Sandeep Kumar Keshari

Inspirational

4.0  

Sandeep Kumar Keshari

Inspirational

लॉक डाउन की बातचीत -06

लॉक डाउन की बातचीत -06

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"हाँ, संदीप बोलो", अनुपम ने फ़ोन उठाते ही कहा।

"और क्या हाल है अनुपम? ड्यूटी में हो क्या, मैंने उससे सवाल किया?"

"हाँ, ड्यूटी ही है अभी। शाम और रात दोनों है, कोरोना को लेकर। वैसे 24 घंटे ऑन कॉल ड्यूटी भी है", उसने जवाब दिया।

"अच्छा! क्या स्थिति है उधर कोरोना की", मैंने अगला सवाल किया?

"अभी तक असम में 27 केस मिला है, जिसमें सबसे अधिक मेरा होम डिस्ट्रिक्ट गोलाघाट में सबसे अधिक है। यहाँ डिब्रुगढ़ में अभी तक तो कोई केस नहीं आया, लेकिन आसपास के जिले में केस मिले हैं। हमारा ब्लॉक लेवल पब्लिक हेल्थ सेन्टर में स्क्रीनिंग हो रही है…"

"कैसे", मैंने बात काटते हुए पूछा?

थर्मल स्क्रीनिंग, जिसमें हर मरीज का तापमान देखा जाता है, और ट्रेवल हिस्ट्री पूछा जाता है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग और प्रोटेक्शन के बारे में भी बताया जा रहा है।"

"ओहो..! ट्रेवल हिस्ट्री वाले को क्या कर रहे हो? ब्लड जाँच कैसे हो रहा है? तुम्हारे हॉस्पिटल में कोरोना को लेकर क्या तैयारी और सुविधा है", मैंने सवालों की झड़ी लगा दी?

"ट्रेवल हिस्ट्री वालों को होम क्वारंटाइन में रख रहे हैं, लेकिन कुछ लोग मानने को तैयार ही नहीं है। समझाने के बावजूद लोग घर से बाहर निकल रहे हैं, घूम रहे हैं… मुझे लगता है कि इसको लेकर सरकार या एजेंसी को और भी स्ट्रिक्ट होना पड़ेगा। और… ब्लड जाँच तो मेडिकल कॉलेज में हो रहा है। वैसे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) , पुणे भेजा जाता था, लेकिन अभी यहाँ ही हो रहा है। हमारे हॉस्पिटल में तो उतनी सुविधा नहीं है। लेकिन अगर कोई संदिग्घ मिलता है तो उसे पास के मेडिकल कॉलेज, सिलचर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में रेफर करना पड़ेगा।" 

"अच्छा, फिर तेरे पी एच सी से सिलचर मेडिकल कॉलेज कितना दूर है", मैंने फिर पूछा?

उसने कहा, "यहाँ से ज्यादा दूर नहीं है। मेडिकल कॉलेज लगभग 55 किमी के आसपास होगा।"

"ओह्ह! अच्छा… ऐसा? फिर तुम्हें क्या लगता है, लॉक डाउन बढ़ाना चाहिए", मेरा सवाल बदलते हुए पूछा?

"हाँ, और कोई उपाय नहीं है। जिस तरह से नए केस मिले हैं, लॉक डाउन बढ़ाना मजबूरी है। कुछ बेवकूफों की वजह से अब ये कम्युनिटी लेवल पर आने वाला है। जिस दिन कम्युनिटी लेवल पर आ गया, सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल होते ज्यादा देर नहीं लगेगी, क्योंकि हमारे पास न तो उतना रिसोर्स है और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर…।" "ए संदीप, थोड़ा रुक, एक पेशेंट आया है, देखकर तुझे कॉल करता हूँ", अचानक उसने कहा।

"मैंने कहा कि ठीक है, काम कर लो, बाद में बात करता हूँ, बाय!"

फिर उसने बाय कहते हुए फ़ोन रख दिया।

              


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