क्वारंटाइन
क्वारंटाइन
गाँव में बाहर से आये मजदूरों को सिर्फ जाँच कर के दो दिन क्वारंटाइन कर के घर भेजना. किसी आने वाले बड़े खतरे की निशानी है .कोरोना जैसी बड़ी महामारी मे इतनी बड़ी लापरवाही इसका ज़िम्मेदार कौन होगा।अल्लाह ना करे अगर कोरोना का एक केस भी गाँव मे आ गया।तो पूरा गाँव मिनटों मे इसके चपेट मे आ जायेग।यंहा पर सरकार और मजदूर दोनों की ज़िम्मेदारी है।की वो अपने को अलग थलग चौदह दिनों तक रखे।पर यंहा हर कोई अपने ज़िम्मेदारी से भागता नज़र आ रहा है।