कोरोना ने बदला जीवन
कोरोना ने बदला जीवन
अक्सर घर परिवार में कहते सुना गया था कि घर से बाहर ही रहते हो, कभी घर पर भी समय दिया करो। क्योंकि स्कूल में भी जाना पड़ता है। ऐसे में स्कूल से आते ही लेखन कार्य में जुट जाने से भी घर परिवार में समय देना बहुत कठिन हो गया था। चाहे कोरोना की वजह कहे या लॉकडाउन का कारण। पूरे पूरे दिन घर पर ही रहना पड़ता है। गत 2 माह से घर के अंदर ही समय बिताना पड़ा है। घर परिवार के बीच रहकर अब तो घर वाले परेशान हो गए हैं कि बेहतर था घर से बाहर रहते थे। चाहे घर परिवार नाराज हो लेकिन परिवार को एक करके रख दिया कोरोना ने। जो समय नहीं दे पाथे वे परिवार को समय देने लगे हैं
प्राय प्रदूषण की समस्या देखने को मिलती थी। दिन-रात प्रदूषण में जीना दूभर हो गया था। सड़क को पार करना कठिन, रास्ते से गुजर ना कठिन लेकिन कोरोना ने सब कुछ बदल दिया। वातावरण साफ तो हुआ ही सड़कों पर कभी गुजरना भी पड़े तो शांत भाव से चलो, कोई वाहन का डर नहीं कोई प्रदूषण की समस्या नहीं। इंसान सदियों से चाहता आया है वह कोरोना ने कर दिया रास्ते में सुबह शाम जब घूमने जाते तो बड़ी प्रसन्नता होती होती है।
सकारात्मक दृष्टिकोण पर में देखने को मिला। एक जगह रह कर घुल मिल कर जीवन यापन कर के फिर से पुरानी एकल परिवार की याद आ गई जब परिवार के सदस्य मिलकर एक दूसरे से बातें करते थे वो समय एक बार फिरे से देखा गया।ऐसा लगा फिर से परिवार एकल हो गया है जो वर्षों पहले होता था। अब तो परिवार विभाजित हो गए हैं परंतु एक बार फिर से लॉकडाउन परिवारे को एकल बनाकर रख दिया।
लाकडाउन में सबसे बड़ा शकुन उस समय मिला जब भागदौड़ की जिंदगी से राहत मिली। सुबह उठना, जल्दी जल्दी खाना खाना, तैयार होना कभी स्कूल जाना, कभी दफ्तर जाना, कभी बाजार जाना इतना कठिन जीवन हो गया था कि इंसान का रक्तचाप भी बढ़ जाता था परंतु लाकडाउन में सारी भागदौड़ खत्म कर दी। परिवार भी यह कहते सुना कि बाहर मत जाइए, कोरोना का खतरा है। कितना आनंद आया वाकई कोरोना ने बेहतर काम कर दिखाया।
खानपान में कोरोना में बहुत कुछ बदलाव किया। अक्सर बाहर का चटपटा, अटपटा उल्टी सीधी चीजें खाने के शौकीन होते थे। ऐसा लगता था कि इंसान इन चीजों को खा कर ऊब गया है परंतु कोरोना की महामारी के चलते सब कुछ छूट गया। बाहर की चीजें परिवार का सदस्य हाथ लगाने से डरने लगा। घर में बनी हुई सब्जियां और साग खाकर मन खुश हुआ वाकई पुराने समय की याद तरोताजा हो गई।