लालच करोगे तो पछताओगे
लालच करोगे तो पछताओगे


मेरे प्यारे मुन्ना बात मेरी सुनना,
लालच न करना। एक समय की बात है एक लाला जी थे उन्हे कंजूस राम भी कहते थे। क्योंकि उनकी कंजूसी के किस्से पूरे रामनगर गांव मैं चर्चित थे, आप भी सुनना चाहते हो न।
एक दिन लाला जी को नारियल पानी पीना था और वो घर मै बैठे बैठे पी नही सकते थे, तो वह बजार निकल पड़े बजाए मैं नारियल पानी 20 रुपए का मिल रहा था तो उन्होंने सोचा आगे मंडी है वहा जाकर क्यू ना काम पैसे का ले लूं थोड़ा सा ही चलना पड़ेगा।
चलते चलते वो मंडी भी पहुंच गए। वहा जाकर नारियल के दाम आधे हो गए, 20 रुपए से 10 तब भी लाला जी की कंजूसी के कारण उन्हे वहा भी चैन नहीं मिला। उन्होंने सोचा आगे नारियल का बाग है वहा के माली से ले लेता हु। वहा जाकर उन्होंने माली से बोला माली ने कहा खुद पेड़ से तोड़ लो बिल्कुल मुफ्त यह सुन कर लालाजी पेड़ पर चढ़ तो गए पर वो उतर नही पाए, और इस चक्कर में पेड़ से गिर गए।
इसलिए लालच करना बुरी बात है।