"मां" स्त्री की खुबसूरत रचना
"मां" स्त्री की खुबसूरत रचना


इस सृष्टि की रचना परमात्मा ने कितनी ख़ूबसूरती से की है। परमात्मा की सबसे खूबसूरत रचना है नारी.... जो एक मां,बेटी,बहन,बहु होती है।पर इसी खुबसूरत रचना का लोग अपमान करने का कोई मोका नहीं छोड़ते।
परमात्मा की सबसे खूबसूरत रचना मां होती है, उनके जैसा कोई नहीं होता। मां अपने बच्चों को हमेशा एक सा प्यार.... देती है।वो अपने बच्चों में कभी कोई फर्क नहीं करती।वो भले कष्ट में क्यों ना हो...पर उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान होती है।वो अपने बच्चों को हमेशा सही सीख देती है और हमेशा सच्चाई की राह पर चलना सिखाती है।
जब बच्चे छोटे होते हैं... उन्हें अंगुली पकड़ कर चलना सिखाती है। उनके सब सपनों को पूरा करती है...भले उनकी अपनी स्थिति जैसी हो...पर हर हालत में पूरा करती है....पर समय की विडंबना तो देखो.... आज वही बच्चो को अपनी मां की सेवा करना बोझा लगाता। मां की सेवा करना बोझा कैसे हो सकता है.... जो मां रात...दिन.....हर पल हर वक़्त उसकी खुशी का ख्याल रखाती,जब वो बिमार होते है... उसकी सेवा में लगी रहती है.. बिना रात दिन देखें.... भूखे प्यासे बस अपने बच्चे की ठीक होने की दुआ करती.......... आज वही मां बोझ कैसे हो सकती है।
बस इतना कहना चाहती हूं आप सब लोगों से अनुरोध है कि अपने माता-पिता को कभी बोझ ना समझे... उनका महत्व समझें... उनकी सेवा करना अपनी जिम्मेदारी नहीं.... अपना कर्तव्य माने।चाहे मां हो या पिता दोनों के बिना आपकी जीवन की हर खुशी... हर सफलता अधूरी है। माता पिता हमारे जीवन का आधार है, उनका सम्मान करें..... माता-पिता अपने बच्चों की हर खुशी का ख्याल रखते... उन्हें तो बस अपने बच्चों से प्यार और सम्मान चाहते बिना किसी शर्त के।
आज बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने माता-पिता का परिचय देने मे शर्म महसूस करते हैं.... जानते हैं क्यो, क्यो कि उनके माता-पिता पढ़ें लिखे नहीं होते है.... उनका समाज में औदा नहीं है.....।पर बच्चों आप ये क्यों भुल जाते हो... आज वही माता पिता की बदौलत आज आपकी समाज में पहचान है.....भले वो शिक्षित नहीं पर उन्होंने आपको शिक्षा दिलाई...आपको शिक्षित किया ताकि आप इस समाज में अपनी पहचान बना सके। अपने माता-पिता के त्याग और बलिदान का सम्मान करें।