Vibha Rani Shrivastava

Comedy

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Vibha Rani Shrivastava

Comedy

मद मर्दन

मद मर्दन

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वॉट्सएप्प पर की गई चर्चा

बोद्ध्य : हायकू


ज्योत्स्ना : यह विधा कब बनी और किसने बनायी?

बोद्ध्य : ध्यान रहे मैं एक हास्य व्यंग्य कार भी हूँ

ज्योत्स्ना : पहली बात तो

~हायकू~

हाइकु

ज्योत्स्ना : अगर व्यंग्य है तो हँसी ही गायब है

बोद्ध्य : 5/7/5

को उलट लयबद्ध कर

7/5/7

कर दिया और आपको हंसी नहीं लगी।

ज्योत्स्ना : नहीं

हंसी तो बिलकुल नहीं लगी

हँसी आने के लिए कुछ कुशलता दिखनी चाहिए

ज्योत्स्ना : चुनौती पूर्ण विधा में लेखन नहीं कर सकते तो विधा पर ही व्यंग्य कर खुद को हास्यास्पद स्थिति में ले आना कितना उचित••• विचारणीय होता है•••

बोद्ध्य : मैंने तीन दिन पहले हाइकु दिया है, उसकी शुद्धता देख लें। यदि आप एक मजाक को ज्यादा बकवास बना रहे/ रही हैं तो यह आपकी भूल है। नहीं कुछ बोलने का अर्थ ये नहीं कि आप कुछ से कुछ लिखते रहो अपना वाहवाही लूटने के लिए।

 : बहुत बकवास हो आप

बोद्ध्य : लेकिन तीन दिन पहले का हाइकु आप देख लो जो मैंने दिया है तब।

ज्योत्स्ना : आप विधा का मजाक बनाए और वाहवाही मुझे मिले

गज़ब

ज्योत्स्ना : हाइकु की परिभाषा क्या है?

ज्योत्स्ना : आपके लिखे शब्दों की आलोचना की ही नहीं। मगर लग रहा है कि आपको काना, लंगड़ा, लूला, चरित्रहीन कह दिया गया•••



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