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Nikki Sharma

Fantasy

2.5  

Nikki Sharma

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होली जब फीकी पड़ गई

होली जब फीकी पड़ गई

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 मैं प्रियंका अपनी मौसी के घर छुट्टियों में आई थी।बी ए करने के बाद कम्प्यूटर की भी पढ़ाई कर रही थी।कभी- कभी मौसी के घर आती जाती रहती थी, मौसी का काफी बड़ा परिवार था, सब साथ रहते थे। यहां मन तो नहीं लगता था पर मां उसे भेज देती थी कुछ सीख कर तो आएगी।उसे मजबूरी में रहना ही पड़ता था।मौसी थीं तो अच्छी पर बात- बात पर ये एहसास करा जाती की वो छोटे जगह में रहती है।मौसी बड़े शहर में रहती थीं। सिर्फ दो बेटे ही थे।दोनों की शादी के लिए काफी लड़कियों की तस्वीरों को सब रोज देखते थे।

होली का दिन था सब होली के रंग में डूबे थे।पूरा परिवार एक साथ था।होली में सुबह सुबह मालपुआ ,पुरी ,सब्जी, दही बाड़े की खुशबू से पुरा घर महक रहा था।नाश्ते पर सब बैठे थे और बातों का सिलसिला जारी था भैया की शादी पर।सबकी बातें बस शादी पर आकर मौसी पर आकर अटक जाती थी क्योंकि मौसी को कोई पसंद ही नहीं आती, किसी की नाक अच्छी होती तो लम्बाई नहीं, लम्बाई होती तो रंग कम ।कुल मिला कर सारी लड़कियों की तस्वीर को उन्होंने छांट कर रख दिया।मैं सोचती ऐसे लोगों के पास बेटियों की नुमाइश होती है,पहले तस्वीरों में, फिर सामने ।बेटी इस लिए तो बोझ हो जाती हैं।

बेटी के रिश्ते के लिए रोज पिता बेचारा कभी यहां कभी वहां घूमता है।बेटे वाले घर में बैठे मीनमेख निकाल रहे हैं।मौसी मेरी भी रोज यही काम करती, रोज तस्वीर देखती फिर एक भी अच्छी नहीं है, कहकर वापस रख देती।मैं भी तस्वीर

देखती कुछ तस्वीर पंसद आई,तस्वीरों में से कुछ तस्वीर लेकर मौसी के पास... जाकर मैं बोली "मौसी भैया के लिए इन सब लड़कियों की तस्वीरें अच्छी हैं काफी पढ़ी लिखी भी हैं,भैया जैसी सुन्दर भी हैं। "


मौसी ने सारी तस्वीरों को देखा और उन्होंने प्रियंका को जो जबाब दिया,वो जबाब प्रियंका आजतक नहीं भूल पाई।

प्रियंका" तू भी कुछ भी देख कर पंसद कर लेती है अपने जैसी.. देख तो ये सब कैसी हैं बिल्कुल तुमलोग जैसी !लड़का एम बी ए है , तुम लोग जैसी नहीं न चलेगी जी"।प्रियंका तो अवाक सी अपनी मौसी का मुँह ताकती रह गई थी।प्रियंका सोचने लगी हम लोग मतलब क्या ..मैं नौकरी वाले लड़के के लायक नहीं।मेरा मन होली के रंगों में जो डूबा था पूरी तरह उतर गया।एकदम उदास, खामोश हो गयी ,आखिरकार मेरे में ऐसी क्या कमी है।होली मेरी फीकी पड़ गई।मैं उन बातों को भूल नहीं पाई कभी.खैर, कुछ दिन बाद भैया की भी शादी हो गई।

आज मेरी रानी, उसी प्रियंका की शादी है और प्रियंका तैयार होकर अपने आप को आइने में देख रही है, मौसी की बातें जो होली के दिन कही गई थी कभी, सालों से उसके कानों में गूंजा करती थीं। आज उसे सुकून मिल रहा था।चेहरे पे शिकन नहीं और न कोई डर था, बस एक खुशी थी।आखिर प्रियंका का पति एम बी ए करके नौकरी जो कर रहा था। प्रियंका की आँखों में आँसू आ रहे थे, पर वो खुशी के थे।

           



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