Dr. Pradeep Kumar Sharma

Action Inspirational

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Dr. Pradeep Kumar Sharma

Action Inspirational

मां

मां

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ऑफिस से लौटकर जैसे ही वह घर पहुँचा, पत्नी बोलीं, "सुनिए जी, आपके पास किसी स्नेक रेस्क्यू वाले या सपेरे का फोन नंबर हो, तो बुला लीजिए। घर के पीछे रखे गमलों के पास एक साँप है।"

"साँप... ? हमारे घर में ? कब... तुमने मुझे बताया नहीं...?" आश्चर्य से उसने पूछा।

"हाँ, अभी थोड़ी देर पहले ही मैंने देखा। मुझे लगा, 15-20 मिनट में तो आप घर पहुँच ही जाएँगे। फोन पर बताती, तो आप भी हड़बड़ा जाते, सो मैंने साँप को एक पुरानी बाँस की टोकरी में ढक कर उसके ऊपर बड़ा-सा पत्थर रख दिया है और बच्चों को यहाँ बाहर रखकर आपका इंतजार कर रही हूँ।" उसने बहुत ही सहज भाव से कहा।

वह आश्चर्य से पत्नी और बच्चों को देख रहा था।

पत्नी ने ही तंद्रा भंग की, "ऐसे क्या देख रहे हैं जी ?"

"मैं, देख रहा हूँ उस लड़की को, जो पाँच साल पहले तक एक छोटी-सी छिपकली से डर कर पलंग से नीचे नहीं उतरती थी, आज साँप को देख कर भी डरी नहीं, बल्कि उसे टोकरी से ढँक भी ली।" वह बोला।

"तब वह सिर्फ पत्नी थी, आज वह माँ भी है।" पत्नी ने कहा।


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