. उनकी मौजूदगी में बंगले तक पहुंचना नामुमकिन था. बुआ या उनकी पहरेदारी में तैनात लोगों से छिपते हुए चोरी छिपे वह सब उस हवेली जायेगे. यही प्लान आगे चलकर कुनाल के लिए अनचाही मौत का एहसास और बाकी सब की रुह कांप जाए इस तरह के खौफ का मंजर बननेवाला था.


आधी रात होते ही सभी नींद के आगोश में सो चुके थे. कुनाल और उसके दोस्त प्लान के मुताबिक बहुत ही सावधानी से बंगले कि तरफ निकल पड़ते हैं. दिन में गांव जितना ही खूबसूरत था. वहीं रात में हर तरफ फैले अंधेरे में उतना ही डरावना. जरा से आते हवा के झोंके उस अंधेरे में किसी की मौजूदगी का एहसास दिलवाने लगते. काली अंधेरी रात में हर तरह खामोशी का सन्नाटा. बास के पेड़ जब आपस में टकराते तो और भी भयानक लगने लगते. उनसे आती आवाजों से ऐसा लगता जैसे वो हवेली के तरफ बढ़ते हुए लोगों के तरफ ही बढ़ रहे हों.


ये व्यू और आवाजे कितनी डरावनी हैं ना. हॉरर मूवी की तरह जैसे ये हमें चेतावनी देने की कोशिश कर रहीं हों. हमें सुबह ही हवेली चलना चाहिए. यह हम सब के लिए खतरनाक हों सकता हैं. 


नीलम को डरता देख कुनाल उसका हाथ पकड़ लेता हैं. मैं हूं ना हम सब सेफ हैं. मॉर्निंग में सब से छुपते हुए भी हमारा यहां आना इंपॉसिबल हैं. वैसे भी थोड़ी देर में हम हवेली तक पहूंच जाएंगे. डर के साथ सभी बहुत ही एक्साइटेड थे. हर खतरे से बिल्कुल अनजान और यह सोचना कि यह सब एक अच्छा एडवेंचर यह बात बिल्कुल ही गलत साबित होनेवाली थीं. जो डर और दहशत के उस मंजर को वह सब पूरी रात देखनेवाले थें उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थीं.


थोड़ी ही देर में सभी बंगले के पास पहुंच चुके थें. रात के लगभग 2 बज चुके थें. बादल पूरी तरह छठ चुके थें. अमावस का आधा चांद जो कुछ देर पहले बादलों में छुपा था बादल छटते ही आसमान में साफ – साफ दिखाई देने लगा था. चांद की रौशनी में बंगले के उप्पर बैठा उल्लू भी किसी दैत्य की तरह लग रहा था. उन सभी को वहा देख वह उल्लू जोर –जोर से आवाज करने लगता हैं. 


कुनाल ये उल्लू ऐसा लग रहा हैं जैसे हमारा ही इंतजार कर रहा था और अब यह किसी को मैसेज दे रहा हों. शिकार का चुके हैं. अब होगा बंगले में शिकार कहते हुए नितिन जोर – जोर से हंसने लगता हैं. उसके इस मजाक पर कोई नहीं हंसता बल्कि सभी की गुस्से से लाल हुई आखें उसे ही देख रही थीं. सभी के एक्सप्रेशन को देख नितिन समझ जाता हैं की उसने गलत टाइम पर जोक मारा हैं. अब उसका चुप रहना ही ठीक हैं. 


कुनाल आगे और सभी उसके पीछे चलते हुए उस बंगले के दरवाजे के पास पहुंच जाते हैं. नितिन दरवाज़े पर तौच मारता हैं. दरवाजे पर एक बहुत ही बड़ा ताला लटका हुआ था. जिसे देखकर वह सब समझ गए थे की इसे तोड़ पाना मुश्किल हैं. 


हमें अंदर जाने के लिए कोई और रास्ता ढूंढना होगा. इस ताले को तोड़ना मुश्किल हैं और चांस यह भी है कि अगर ज्यादा आवाज की तो गांववाले यहा आ सकते हैं. इसलिए अंदर जाने का कोई और रास्ता ढूंढना होगा. कोई खिड़की जो खुली हुई हो या मेरे अंदाजे से किसी खिड़की का कांच टूटा हो ऐसा रास्ता जिससे हम बहुत ही आसानी से हवेली के अंदर इंटर हो जाएंगे. हर तरफ टॉर्च के उजाले से रियांश हवेली के पीछेवाले हिस्से की तरफ बढ़ने लगता हैं. सभी उसके पीछे चलने लगता हैं. 


मिल गया. इस खिड़की का कांच टूटा हुआ हैं. सुमन आगे बढ़कर टूटी हुई खिड़की में हाथ डालकर खिड़की खोल देती हैं. थोड़ी ही देर में एक - एक कर के सभी बंगले के अंदर दाखिल हो जाते हैं.


बहुत सालों से वहां कोई नहीं रहता था. इस वजह से हर जगह मकड़ी के जाले,धूल और गंदगी थी. मकड़ी के जालों और धूल की वजह से कभी आलीशान और सब से खूबसूरत रहा बंगला आज पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका था. 


बंगले के अंदर दाखिल होते ही सभी की बैचेनी और बढ़ने लगती है. 


क्या राज है इस बंगले का ?


क्यों इसे बंद करना पड़ा?


इस तरह के कई सवाल जिनके जवाब ढूंढने के लिए सभी अलग अलग होकर उस भूतिया बंगले में घूमने लगते हैं. टॉर्च ने भी कुछ देर में जवाब दे दिया. अब हर तरह अंधेरा तो था लेकिन अंदर लगे कांच के झरोखों के बीच से चांद की हल्की – हल्की रोशनी से वहा पूरी तरह अंधेरा नहीं था. उस हल्की रोशनी के सहारे सभी आगे बढ़ रहे थें. सभी के लिए यह एक एडवेंचर गेम की तरह था.


जैसे कोई एडवेंचर ट्रिप हो. सभी ने अलग - अलग होकर ढूंढने का डिसीजन लिया. जिसमे कुनाल और नितिन अलग होकर हर कमरा देखते लगते हैं और शियांश के पीछे सुमन और नीलम चल रही थीं.


चलते हुए कुनाल के बढ़ते कदम एक कमरे के पास पहुंचते ही रुक जाते हैं. उस कमरे में काफी रौशनी थीं. जिसे देखकर कुनाल को बहुत ही अजीब लगता हैं. यहां तो हर तरह जाले और धूल. लाइट कनेक्शन भी नहीं हैं. फिर इस कमरे में रौशनी कैसे ? जब यहां कोई रहता नहीं तो यह कमरा बाकी कमरों से इतना साफ कैसे हैं? कही चोर तो नहीं रहते यहां ? कमरे से आ रही रौशनी कुनाल को और भी बेचैन कर रहीं थीं. कुछ देर सोचने के बाद कुनाल उस कमरे में दाखिल हो जाता हैं. 


कमरे के अंदर का नजारा देख कुनाल की आखें फटी की फटी रह जाती हैं. बेहत ही खूबसूरत सा वह कमरा अपने समय की आलीशानता की गवाही दे रहा था. कमरा की साज सजावट से ऐसा लग रहा था जैसे यह किसी नव दंपत्ति जोड़े के लिए सजाया गया हों. कमरे में चारों तरफ देखते हुए कुनाल की नजर उस सेज पर दुल्हन के जोड़े में लंबे घूंघट में बैठी औरत पर पड़ती हैं. 


कौन हैं ये दुल्हन ? क्या चल रहा हैं ? कुछ पल सोचने के बाद कुनाल उस दुल्हन की तरफ उसके पास पहुंच जाता हैं. कौन हैं आप ? ये बंगला मेरा हैं. आप यहां कैसे आई ? 


कुछ देर उस बेजान सा पुतला बनी दुल्हन में किसी भी तेरह ही कोई आहट नहीं होती. उस दुल्हन को इस तरह बेजान सा पुतला बना देख हिम्मत कर कुनाल दुल्हल का घूंघट उठाने के लिए हाथ आगे बढ़ा रहा था की उसे एक अपने पीछे से किसी की आवाज सुनाई देती हैं. 


कुनाल तू इस कमरे में क्या कर रहा हैं?


वो दुल्हन यार कहते हुए नितिन दुल्हल की तरफ फिर से मुड़ता हैं. लेकिन इस बार का मंजर देख कुनाल के पैरों तले की जमीन खिसक जाती हैं. आलिश खूबसूरत सा वह कमरा जले हुए कमरे में तब्दील हो चुका था. हर तरफ जाले और राख. सामने बैठी वह दुल्हन भी गायब हो चुकी थीं.


कुनाल के चेहरे पर परेशानी साफ – साफ दिखाई दे रही थीं. नितिन समझ नहीं पा रहा था की कुनाल को क्या हुआ हैं. यहां क्या कर रहे हो कुनाल?


नितिन यह कमरा पहले ऐसा नहीं था. यहां लाइट थी. कमरा पूरी तरह डेकोरेटेड था और सामने बड़ा सा बेड था. जिस पर घूंघट में एक औरत बैठी थीं. तेरी आवाज पर मैं पीछे पलटा और ये कमरा खंडहर बन गया. सब कुछ गायब ?


कुनाल की ऐसी अविश्वसनीय बाते सुन नितिन को यह एहसास हो रहा था की कुछ तो गड़बड़ हैं. कुनाल मेंटली काफी स्ट्रॉन्ग हैं फिर हैलुसिएशन होना ? वो भी कुनाल को ? उस समय कुनाल की बात को अवॉइड करना ही नितिन को ठीक लगा. कुनाल चल आई थिंक हम सब के लिए यहां रुकना अब डेंजरस हो सकता हैं. सब को ढूंढकर जल्द से जल्द यहां निकलना चाहिए. नितिन की इस बात पर सहमत होते हुए वह दोनों उस कमरे से निकल जाते हैं.


वही दूसरी तरफ रियांश के पीछे चलते हुए नीलम ऊपरी मंजिल के कमरों तक पहुंच गई थीं. सीढ़ियों पर चढ़ते हुए वह इस बात को बिलकुल भूल गए थे की सुमन कही खो गई हैं. इस बात का एहसास उन दोनो को तब हुआ जब रियांश एक अचानक पीछे मुड़ा. जहा उसे सिर्फ नीलम ही दिखाई दी. सुमन कहा हैं ? नीलम भी हैरान थी इतने देर में उसे भी पता नहीं चला की सुमन उनके साथ नहीं हैं.


दूसरी तरफ सुमन किचनवाले हिस्से में स्तिथ हाल की तरह पहुंच चुकी थीं. जहा बड़ा सा डायनिंग टेबल था. वहीं एक टेबल पर वह बैठ गई. सब में से कोई तो मिल जाएगा सोचकर उसने वही रुकना ठीक समझा. थोड़े ही देर में सुमन एहसास होने लगा जैसे किसी ने उसके दोनों पैर पकड़ लिए है . अपने पैरों पर तेज होती पकड़ का अंदाजा कुछ ही पलों में बिल्कुल सही निकला. टेबल के नीचे झांकते ही एक पल के लिए सुमन की सांसे ही मानों अटक गई हों.


टेबल के नीचे दो हाथ जो पूरी तरह जल चुके थें. हाथों में बड़े - बड़े छाले. वह हाथ जो बिना डेड बॉडी के उसका पैर पकड़े हुए है. अब सुमन पूरी तरह डर चुकी थी. ऐसे किसी मंजर की बिलकुल कल्पना नहीं की थीं उसने. वहा से भागने के लिए जैसे ही वह अपना सर डायनिंग टेबल से अंदर से बाहर निकालते ही सामने का मंजर देखते ही वह इतना जोर से चिल्लाई. सुमन की चीख सुनते ही सब बुरी तरह डर गए और उसे ढूंढने लगे. पूरी तरह दुल्हन के लिबास में सजी औरत बिल्कुल उसके सामने बैठी थी. जिसके शरीर पर दोनो हाथ नहीं थे. सुमन को समझने में देर नहीं लगी की इस दुल्हन के कटे हुए हाथों ने ही उसके पैर पकड़े हैं. 


वह दहशत का माहौल इस कदर होता जा रहा था की कोई समझ नहीं पा रहा था वहा क्या हो रहा हैं. हवेली में चांद की हल्की रौशनी इतनी आ चुकी थी की सब साफ – साफ दिखाई देने लगा था. उस दुल्हन का एक तरह का चेहरा पूरी तरह से जल चुका था. आंखे बिल्कुल सफेद जिस मे किसी तरह का कोई बिंदु नहीं था. बड़े - बड़े बाल और लंबे - लंबे नाखून. शरीर पूरी तरह से जल चुका था. हर तरफ उसके शरीर से गिरते कीड़े मकौड़े और शरीर पूरी तरह जलाकर सड़ चुका था जिस से आती बदबू असहनीय थी. 


पलक झपकते ही वो हवा में उड़ने लगती हैं. सुमन लगभग बेहोश होकर गिरनेवाली ही थी तब तक कुनाल, रियांश और नीलम वहा पहोंच जाते हैं. सुमन को कुछ देर में होश आने पर सब सभी को अपने पास पाती हैं. आसपास उसे वह दुल्हन नहीं दिखाई देती हैं. डर की वजह से सुमन का शरीर आग की तरह तप रहा था. 


सुमन सब को देखकर रोने लगती हैं. जैसे वो लोग नहीं आते तो शायद सुमन अब तक जिंदा ना होती. कुछ देर रोने के बाद खुद को संभालते हुए सुमन अपने साथ हुआ वाक्या सब को बताती हैं ने सब कुछ बता दिया. सुमन की बाते सुनते ही कुनाल को वह कमरे में हुई घटना याद आ जाती है और वह सब को सेज पर बैठी दुल्हन के बारे में बताता हैं. 


अब सभी समझ चुके थे की इस बंगले की कुछ कहानी है. कोई ऐसा राज है जिस वजह से इस बंगले को ऐसे बंद रख्खा गया हैं. सभी का अटेंशन सुमन की तरफ था जिस में वह नोटिस नहीं काट पाए की नितिन गायब हैं. सब वहा से अब भागना चाहते थें. लेकिन नितिन को ढूंढना भी जरूरी था. आज शायद सभी के लिए यह रात आखिरी रात साबित होनेवाली थीं. मौत हर पल वार करने के लिए तैयार बैठी थीं. यह बात सभी समझ चुके थें.


सुमन और नीलम अभी डरने का वक्त नहीं हैं. हम सब यहां साथ आए हैं. तो यहां से बाहर भी साथ ही निकलेंगे. मरना होगा तो सब साथ ही मारेंगे. लेकिन डरपोक बनकर नितिन को यहां छोड़कर नहीं भागेंगे. कुनाल की हां में हां मिलाते हुए सुमन और नीलम भी कुनाल के साथ रियांश को ढूंढने के लिए आगे बढ़ने लगती हैं.


वहीं दूसरी तरफ नितिन किसी के बुलाने की आवाज की तरफ आगे बढ़ रहा था. आवाज बंद होते ही उसे अपने पीछे किसी के होने का एहसास होता हैं. जब वह पीछे मुड़कर देखता हैं तो वहा दुल्हन के जोड़े में एक औरत थीं. वह दो बार वार करने में असफल रही थी. वह नितिन की बढ़ उसे गले से लगा लेती हैं. उसके गले लगाते ही नितिन सब कुछ जैसे भूल जाता हैं. कुछ पल के लिए नितिन भी उस के प्यार में ढूब सा जाता हैं. जैसे ही नितिन उसे गले से हटाकर देखने की कोशिश करता हैं तो उसे सुमन की याद आ जाती हैं. लेकिन जिसने उसे गले लगाया था वह सुमन नहीं थी. एक जली हुई दुल्हन जो बहुत ही बदसूरत. जिस के लंबे - लंबे नाखून. नितिन समझ चुका था की वह पूरी तरह फस चुका हैं. यह चुड़ैल हैं. जो कुछ ही देर में उसे मार देगी.


चुड़ैल ने अपने नाखून नितिन के गले पर जोर से धसाना शुरू कर दिया. दर्द की वजह से नितिन जोर - जोर से चिल्लाने लगता हैं. नितिन कि आवाज सुनकर सभी आवाज के पीछे दौड़ने लगते हैं.


वह नितिन को मार पाती उसके पहले सभी नितिन के पास पहुंच जाते हैं. इस बार दुल्हन के जोड़े में उस चुड़ैल को सभी ने साथ देखा था. कुनाल को देखते ही वो हवा में उड़ने लगती हैं. तुम्हारा ही इंतजार था कुनाल. चुड़ैल की यह बात सुनते ही सभी के पैरो तले से जमीन खिसक जाती हैं. 


सभी एक दूसरे का हाथ पकड़कर वहा से भागने लगते हैं. लेकिन घूम फिर कर जहा से भागना शुरू किया था वही आ जा रहे थें. किसी को वह खुली खिड़की नहीं मिल रही थी जहा से सभी यहां अंदर आए थे और ना ही बाहर निकलने का कोई रास्ता. अब कुनाल को समझ आ गया क्यू पापा ने उन सब को बंगले में जाने से मना किया था. क्योंकि वहा सबकी जान को खतरा था.


मौत सामने थी और कोई रास्ता नहीं मिल रहा था. हवेली की हर चीज जिंदा हो गई हो ऐसा लग रहा था. पहले से भी और भी डरावनी लगने लगी थी हवेली अंदर से. वह चुड़ैल कुनाल को पाना चाहती थी. उसे देखकर लग रहा था यह अपनी शादी वाली रात ही मरी हो. 


उसने कुनाल की तरफ इशारा किया और कहने लगी. मुझे तेरा ही इंतजार था. यह दूसरी बार था जब उस दुल्हन यानी चुड़ैल ने यह कहा. तेरे बड़ों की गलतियों की सजा तो तुझे मिलेगी ही. तभी ज़मीन में से अचानक ही काटे के पौधे बाहर आने लगे. जो कुनाल के अलावा सभी को जकड़ लिया था.


हिम्मत करते हुए कुनाल उस चुड़ैल से पूछता हैं.कौन हो तुम और क्या चाहती हो हम से ? कुनाल की यह बाते सुन इतना वह जोर - जोर से हसने लगती हैं. हसी ऐसी जैसे वीराने में किसी जानवर की. जिसे सुनकर कोई भी डर जाए. सभी उन काटेवाले पेड़ो में और भी जकड़ते जा रहे थे. जैसे कोई मिट्टी का दलदल हो जिसमे सभी तेजी से धसने लगे थे.


कुनाल खुद को समझता हैं और कुछ पल के लिए सोचने लगता हैं. अगर यह मेरा इंतजार कर रही हैं तो इसने मुझे अब तक पकड़ा क्यों नहीं? क्यों ये मेरे दोस्तों पर ही हमला कर रहीं हैं ? कुछ तो हैं जो इसे मेरे पास नहीं आने दे रहा हैं? लेकिन क्या ? कुनाल के हाथ अचानक की उसके गले में मौजूद रुद्राक्ष पर पड़ते हैं. यह रुदक्ष ? हां यहीं मेरी रक्षा कर रहा हैं.


कुनाल बिल्कुल अंजान बनते हुए दुल्हन यानी उस चुड़ैल से पूछा क्या चाहिए उसे.


तुम चाहिए हो. तुम्हे मारकर अपना पति बनाउगी. चुड़ैल की इस मांग पर कोई रास्ता ना सूझता देख कुनाल इस शर्त पर हामी भरता हैं की वो उसके दोस्तों को जिंदा और सही सलामत जाने देगी. लेकिन उसके पहले वह उन सबको इस हवेली का राज और वो कौन है? पूरी कहानी बताएगी.


मेरा नाम सीमा था. मैं तुम्हारे बड़े पापा की पहली पत्नी थी. यह सुनते ही कुनाल पूछ पड़ता हैं. तुम बड़े पापा की पत्नी कैसे ? जो उनके साथ हैं वो कौन है फिर ?


इतना सुनते ही वह दुल्हन(चुड़ैल) हवा में उड़ते हुए जोर - जोर से हसने लगती हैं.


प्रेमिका है वो उसकी. मुझे दुल्हन बनाकर शादी कर के लाए पर शादीवाली रात छोड़ गया वो मुझे. भाग गया अपनी प्रेमिका के साथ.


इतना सुनते ही कुनाल फिर सवाल पूछता हैं. क्या हुआ था आप के साथ? कैसे मौत हुई आपकी ?


....... इतना सुनते ही वो चुड़ैल एक बार फिर से जोर से चिल्लाई. खामोश तू मुझ से सवाल करेगा. तेरी इतनी हिम्मत. हकीकत सुन सकता हैं तू? सुनेगा अपने घर वालो के काले कारनामे. सुन उस रात उनके जाने के बाद तेरे पापा और सब ने मुझे गुनहगार बना दिया. उनके भाई के जाने की वजह मुझे बना दिया गया गया. सभी ने मिलकर मुझे कमरे में बंद कर दिया. उस रात जोर से आंधी तूफ़ान आया और लालटेन के गिरने से घर में आग लग लगी. 


मै रोती, चीखती रही पर किसी ने मेरे कमरे का ताला नहीं खोला. मुझे जिंदा जलता छोड़ भाग गए सब. मै इस तरह से जल कर मर गई.


.... पर इसका बदला अब लूंगी मैं. बड़ी ही मुश्किल से उस घर का कोई सदस्य मिला है. तुझे तो मै मार कर अपना बना लूंगी...... कहते हुए चुड़ैल जोर - जोर से हसने लगती हैं. देखते ही देखते वो भयानक हवेली पहले को तरह आलीशान महल में तब्दील हो जाती हैं .  


वहीं दूसरी तरह कुनाल की बड़ी बुआ सारे बच्चे अच्छे से सोये हैं या नहीं देखने के लिए एक बार उन सब के कमरे में जाती हैं. वहा किसी को ना पाकर उन्हें समझने में देर नही लगती कि कुनाल और सब बंगले कि तरफ गए है. उन सब की जान को खतरा है. 


बुआ जी देर ना करते हुए घर में उनकी सुरक्षा के लिए मौजूद सभी लोगों को और गांववालो को एकत्रित कर उन्हे सारी बात बताती हैं. बिना देर किए अब सभी लोग बंगले की तरफ जाने लगते हैं. 


वहीं दूसरी तरफ हवेली में शादी का मंडप भी बन जाता हैं. तेरी मंगेतर है ना नीलम. बेचारी तेरा होनेवाला पति. बस कुछ ही देर में मेरा हो जाएगा और तू कुछ नहीं कर पाएगी. कैसा प्यार है तुम दोनों का और फिर जोर - जोर से हसने लगती हैं. पर कुनाल की शर्त के अनुसार उसने सभी को उन काटेवाले पैधो से आजाद किया और दलदल से भी. वहा कुनाल की बुआ जी पंडित और गांववालो के साथ हवेली पहुंच चुकी थीं. 


हिम्मत कर के नीलम कुनाल के गले जा लगती हैं. कुनाल हम साथ जिएंगे और साथ - साथ ही इस दुनिया से जायेगे. 


यह सुनते ही वो चुड़ैल गुस्से से तिलमिला उठी. पहले से भी ज्यादा डरावनी. इस बार सीधा वार नीलम पर किया. जिस वजह से नीलम के सर में बहुत चोट आती हैं.


नीलम के बाद वह किसी पर हमला कर पाती उसके पहले की हवेली का दरवाजा खुल चुका था. मंत्रों की आवाज हवेली में गूंजने लगी थीं. वो आलीशान बंगला एक वीरान खंडहर में तब्दील हो चुका था. मंत्रों के आगे वह चुड़ैल काफी कमजोर हो चुकी थीं. सूरज की पहले किरणे उस हवेली में दाखिल हों रही थीं. जिस वजह से वह पहले से काफी कमजोर हो चुकी थीं. पंडित जी ने मंत्रो से उस चुड़ैल यानी दुल्हन को कुछ ही देर में कैद कर लिया. यह घटना सभी को एक सबक सिखाया. भूतिया बंगले से बाहर निकलने ही कुनाल और सभी ने राहत भरी एक लंबी सांस ली.


आज सभी की जान बस जाते - जाते बची थी. सुबह होते ही इस हवेली में पूजा पाठ और बड़ा हवन हुआ. उस चुड़ैल जिसके साथ इतना सब गलत हुए था. उसे मुक्ति दिलाई जा चुकी थी. वो बंगला अब उस दुल्हन के भूत से मुक्त हो चुका था. फिर भी वहा ताला मार के नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया गया.


कुछ दिन गांव में रहने के बाद छुट्टी खत्म कर के सभी अपने - अपने घर वापस आ गए . नीलम को सर पर जोर से चोट लगने से भूलने की बीमारी हो गई थी पर कुनाल नीलम से बहुत प्यार करता था. इसलिए उसे उसकी ये प्रॉब्लम से कोई दिक्कत नहीं होती थी. 


इस हादसे के बाद उन में से कोई भी गांव नहीं गया आज तक और आज भी उस घटना के बारे में सोचकर सभी की रूह कांप जाती है.



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