Sheikh Shahzad Usmani शेख़ शहज़ाद उस्मानी

Tragedy Fantasy Thriller

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Sheikh Shahzad Usmani शेख़ शहज़ाद उस्मानी

Tragedy Fantasy Thriller

मिजारू, किकाजारू या इवाजारू

मिजारू, किकाजारू या इवाजारू

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बारी-बारी से पुराने और नये नोटों को वह बार-बार बारीकी से देख रहा था। पास ही बैठे उसके दोस्त ने पूछ ही लिया- "ऐसा क्या खास देख लिया पुराने और नये नोटों में? क्या सोच रहे हो?"

"देख रहा हूँ ख़ुद बन्दर बने हुए मुस्कराते अपने बापू को!"

"गांधी जी के तीनों बन्दरों की बात कर रहे हो!"

"हाँ, मिजारू, किकाजारू और इवाजारू!"

"क्या मतलब?"

"जापानी संस्कृति के अनुसार आँखें बंद किए हुए वाला 'मिजारू', कान बंद किए हुए वाला 'किकाजारू' और मुंह बंद किए हुए वाला 'इवाजारू'!"

"वो तो ठीक है, लेकिन इन नये नोटों में अनोखा क्या देख लिया?"

"पुराने नोटों में दायीं तरफ़ बापू का फोटो है और बायीं तरफ़ बापू 'वाटर मार्क' में छिपे हुए हैं। दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्करा रहे हैं, लेकिन नये नोट में बापू की फोटो बीच में आ गयी है!"

"तुम्हारा मतलब उनके तीन बन्दरों में से बीच वाले बन्दर की जगह पर ?"

"हाँ, सोच रहा हूँ कि यह तीसरा बन्दर कौन सा वाला है , मिजारू, किकाजारू या इवाजारू!"

"मेरे विचार से तो यह मिजारू है, आँखें बंद किए हुए वाला!" दोस्त ने मुस्कराते हुए कहा, "गाँधीजी उस बीच वाले की जगह पर हैं नोट पर आज के बुरे हालात न देख सकते हुए!"



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