तू कमजोर नही
तू कमजोर नही
तू कमजोर नहीं तू फौलाद है।
अंदर से हो भले टूटा लेकिन,
बहार से तू ज्वाला, है तू नहीं।
तेरा वक़्त कमजोर है चलता।
जा आगे समंदर, के आगे भी।
एक गाँव है। चुनोतियाँ, से,
भरा है पूरा तेरा जीवन जिन्हें
पार कर के रचना, है इतिहास।
मत समझ, खुद को इतना तू,
कमजोर के तू कुछ नही कर,
सकता, औरो की तरह तुझमे।
भी वो बात है भरोसा। रख तू,
खुद पर क्योंकि डर के आगे,
जीत भी तेरी निश्चित, ही है।
बिना डरे बादलों के ऊपर उड़ना।
है तुझे हौसला। बढ़ा कर हर,
जंग जीतनी, है तुझे डर गई,
जो एक बार चुनोतियाँ तुझसे।
आत्मविश्वास खूद ब खुद बढ़,
जाएगा। डगमगाने, लगे तेरे,
कदम तो तू जीती हुई बाज़ी।
भी हार जाएं, गा। जीतनी तू,
कमजोरी दिखायेगा उतना ही,
तू अंदर से और कमजोर
होता जाएगा तूझे कमजोरियों
को मारना है जीत कर तुझे भी,
दुनिया मे सिकंदर कहलाना है।