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Vandana Singh

Tragedy

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Vandana Singh

Tragedy

लघुकथा- रिपोर्ट कार्ड

लघुकथा- रिपोर्ट कार्ड

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"सुनती हो... देखो अपनी सकीना के कितने अच्छे नंबर आये...." आमिर मियाँ की आवाज़ में जबरदस्त खुशी झलक रही थी ।


नसरीन जल्दी से चूल्हे से बाहर निकल आई, पसीना पोंछते हुए 

सकीना का रिपोर्ट कार्ड जब हाथ में लिया तो बरबस ही आंखों से आँसू टपक पड़े-

"मेरी सकीना को मैं खूब पढ़ाऊँगी, जो मैं न कर सकी वो मेरी बेटी करेगी! "


"अम्मी, तुम भी तो पढ़ने में बहुत अच्छी थी! खालाजान बता रही थी कि आपने टॉप किया था बारहवीं में! आप भी तो कुछ भी बन सकती थी। आपको कौन रोक सकता था ? " 

सकीना पूछ बैठी थी ।

 " तेरे अब्बा हुज़ूर"

 नसरीन का ज़वाब सुनकर सकीना हैरानी से आमिर को देखने लगी थी एकटक ।



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