Priyanka Saxena

Crime Inspirational

4.0  

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"मिनटों का खेल"​ साइबर क्राइम

"मिनटों का खेल"​ साइबर क्राइम

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"रचना, खाना लगा दो, नौ बज रहे हैं।"

"ठीक है मिहिर, बस पांच मिनट में डायनिंग टेबल पर आ जाओ।"

इतने में मिहिर के मोबाइल पर एसएमएस आया है, जब तक वह उठाकर देखता है, दूसरा एसएमएस आ जाता है।

"जल्दी आओ रचना। " मिहिर की घबराहट से भरी आवाज़ सुन कर रचना दौड़ कर आती है।

"क्या‌ हुआ, मिहिर?"

मिहिर उसे लैपटॉप स्टार्ट करने का इशारा करता है। वह किसी से बात कर रहा है," जी ठीक है, आप मेरे अकाउंट से विद्ड्राॅल तुरंत ही डिसेबल कर दें और मेरा एटीएम डेबिट कार्ड ब्लाॅक कर दें।"

एसएमएस पर एसएमएस आ रहें हैं, रचना का दिमाग घूम जाता है जब वह एसएमएस पढ़ती है , बैंक एकाउंट से पूरे नब्बे हजार अभी तक निकाले जा चुके हैं।

रचना के लैपटॉप स्टार्ट करते ही मिहिर ने लैपटॉप से लाॅगिन कर एटीएम कार्ड को ब्लाॅक कर दिया।

इतनी देर में एकाउंट से एक लाख बीस हजार रुपए निकाले जा चुके थे।

मिहिर सिर पकड़कर बैठ गया।

रचना ने कहा," यह रुपए तो झारखंड के रांची से निकाले गए हैं। हम तो वहां कभी गए भी नहीं! तुम्हारा एटीएम कार्ड कहां है?"

"ये रहा मेरे वाॅलेट में, देखो" एटीएम कार्ड निकाल कर मिहिर ने दिखाया।

"लगता है , मेरे कार्ड की क्लोनिंग हो गई है।" मिहिर ने कहा

" साइबर क्राइम सेल में तुरंत फोन कर रिपोर्ट दर्ज करा देता हूँ।"

मिहिर ने साइबर क्राइम सेल में फोन‌ लगाया, उन्होंने यह पूछा कि कार्ड ब्लाॅक करवा दिया है कि नहीं, फिर उन्होंने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने के बाद, एफआईआर की काॅपी लेकर अगले दिन साइबर क्राइम सेल आने को कहा।


यह सब घटनाक्रम मिनटों में हो गया, साइबर चोर ने पूरे नौ मिनट में एक लाख बीस हजार निकाल लिये थे।

ये तो मिहिर की सूझबूझ थी कि वह अपने हर एसएमएस को तुरंत देखता है, और एकदम से अपने एकाउंट से रुपए निकलते देख कर भी उसने होश नहीं खोए एवम् जो उचित कार्रवाई करनी चाहिए थी, वो मिहिर ने की यानि कार्ड बैंक से ब्लाॅक करवा दिया, अपनी तरफ से भी कार्ड ब्लाॅक कर दिया, फौरन साइबर क्राइम सेल में भी सूचना दे दी। यदि इतनी तेजी से मिहिर कार्ड ब्लाॅक नहीं करता तो साइबर चोर उसका बैंक एकाउंट ही खाली कर सकता था।


अगले दिन पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवा कर उसकी काॅपी लेकर मिहिर साइबर क्राइम सेल गया। वहां उसने घटित घटना का पूरा विवरण बताया।

साइबर क्राइम सेल ने एक इंस्पेक्टर उनके केस के लिए निर्धारित किया। इंस्पेक्टर ने बैंक से उस‌ दिन के एक लाख बीस हजार रुपए के विद्ड्राल ट्रांजेक्शन के स्टेटमेंट लाने को कहा।

मिहिर ने बैंक से स्टेटमेंट लाकर जमा करा दिया। मिहिर का एटीएम कार्ड उसके पास ही है, इस बात को भी इंस्पेक्टर ने जांचा।

साइबर क्राइम सेल इंस्पेक्टर ने मिहिर को आश्वस्त किया कि साइबर क्राइम है, चोरी गई पूरी धनराशि तीन महीने में बैंक एकाउंट में आ जाएगी।

मिहिर ने पूछा कि वो साइबर चोर जिसने यह चोरी की, उसका क्या?

साइबर क्राइम सेल इंस्पेक्टर ने कहा कि उसे पकड़ने की कोशिश की जाएगी।


एक हफ़्ता बीतते-बीतते मिहिर के पास साइबर क्राइम सेल से मिलने आने का फोन‌ आया।

मिहिर और रचना साइबर क्राइम सेल गए। वहां उनको पूछा गया कि क्या वह नये बाजार में हैंडलूम हाउस के पास लगी एटीएम मशीन प्रयोग करता है?

मिहिर ने हां," अरे! मैं तो उसी एटीएम से निकालता हूँ मेरी सोसायटी से सबसे नजदीक यही एटीएम है।"

साइबर सेल के इंस्पेक्टर ने बताया ," हमें शक था कि साइबर चोर ने पैसे निकालने के लिए आपके डेबिट कार्ड को क्लोन किया है। इसमें कार्ड स्किमिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसके जरिए उन्होंने कहीं दूर बैठकर यानि इस केस में रांची में बैठे बैठे मिहिर के कार्ड की डिटेल जान ली, फिर साइबर चोर ने घटना को अंजाम दिया।

हमने नये बाजार वाली एटीएम में स्किमर और कैमरा पकड़ा है।"

इंस्पेक्टर ने मिहिर और रचना को समझाते हुए साइबर चोरी कैसे की गई, विस्तार पूर्वक बताया और उससे बचने के लिए क्या करना चाहिए , यह भी बताया।

इंस्पेक्टर ने बताया, "एटीएम स्किमिंग में एक छोटी सी डिवाइस का इस्तेमाल होता है, इसे स्किमर कहते हैं। इसका उपयोग एटीएम ट्रांजेक्शन के दौरान कार्ड की जानकारी चुरा लेने के लिए किया जाता है। जैसे ही कार्ड को मशीन में स्वाइप किया जाता है, स्किमर डिवाइस कार्ड की मैग्नेटिक पट्टी पर स्टोर्ड जानकारी को कैप्चर कर लेता है।

साइबर चोर एटीएम कार्ड स्वाइप करने वाले सिस्टम पर स्किमर लगा देते हैं। वैसे, इसके लिए केवल स्किमर काफी नहीं है, इसके लिए वे या तो एटीएम के अंदर एक कैमरा लगा देते हैं या फिर बैंक के कैमरे को ही हैक कर लेते है। एक बार स्किमर पर पिन दर्ज होने और कार्ड का विवरण स्टोर हो जाने के बाद चोर इसका इस्तेमाल चीजों को ऑनलाइन खरीदने या क्लोन कार्ड बनाने के लिए करते हैं। आपके केस में साइबर चोर क्लोन कार्ड की मदद से आपके बैंक एकाउंट से दनादन पैसे निकाल रहा था।

अब सवाल‌ आता है कैसे पता लगाया जाए कि एटीएम मशीन पर स्किमर तो नहीं लगा है तो इसके लिए जब भी एटीएम से पैसे निकालने जाएं तो कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखना चाहिए।

स्किमर का पता लगाना आसान है, आपको बस इतना करना है कि एटीएम मशीन का उपयोग करने से पहले इसकी जांच कर लें।

अगर एटीएम पर कीपैड बेतरतीब तरीके से निकला हुआ लगे, तो उसकी जांच करें, यह नकली हो सकता है।

मशीन पर कार्ड रीडर वाला सेक्शन सामान्य से ज्यादा उभरा लग सकता है, ऐसा उसके साथ छेड़छाड़ के कारण होता है।

अगर मशीन पर कार्ड रीडर ढीला लगा हुआ हो तो उस मशीन का इस्तेमाल करने से बचें।

यह तो बात हुई एटीएम मशीन चैक करने की, इसके अलावा जब कार्ड मशीन में डालें तब एटीएम पिन को बिना किसी को दिखाए दर्ज ( एंट्री) करें ।

बैंक ट्रांजेक्शन की जानकारी के लिए एसएमएस अपडेट की सुविधा का इस्तेमाल करें, इससे अगर आपके कार्ड से कोई भी लेनदेन होता है तो आपको तुरंत इसकी जानकारी एसएमएस‌ से मिल जाएगी।

अगर फिर भी साइबर क्राइम के शिकार हो जाते हैं तो जो आपने किया वहीं करना चाहिए यानि सबसे पहले बैंक को फोन कर कार्ड ब्लाॅक करवाएं, अपने बैंक अकाउंट में लाॅगिन कर खुद से भी कार्ड ब्लाॅक कर दें और तत्काल साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट लिखवाएं। रिपोर्ट दर्ज करवाने में देरी नहीं करें।

यदि यह साबित हो जाता है कि कार्ड स्किमिंग हुआ है तो बैंक तीन महीने के बाद पूरा धन वापस आपके एकाउंट में डाल देगा।"

इसके बाद उन्होंने कहा," आप लोग निश्चिंत होकर जाइए, तीन‌ महीने के बाद आपकी चोरी गई धनराशि एकाउंट में आ जाएगी।

नये बाजार वाली एटीएम हमने बंद करवा दी , दूसरी एटीएम प्रयोग करते वक्त सभी सावधानियां बरतिएगा।"

मिहिर और रचना ने एक स्वर में कहा, " हम पूरा ध्यान रखेंगे।"

इंस्पेक्टर ने कहा," एक और पते की बात कि जिस बैंक का एटीएम कार्ड है कोशिश करें कि उसी बैंक की एटीएम मशीन से पैसे निकालें।

इसके साथ ही अपने डेबिट कार्ड की लिमिट निश्चित कर देनी चाहिए कि आप एक दिन में कितना रुपया निकाल सकते हैं। यदि कार्ड की जानकारी लीक हो जाती है‌ तब भी इससे आप अपने एकाउंट को सुरक्षित रख सकते हो क्योंकि एक दिन में लिमिट से ज्यादा धन नहीं निकलेगा।"

'धन्यवाद' कहकर मिहिर और रचना घर आ गए।

तीन महीने बाद मिहिर के बैंक एकाउंट में पूरे एक लाख बीस हजार रुपए आ गए।

दोस्तों, मिहिर की एसएमएस तुरंत देखने की आदत ने उसके साथ हुए साइबर क्राइम यानि चोरी के बारे में उसे आगाह किया और फिर उसने कार्ड ब्लाॅक कर साइबर क्राइम सेल को सूचित किया जो उसके जागरूक होने के कारण सम्भव हो पाया।

"जागरूक रहिए, सतर्क रहिए और साइबर चोरी/क्राइम से बचिए नहीं तो यहां मिनटों का खेल हो जाता है और खून-पसीने की गाढ़ी कमाई से हाथ धोना पड़ सकता है।"



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