मैं एक गृहिणी हु। एक प्यारी सी बेटी की मां हु। लिखना बहुत अच्छा लगता है।कलम के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त करने की छोटी सी कोशिश..
यह कहानी कल्पानिक है। इनका किसी के जीवन से कोई लेना-देना नहीं है। यह कहानी कल्पानिक है। इनका किसी के जीवन से कोई लेना-देना नहीं है।
आप शांत हो जाइए मैं हूँ ....सब ठीक हो जाएगा। आप शांत हो जाइए मैं हूँ ....सब ठीक हो जाएगा।
जतिन और ललिता को लगा कि चिराग की शादी कर देने से उसके व्यवहार में थोड़ा परिवर्तन आएगा। जतिन और ललिता को लगा कि चिराग की शादी कर देने से उसके व्यवहार में थोड़ा परिवर्तन...
ससुराल के प्रति जिम्मेदारी तो मायके के प्रति कर्तव्य सिर्फ बेटीयों को नही बेटों को भी न ससुराल के प्रति जिम्मेदारी तो मायके के प्रति कर्तव्य सिर्फ बेटीयों को नही बेटों ...
अपने बेटे की दशा को देखकर आलोक जी रोने लगते हैं। अपने बेटे की दशा को देखकर आलोक जी रोने लगते हैं।
पोती के प्रति उनके प्रेम का रंग बदल जाता है।ये जिंदगी के सब रंगों में से एक रंग है "भेदभाव"का। पोती के प्रति उनके प्रेम का रंग बदल जाता है।ये जिंदगी के सब रंगों में से एक रंग ...
हमारी खामोशी हमारी कमजोरी नहीं हमारी तकाता है। हमारी खामोशी हमारी कमजोरी नहीं हमारी तकाता है।
बेटा तेरे सिवा हम दोनों का कोई नहीं है बेटा तेरे सिवा हम दोनों का कोई नहीं है
अच्छी यादों के साथ कड़वी यादों के साथ भी मुस्कुरा कर रहना सिखाती है। अच्छी यादों के साथ कड़वी यादों के साथ भी मुस्कुरा कर रहना सिखाती है।
करते हैं।" "चुपकर ये कह रही है दामाद जी सुन लेंगे। दामाद तो भगवान समान होता है।" करते हैं।" "चुपकर ये कह रही है दामाद जी सुन लेंगे। दामाद तो भगवान समान होता ह...