Seema Singh

Drama Thriller

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Seema Singh

Drama Thriller

आजादी जिंदगी से मुक्त होने की

आजादी जिंदगी से मुक्त होने की

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जिंदगी की जगं हार गई वो.. सबने बहुत कोशिश की पर वो जिंदगी से हार गई। सच कहिए उसे आजादी मिल गई इस नर्क भरी जिंदगी से। वो भी कोई जिंदगी थी पुरा शरीर जला हुआ...15दिनो से ICU में भर्ती ...ना कोई प्यार से दो बोल बोलने वाला,ना कोई प्यार से सर पर हाथ फेरने वाला"नर्स सरिता ने बड़े ही दुःखी मन ..नर्स रेखा को कहीं..

"आप किसकी बात कर रही है,उस बेचारी लड़की की जो 15दिनो से I CU में भर्ती थी... जिसका पुरा शरीर जला हुआ था और ना जाने कितने अनगिनत अंदरूनी घाव, जिसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता,वो थी कौन? और क्या हुआ था उसके साथ..??नर्स रेखा ने नर्स सरिता से कहीं..

"हां वही,उसका नाम रिमझिम था, सिर्फ उसका शरीर ही नही जला उसकी आत्मा तक भी जल गई थी अपनों के द्वार दिए विश्वासघात से"नर्स सरिता ने कही..

"आपको कैसे पता,उसका नाम...आप जानती है क्या ? उसके बारे मेंplz मुझे भी बताइए ना क्या हुआ, उसके साथ? किसने की उसकी ऐसी हालत?नर्स रेखा ने एक साथ सवालों की बौछार की..नर्स सरिता पर कर बैठी.

"मुझे आज सुबह ही उसके बारे में सब पता चला। आज जब पुलिस वाले डाक्टर साहब से बात कर रहे थे। तब मैं वहीं थी।वो पता रहे थे की उसका नाम रिमझिम था।वो अपने चाचा चाची के साथ रहती थी। रिमझिम के माता-पिता की मौत बहुत पहले ही हो गई थी। कहने को उसके चाचा चाची अपने सगे है पर जानवरों से भी बदतर उसके साथ बर्ताव करते थे।आस पास के लोगों से पता चला पुलिस को। पुलिस जब उसने पूछाताछ करने को गई तो वो लोग फरार थे... बड़ी छानबीन के बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ा है। वो उनके हिरासत में हैं और पूछाताछ के दरमियान पता चला की रिमझिम के साथ जो कुछ भी हुआ था उसके जिम्मेदार उसके चाचा-चाची है। उसके चाचा-चाची ने दौलत के लालच में उसकी ये हालत की... दरअसल रिमझिम के माता-पिता ने अपनी सारी दौलत रिमझिम के नाम कर दी थी।अगर किसी कारणवश रिमझिम को कुछ हो जाता है तो उसकी सारी दौलत उसके चाचा- चाची के नाम पर हो जाएगी। बचपन से ही रिमझिम पर बहुत अत्याचार करते थे और उसे डरा धमका के रखते थे। लोगों के समाने बहुत प्यार से पेश आते थे।पर आसपास के लोग सब जानते थे। पर आज के जमाने में कौन किसी के मामले में ज्यादा दखल देता है।

आये दिन रिमझिम के साथ मारपीट.. और फिर दौलत को अपने नाम करने के लिए रिमझिम की जान लेने की कोशिश। बेहोशी की हालत में उसे जलाकर मरने की योजना ।घर से कई दुर जंगल में उसके साथ ये सब किया..उसे जिंदा जला दिया।वो लोग तो निश्चित थे की रिमझिम मर गई है पर वो तो जंगल के पास से कुछ लोग गुजर रहे थे और पुलिस को खबर की...जब उसे hospital लाया गया था ।उसकी हालत बहुत नाज़ुक थी वो 80% जल चुकी कुछ भी बोलने और कहने की हालत में नही थी।पेपर में उसकी फोटो को देख कर उसके एक पड़ोसी ने पुलिस को फोन किया और फिर पुलिस को रिमझिम और इस कांड के बारे में सब पता। रिमझिम के चाचा-चाची भी पेपर में उसकी फोटो को देख भाग गए थे ।उन्हें अपने पकड़े का डर था।पर कहते हैं ना सच्ची देर से ही सही पर सबके सामने आ ही जाती है। और उस रिमझिम बेचारी की किस्मत भी कितनी खराब थी ... अच्छा हुआ उसे इस नर्क भरी जिंदगी और असहनीय पीड़ा से आजादी मिल गई....आज वो कहीं भी होगी खुली आसमां में जी रही होगी... भगवान उसकी आत्मा को शांति दे। इतना कहते ही नर्स सरिता बहुत भावुक हो जाती है....नर्स रेखा उन्हें संभालते हुए....

दौलत की चाहत और उसे पाने की लालच में इंसान कोई भी हद पर कर जाता है। और इंसानियत और रिश्तों को शर्मशार कर देता है।

यह कहानी कल्पानिक है। इनका किसी के जीवन से कोई लेना-देना नहीं है।


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