मोल
मोल
"खड़ी क्या है पानी ला जीजी के लिए" उनके पैर छूने के बाद अपनी नई नवेली बहू को चुपचाप खड़ा देख उसने आदेश देते हुए कहा।
फिर भी उनके मुंह को ताकती हुई वह चुपचाप खड़ी रही।
"सुना नहीं क्या?" बहू की हरकत पर वह खीझ उठी।
"आप पूरा गिलास पानी पियेगी या आधा?"
"तेरी मां ने कुछ सिखाया भी है या नहीं? पानी का भाव नहीं पूछा जाता। यूँ पूछकर जीजी का अपमान न कर" बहू के अप्रत्याशित शब्द सुनकर वह झल्लायी।
"माँ ने सिखाया है इसी से तो पूछ रही हूँ। आधा गिलास पानी पीना हो तो पूरेे गिलास का पानी जूठा कर फेंकने से पानी का अपमान न होगा?" अपनी बड़बोली बहू का जवाब सुन सहसा उसे अपने कंधों का दर्द याद आ गया।