कसमें वादे

कसमें वादे

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प्लेन की सीट पर बैठते ही दोनों को नींद सी आने लगी क्योंकि इतने दिनों से घूमने और मौज मस्ती की थकान थी। हनीमून की मीठी यादें सोने नहीं दे रही है, मन को गुदगुदा रही है।

विशाल को एक- एक बात याद आ रही है कितना ध्यान रखने वाली उसको पत्नी मिली है। उसनें सिर्फ मजाक में एक बार कह दिया अगर मैं चलते-चलते समुद्र के अंदर तक चला जाऊं और उसी में डूब जाऊँ तो तुम क्या करोगी?

रोली ने तुरंत उसके मुँह पर हाथ रख दिया था और आँखों में आंसू भर के बड़े ही प्यार से बोली थी, "मैं आपके पीछे-पीछे ही आ कर डूब जाऊंगी आपके बिना जिंदा रह कर क्या करूंगी।"

विशाल ने पास की सीट पर बैठी अपनी नव ब्याहता पत्नी को बड़े प्यार देखा वह भी शरमा के मुस्कुरा दी। विशाल ने आंखें बंद कर ली उसका सर कुछ भारी सा हो रहा था ।

एयरपोर्ट पर उतरते ही दोनों के टेंपरेचर चेक किये गये। विशाल को बुखार था तो उसको तुरंत अलग ले जाया गया, कॅरोना का अंदेशा पाते ही विशाल को अलग कमरे में रख दिया ।

विशाल ने घबरा के कहा, "बाहर मेरी वाइफ मेरी चिंता कर रही होगी प्लीज उसको जाकर बता दीजिए कि वह परेशान ना हो।"

अचानक कमरे के बाहर से बहुत सी आवाजें आने लगीं फिर किसी आदमी ने आकर डॉक्टर्स को बताया की एक महिला काबू के बाहर हो रही है उस को अंदर कमरे में पति के पास आना है समझ ही नही रही है कुछ।

डॉक्टर ने बाहर जा के उस को तसल्ली दी कि हम देख-रेख करेंगें और पुलिस ने भी सख्ती दिखाई तब वह बहुत मुश्किल से इस शर्त पर मानी की पति से उसकी बात फ़ोन से कराई जाए अभी ।

फ़ोन पर उस ने विशाल से कहा आप परेशान न हो बस जैसा ये लोग बोलें वो करें मैं यही पास के होटल में रूम में रहूंगी जब तक आप ठीक नही हो जाते, आप को कुछ नही होगा।

फोंन बंद करने के बाद वह आंसू पोछती हुई भारी कदमो से चली गई।


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