क्वरेन्टाइन का चौदहवां दिन
क्वरेन्टाइन का चौदहवां दिन
डियर डायरी,
मेरा नाम परमिन्दर चड्ढा है। उम्र बासठ वर्ष। मैं नीलगगन सोसाइटिस के आर डब्ल्यू ए का चेयरमैन हूँ। दिल्ली पुलिस में काम करता था। इस समय सेवानिवृत्त हूँ। आर डब्ल्यू ए का वलेन्टरी जाॅब करता हूँ, आजकल।
आज मेरे ह्वाट्सएप पर किसी ने एक अजीब -सा मैसेज भेजा है। एक अनजान नंबर से आया था यह मैसेज। दरअसल, मेसैज तो क्या है, एक विडियो है जिसमें एक पच्चीस छब्बीस वर्ष का लौंडा एक आठ-नौ साल की बच्ची के साथ गलत काम कर रहा है। स्थान हमारी सोसायटी का ही पार्क मालूम होता है।बच्ची कुछ-कुछ हमारी पड़ोस वाली टिया जैसी लगती है! लड़के को तो मैंने पहले कभी इस सोसायटी में नहीं देखा। तहकीकात करता हूँ।
अच्छा डायरी, तुम ही बताओ, इस लाॅकडाउन में लोग अपनी छोटी बच्चियों को पार्क जाने दे रहे हैं? इन लोगों का क्या करूँ? खूब डाटूँगा उस बच्ची के माँ-बाप को। एक बार पता चल जाए कि कौन है।