Pawanesh Thakurathi

Tragedy

5.0  

Pawanesh Thakurathi

Tragedy

माँ का प्रेम

माँ का प्रेम

1 min
507


माँ अपनी बेटी को सरल और शालीन बनने तथा सादगीपूर्ण वेशभूषा में कालेज जाने की सीख देती थी। बेटी सोचती थी, माँ पुराने खयालात की है। माँ अकसर अपनी बेटी को रात में घर से बाहर न निकलने की हिदायत देती थी। बेटी सोचती थी, माँ बहुत डरपोक है। माँ रोज़ अपनी बेटी को कोचिंग से समय पर घर लौट आने को कहती थी। बेटी सोचती थी, माँ अनपढ़ है। उसे पढ़ाई का महत्व नहीं मालूम। माँ अपनी बेटी से लगातार राकेश (लड़की का बाॅयफ्रेंड) से दूरी बनाए रखने का आग्रह करती रहती थी। बेटी सोचती थी, माँ को राकेश के विषय में अधिक पता नहीं है। आखिर एक दिन वह घटना हो ही गई जो नहीं होनी चाहिए थी। किसी लड़के ने घर लौटते वक्त लड़की के मुंह पर तेजाब फेंक दिया और लड़की की आँखों की रौशनी जाती रही।


आज इस घटना को बीते दो साल हो गए हैं। लड़की की आँखों की रौशनी लौट आई है किंतु उसकी माँ आज इस दुनिया में नहीं है, क्योंकि बेटी को आँखें दान देते वक्त आपरेशन के दौरान उसकी मौत हो गई थी।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy