किन्नर दीदी : एपिसोड 7(बेकसूर)
किन्नर दीदी : एपिसोड 7(बेकसूर)


Advocate जिंदल के द्वारा दिया गया किन्नर सबीना का इकबालनामा देखकर जज ने एडवोकेट शर्मा से पूछा " एडवोकेट शर्मा आपको कुछ कहना है इस इकबालनामें के बारे में ? "
एडवोकेट शर्मा ने अपना कोट ठीक किया और थोड़ा सा स्माइल करते हुए अपनी कुर्सी से खड़े हो कर बोले " मी लार्ड ! हमारे सिस्टम में पुलिस का किरदार किसी से नही छिपा, आये दिन झूठे केसेस में बेकसूर और मासूम लोगों को इस कदर फँसाया जाता है कि खुद वो मासूम इंसान भी खुद को मुजरिम समझने लगते है। 3rd डिग्री का गलत प्रयोग करके बेकसूर मासूम लोगों से ज़ुर्म कबुलवाया जाता है ये कबूलनामा भी मेरी क्लाइंट सबीना से जबरदस्ती 3rd डिग्री का इस्तेमाल करके लिखवाया गया है।
मी लार्ड ! वो बेकसूर है। "
जज रोशनी मेहरा ने कटघरे में खड़ी सबीना की तरफ देखा और पूछा " सबीना क्या तुमने ये कबूलनामा अपनी मर्ज़ी से लिखा है ? या तुमने किसी के दबाव में आकर ये लिखा है। तुम्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है।"
सबीना ने पहले दीनानाथ की तरफ देखा, फिर अपने वकील की तरफ देखा और फिर थूक निगलते हुए उस सब-इंस्पेक्टर की तरफ देखा जो उसे पकड़ कर लाये थे, उसके बाद सबीना ने कहा " जज साहब मेरे वकील साहब ठीक कह रहे है, मुझसे जबर्दस्ती करके और डरा कर लिखवाया गया है कि मैंने बबलू और मोनिका को मारा है, जबकि मैंने किसी को नहीं मारा। "
इतना कहते ही पूरी कचहरी में शोर से मच गया। सब आपस में बात करने लगे तो जज ने " आर्डर आर्डर " कहकर हथौड़ा टेबल पर मारा और सब को शांत होने का आदेश दिया।
एक तरफा केस समझने वाले एडवोकेट जिंदल की मेहनत अब बढ़ने वाली थी।
लेकिन कड़क आवाज और दमदार पर्सनालिटी के मालिक एडवोकेट जिंदल ने कई तुरुप के इक्के संभाल कर रखे हुए थे।
फिर अधिवक्ता जिंदल ने जज साहिबा को एक डॉक्यूमेंट देते हुए कहा " जज साहिबा ! आई थिंक इस डॉक्यूमेंट को देखने के बाद आप अपनी कलम को रोक नही पाओगे इस काति
ल को सजा देने से। "
एडवोकेट शर्मा, दिनांनाथ और सबीना सभी टेंशन में आ गए यही सोच कर कि ऐसा उस डॉक्यूमेंट में क्या था।
जज रोशनी मेहरा ने एडवोकेट जिंदल का दिया वो डॉक्यूमेंट पढ़ा और अपना चश्मा उतार कर टेबल पर रख दिया। फिर एडवोकेट शर्मा की तरफ देखकर जज साहिबा बोली " ये एक किन्नर ने मरने से पहले गवाही दी है कि दोनों किन्नरो पर सबीना ने ही हमला किया था। इस गवाही का वीडियो भी साथ में दिया हुआ है। एडवोकेट शर्मा आप कुछ कहना चाहोगे ??? मेरा मतलब है any Question ?? "
एडवोकेट शर्मा खड़े हुए और बोले " नो question मैलोर्ड। "
फिर जज ने सबीना की तरफ देखा और पूछा " तुम्हें अपनी सफाई में कुछ कहना है सबीना ?"
सबीना ने दिनांनाथ की तरफ देखा और कहा " मैडम जी ! मैं बस इतना जानती हूं कि मैं बेकसूर हूँ, मैंने किसी का खून नहीं किया मुझे फसाया जा रहा है। "
एडवोकेट जिंदल खड़े हुए और अपना कोट ठीक करते हुए बोले " मैलोर्ड ! हर कातिल यही कहता है, कि वो बेकसूर है, आप इसकी भोली सूरत पर न जाये। इसे सख्त से सख्त सजा दी जाए। "
सारे डॉक्यूमेंट देखकर जज रोशनी मेहरा ने कहा " तामाम सबूतों और एविडेंस सबिना को कसूरवार ठहराते है। इसी लिए ये कोर्ट सबिना को फाँसी ...........की सज़ा ......"
एडवोकेट शर्मा खड़े हुए और जज को बीच में ही रोकते हुए बोले " जज मैडम ! इससे पहले आप अपना अंतिम फैसला सुनाओ मैं एक रिक्वेस्ट करना चाहूंगा, परमिशन है। "
एडवोकेट जिंदल गुस्से में खड़े हुए और बोले " आई ऑब्जेक्शन मैलोर्ड ! "
जज रोशनी मेहरा ने उन्हें रोकते हुए कहा " ऑब्जेक्शन overruled, एडवोकेट शर्मा क्या कहना चाहते हैं आप कहिए। "
एडवोकेट शर्मा ने भी एक डॉक्यूमेंट जज साहिबा तक पहुंचाया और बोले " एक सीडी जिंदल साहेब ने दी है, एक मैं दे रहा हूँ। मैं रिक्वेस्ट करूंगा कि आपके साथ साथ ये पूरा कोर्ट ही इस सीडी को देखे। "