कॉलेज के दिन
कॉलेज के दिन
मैंने अपने दोस्त को फोन लगाया ओए गलत नम्बर लग गया काट काट जल्दी ओह्...
कुछ देर बाद उसी नम्बर से फोन आया, कहां कौन मैं (अपना नाम बताया) उसने कहा फोन क्यों किया ?
मैंने कहा गलती से लग गया बहन जी और मैंने फोन काट दिया, संयोग तो देखो वो लड़की मेरी कॉलेज में पढ़ती है। उसने तीन चार बार फोन किया
लेकिन मैंने उठाया नहीं। मैं भी सोच रहा था कि अगर ऐसे गलत नम्बर डायल हो जाए तो क्या उसे माफ नहीं करना चाहिए, जबकि वो माफी भी मांग रहा हो। मेरी भी कैसी खोटी किस्मत की कोलरट्यून में अमिताभ बच्चन जी भी नहीं बोले सीधे आधे सैकेंड में भी मिस्कोल पहुंच गया। नहीं तो दो मिनट तक चेतावनी देते हैं साब।
दूसरे दिन कॉलेज पहुंचा कॉलेज का ऐसा पहला दिन था जिसमें डर लग रहा था कॉलेज जानें में। कॉलेज पहुंचा सब मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे मैंने कोई गलत काम किया है। कक्षाएं शुरू हुई, तभी बाहर से रामु (कर्मचारी) आया सर से बोला नमस्ते सर ऑफिस में ..... (मेरा नाम लेते हुए ) को बुला रहे हैं जल्दी चलें।
मेरे मन में हजारों प्रश्न खड़े हुए सोच रहा था अभी तो कक्षाएं शुरू हुई थी कोई रिजल्ट या शिकायत कैसे हो सकती है। अब तक उस लड़की के बारे
में विचार नहीं आया था मुझे पता नहीं था।
ऑफिस में पहुंचते ही वही दिखे जो आप सोच रहे हैं लेकिन मैंने नहीं सोचा था कि वो इतनी छोटी बात के लिए मातम मचाने लग जाएगी।
लड़की ने अपने हिसाब से पूरी कहानी सुनाई....सर सर इसने कल रात को फोन किया और उलटी उलटी व अपशब्द बोल रहा था।
(मुझे दो थप्पड़ मारते हुए) सर ने कहा...... बता भाई क्यों किया फोन ? मैं तो उसे देखकर अब तक चकित था उपर से मार भी खा रखी थी तो आसानी से बोल ही नहीं पा रहा था ।
धिरे धिरे ढलते हुए आंसुओं के साथ बोलना शुरू किया ....(ऊपर दी बातें सर को बोली ) तो बताइये सर मैंने क्या किया ।
क्या मैंने इस लड़की को कुछ गलत बोला गलत क्या मैंने गलती से फोन लग गया बहन जी इस वाक्य के अलावा कुछ बोला ही नहीं तो उसके बाद .......
सर मुझे थप्पड़ मारते हुए ज्यादा होशियार मत बन सच सच बोल, लड़की फिर रोते हुए बोली इसने यह यह बोला ऐसा ऐसा वैसा....
सर मैं....
Part 2 coming soon