मेरा संकल्प
मेरा संकल्प
कहते हैं कि क्रोध करने से हम स्वयं को हानि पहुँचाते है और अपने व्यवहार में कर्कशता लाते हैं। क्रोध करते ही हम अपना नियंत्रण खो बैठते हैं। जिससे हमारा सब कुछ नष्ट हो जाता है।
मैं अचानक अपने पिता जी के मृत्यु के पश्चात अत्यधिक क्रोध करने लगी थी और मुझे ये समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्यों इतना क्रोध करती हूँ।
पर सभी मुझे टोकने लगे थे और कहते कि तुम अपनी इस आदत को सुधारों, तुम्हारे लिए बहुत खराब है। कुछ लोग तो मेरे इस आदत के कारण मुझे नापसंद भी करने लगे थे... और मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, क्योंकि मैं कैसे ऐसा व्यवहार कर सकती हूँ ये मुझे समझ नहीं आ रहा था। लेकिन मैंने फिर खुद की कमियों को ढूंढना शुरू किया तो पता चला कि मुझे हर झूठ पर गुस्सा आता है, मुझे किसी के गलत तरीके से किए गए कार्य के कारण भी गुस्सा आ रहा था। तभी एक दिन मुझे मेरे अच्छे मित्र ने मुझे समझाया कि तुम अपने अन्दर से इस नकारात्मक प्रभाव को निकालने के लिए खुश रहो और जितना तुम खुश रहोगी उतना ही तुम्हारे लिए ये ठीक हो यहां तक कि अगर तुम्हें गुस्सा भी आएं तो भी तुम खुश रहो।
मैंने ने भी ये करना शुरू किया। पहले - पहले तो कुछ महसूस नहीं हुआ पर धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा और फिर से मुझे सबका प्रेम मुझे मिलने लगा।
तब से मैंने संकल्प किया कि जीवन में मैं क्रोध से दूर रहूंगी और खुद को खुश रखूंगी।