वही भगवान बनता है
वही भगवान बनता है
बिना ऊँचा उठे कभी आसमान
मिलता नहीं है।
बिन कर्म कभी जीत का ईनाम
मिलता नहीं है।।
भक्ति सेवा से ही मिलती कृपा
ईश्वर की।
बिन दिल जीते कभी सम्मान
मिलता नहीं है।।
सभी पत्थर होते दिखते एक
समान हैं।
गूंगे बहरे और साथ ही होते
बेजुबान हैं।।
प्राण प्रतिष्ठा और पूजन से बस
जाते हैं ईश्वर।
जो सहते दर्द तराशे जाने का वो
बनते भगवान हैं।।
कर्मों से हाथ की लकीरें भी
बदल जाती हैं।
कर्मों से ही शक्ल कल की
निकल पाती है।।
धैर्य विवेक का परिचय मिले
आपके हर काम में।
कोशिश करें तो मंजिल खुद पास
चल आती है।।
जो कर लेता हर सुख दुःख का
आभास है।
वो हर परिस्थिति में हो जाता
कामयाब है।।
वह किस्मत को अपनी कभी दोष
नहीं हैं देते।
जीनेकाअंदाज़ उनका होता हमेशा
लाजवाब है।।