लेखक : मिखाइल ज़ोशेन्का अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : मिखाइल ज़ोशेन्का अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
"हाँ बंदर भी बहुत हैं "शर्मा जी ने पास से गुजरती एक विद्यालय जाने वाली लड़की की तरफ घूरते हुए कहा....... "हाँ बंदर भी बहुत हैं "शर्मा जी ने पास से गुजरती एक विद्यालय जाने वाली लड़की की त...
एकल परिवार में स्वयं ही सब काम करने पड़ते हैं एकल परिवार में स्वयं ही सब काम करने पड़ते हैं
एक जोकर और बन्दर की कहानी, जिसमे बन्दर की होशियारी को दिखाया गया है एक जोकर और बन्दर की कहानी, जिसमे बन्दर की होशियारी को दिखाया गया है
उसकी राख को फेंकते हुए ऐसा लग रहा था कि मानो वह पुनः जन्म ले लेगा। उसकी राख को फेंकते हुए ऐसा लग रहा था कि मानो वह पुनः जन्म ले लेगा।
बंदर ने जार के अंदर हाथ डाला। फल से लदा हुआ लेकिन बंद हाथ नहीं निकला। बंदर ने जार के अंदर हाथ डाला। फल से लदा हुआ लेकिन बंद हाथ नहीं निकला।