महकती मोहब्बत
महकती मोहब्बत
उस दिन लोहिया पार्क में हेमा और राज एक दूसरे का हाथ पकड़े बैठे थे। अभी एक डेढ़ साल पहले ही तो मोहब्बत की उनकी कहानी शुरू हुई थी। हेमा के घरवालों को हेमा की मोहब्बत रास नहीं आती थी, पर हेमा तो हर मामले में जिद्दी थी, लिहाजा मोहब्बत में वह क्यों किसी की सीमा माने।
हेमा ने कहा, "सुनो राज, मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ। नयी रौशनी, नयी सुबह, नयी उम्मीदों के साथ, कुछ कहते लब, कुछ महकते ख्बाब के साथ, एक नया रिश्ता हमारे अपने आगोश में अचानक चला आता है। हमारे दिल में कब दस्तक दे जाता है शायद हमें भी मालूम नहीं होता। ये धीरे धीरे कब हमारे दिल में दस्तक दे रहा होता है कुछ खबर ही नहीं होती और उसके बाद शुरू होती है एक नया दिन, नयी सुबह, नयी राह। वैसे ही तो तुम मेरी जिंदगी में आ गए।"
"सही बात है हेमा।" राज की उंगलियां हेमा की उंगलियों पर तेजी से जम गई थी। "सोना, यही तो प्यार होता है। लब खुल के कुछ कहते नहीं। रात आसानी से ढलती नहीं। रात मानो थम सी जाती है। तुम्हारी यादें मेरी पलकों पे जम सी जाती है। मेरा हर ख्याल तुम्हारी यादों में ही ठहर जाता है। और यह मेरे चेहरे पर नयी मुस्कान लेकर आता है।
हर सांस में फिर यादें ही महकती हैं। ख्याल फिर ठहरता नहीं। दूर कहीं दूर चल पड़ता है। तन मन में सिहरन सी दोड़ जाती है।" "तुम्हारी मोहब्बत के एहसास से मेरा तन मन भीग जाता है। तुम्हें याद है राज। जब तुम मेरे दिल में बसे थे। चार पांच साल पहले की बात है। मेरी हालत तो दीवानी बन गई थी।
हेमा की आंखों में सतरंगे सपने तैरने लगे थे। वह पार्क की एक टहनी से फूल की पंखुड़ियों को तोड़कर लव मी या लव मी नॉट शुरू हो जाती है। फिर वो कहती है, राज तुम्हें पता है न कि मैंने तुम्हारे लिए कितनी तपस्या की। लगातार तपस्या। और तुम मेरी उपेक्षा करते रहे। उस समय मुझे हर तरफ आप ही आप देखते थे।
किताब में रखे गुलाब भी कभी कभी नजर आते थे। उनके बीच तुम्हारा चेहरा, मेरे प्रिय राज का चेहरा झांकता था। जो अक्सर खुशबू से मन महकाता था। आपकी यादों का सिलसिला फिर थमता नहीं। रोम रोम को गुदगुदा कर चेहरे पर खिलखिलाहट और थौड़ी शर्म ले आता है।"
राज- "हाँ यही तो प्यार है। रानी यह एक महकता ख्वाब है। खुशनुमा एहसास है। प्यार एक एहसास है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।"
और हम आप सबने भी महसूस किया होगा। "प्यार" ये एक ऐसा शब्द है जो हमारे रोम रोम को गुदगुदाने लगाता है इनका ख्याल ही काफी होता है, हमारे जिस्म को ये एहसास नयी ऊर्जा से भर देता है।
प्यार किया नहीं हो जाता है।सचमुच कोई प्यार का एहसास लेकर आता है और एहसास करा जाता है प्यार के बिना अधूरा है सब कुछ। कुछ पुरानी यादें और नये ख्वाब खुद ब खुद आने लगते हैं।दिल को गुदगुदाने लगते हैं।
प्यार का एहसास होना और कराना भी जरूरी है। हम अपनी शादीशुदा जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि ये खुशनुमा पल भूल ही जाते है। कुछ पल आप भी निकालिए इस प्यार भरे महीने में फिर देखिये कैसे चेहरे पर एक नयी मुस्कान आती है।
हमसफर के साथ समय बिताकर देखें, प्यार को कुछ अलग अंदाज में बताकर देखें, ठहरते जिंदगी में एक कंकड़ प्यार का मारकर तो देंखे कैसे नयी जान आ जाएगी।
हेमा और राज की तरह आप प्यार को महसूस भी करें और महसूस कराएं भी, ये जरूरी है, प्यार का एहसास कर के तो देखें नयी जान आ जाएगी सचमुच जिंदगी ही बदल जाएगी।आप के क्या विचार हैं प्यार के इस खुशनुमा एहसास के बारे में? मेरा विश्वास है कि अच्छे ही होंगे।