किन्नर दीदी : epi.8 (वर्चश्व )
किन्नर दीदी : epi.8 (वर्चश्व )


एडवोकेट शर्मा ने एक सीडी जज साहिबा तक पहुँचाई। इसमें एक तरफ तो दोनों किन्नरों (बबलू और मोनिका ) पर हमला दिखाया गया है और दूसरी तरफ मरने से पहले किन्नर मोनिका की गवाही।
पर इस सीडी की खासियत ये थी कि इसमें दोनों किन्नरों पर हमला जिसने किया था उसको काफी नजदीक से दिखाया गया था और मरने से पहले जिस किन्नर ने गवाई दी थी उससे गवाही कैसे ली गई थी वो भी दिखाया गया था।
खैर सीडी को सीडी प्लेयर में लगा कर चालू किया गया। सीडी चलाने से पहले पूरे कोर्ट रूम में अंधेरा कर दिया गया।
सीडी के पहले हिस्से में एक किन्नर जो दूर से देखने पर बिल्कुल किन्नर सबीना जैसा था और उसने कपड़े भी बिल्कुल किन्नर सबीना जैसे पहन रखे थे, किन्नर दीदी सबीना के कपड़ो की खासियत थी कि वो हर ड्रेस पर एक ब्लू रंग की वास्केट (जेब वाली बिना बाजू वाली जैकेट ) जरूर पहनती थी। दोनों किन्नरों पर अटैक करने वाले ने भी वैसी ही वास्केट पहन रखी थी। लेकिन कहते है ना कि नकल के लिए भी अक्ल चाहिए उस किलर ने पहली गलती ये कर दी कि ब्लू की जगह ब्लैक वास्केट पहन रखी थी, दूसरा उसने क्राइम सीन से कुछ दूर ही जाकर अपना चेहरा बेनकाब कर दिया, जो कि कुछ दूरी पर लगे सीसीटीवी ने कैप्चर कर लिया। तीसरी और सबसे बड़ी गलती थी उसके पैरों में लचक का होना जिसे वो चाह कर भी छिपा नही पाया।
हालाकि सबीना ने उसके पैर की लचक को देखते ही बीच में ही बोल दिया था " अरे साहेब ! ये तो लंगड़ा सोनू है, खुद इनकी मंडली का ढोलक मास्टर। "
पर जज रोशनी मेहरा ने उसे चुप कराते हुए कहा " आर्डर आर्डर ! सबीना तुम्हे बोलने का मौका दिया जाएगा, ऐसे बीच में मत बोलिये "
सीडी को फिर से वहीं से शुरू किया गया, जहाँ सबीना की वजह से उसे रोक दिया गया था।
पर सभी को यकीन तभी हुआ जब किलर का चेहरा बेनकाब हुआ। सबके होश तब उड़ गए जब हॉस्पिटल के सीसीटीवी फुटेज में वही सोनू अपनी मंडली की हेड सुहानी बेगम के साथ हॉस्पिटल में घायल किन्नर मोनिका से मिलने के लिए आता नज़र आया। घायल किन्नर मोनिका , सोनू और उनकी हेड सुहानी बेगम के बीच में क्या बात हुई ये सीसीटीवी में तो नहीं आई पर एडवोकेट शर्मा के दिये डॉक्यूमेंट में से एक ऑडियो फुटेज भी था जिसमें घायल किन्नर मोनिका लंगड़े सोनू को गंदी गंदी गालियाँ बक रही थी, और उनकी हेड सुहानी बेगम सोनू को स्पॉट करती हुई किन्नर मोनिका को समझाने की कोशिश कर रही थी।
उनकी हेड किन्नर ने किन्नर मोनिका से रोते हुए कहा " कैसा वक़्त आ गया है, जिन्हें मैं अपना बच्चा समझती थी मैंने उनपर ही जान लेवा हमला करवाया और यहॉं तक कि मेरी एक बच्ची को को जान से हाथ धोना पड़ा। "
फिर घायल पड़ी किन्नर मोनिका की आवाज आती है वो रोते हुए कहती है " मास्टर जी ! मैंने जब से होश संभाला है आपको ही माँ और बाप दोनों माना है, और आपने ही हमपर जान लेवा हमला करवाया। एक बार कह देते आप तो हम खुद हँसते हुए अपनी गर्दन काट कर आपके चरणों में रख देते। "
किन्नर हेड सुहानी बेगम घायल किन्नर के आँसू पोंछते हुए बोली " अपने बच्चों को मारने का इरादा नहीं था पगली, अपनी मंडली और अपनी मंडली के सभी बच्चों के लिए कुछ करने की सोची थी, (रोते हुए ) मुझे क्या पता था कि मुझे मेरे बच्चों को ही खोना पड़ जायेगा। "
" मास्टर जी मैं कुछ समझी नहीं " घायल किन्नर मोनिका ने सुहानी बेगम से कहा।
फिर सुहानी बेगम उठकर घायल किन्नर के और पास आकर बैठ गई और बोली " तू तो जानती ही है इलाके के नाम पर हमें सिर्फ एक छोटी सी बिंदी ही मिली है, यहाँ के लोग तो खुद भुखमरे है हमें क्या देंगे। सारे सेठ साहूकार तो सबीना के इलाके में बसते है। मैं चाहती थी कि सबीना को रास्ते से हटाकर उस इलाके को भी अपने इलाके में मिला लूं और मेरे बाद तू इस पूरे इलाके पर राज करे। "
" सच मास्टर जी ! आप सही कह रही हो ? " थोड़ा सा खड़े होने की कोशिश करते हुए घायल किन्नर ने पूछा।
" लो ! अब तुम्हें अ
पनी मास्टर जी पर भरोसा भी नही रहा।" सुहानी बेगम ने स्माइल करते हुए और किन्नर मोनिका के माथे पर हाथ फेरते हुए कहा।
किन्नर मोनिका ने फिर से प्रश्न करते हुए अपने हेड से पूछा " अगर ये सच है मास्टर जी तो इतना नाटक करने की क्या जरूरत थी, मैं मार देती सबीना को तो एक बार कह कर तो देखते। "
सुहानी बेगम ने फिर से उसे समझाते हुए कहा " सबीना को मरवाते तो राज जेल में करते, उसे किसी तरह जेल भिजवाना था जिससे उसकी इमेज भी खराब होती और हमें उसका इलाका भी आसानी से मिल जाता। "
" खैर छोड़ अब देखते है तू अपने मास्टर की कितनी बात मानती है। तुझे गवाही देनी है सबीना के खिलाप, कर पायेगी अपनी मास्टर के लिए ये आखिरी काम ? " किन्नर सुहानी ने ने किन्नर मोनिका से कहा।
" आपके लिए तो जान भी दे सकती हूँ मास्टरजी। " आँखों से आँसू बहाते हुए घायल किन्नर ने अपनी हेड किन्नर सुहानी बेगम से कहा।
फिर से किन्नर मोनिका के आँसू पोंछते हुए सुहानी बेगम ने कहा " तेरी जान मेरे लिए बहुत कीमती है पगली, ऐसे थोड़े मरने दूँगी तुझे। अब तू आराम कर, बस ध्यान रखना जब भी वो ठुल्ले गवाही लेने आये बस सबीना का नाम लेना "
कोर्ट रूम की सारी लाइट्स फिर से चालू कर दी गई।
जज रोशनी मेहरा ने अपना चश्मा आँखों से उतारा और बोन्हे ऊपर की तरफ करके एडवोकेट शर्मा से बोली " तो पंडित जी . . मेरा मतलब है एडवोकेट शर्मा जी आपको ये ऑडियो कैसे मिली, बस इस बात पर थोड़ी सी रोशनी और डाल दो ? "
एडवोकेट शर्मा ने खड़े होकर अपना कोट संभालते हुए कहा " जी मेलोर्ड ! कृपया आप सुनना जारी रखे, इस बात का जवाब भी आपको मिल जाएगा। एक ऑडियो क्लिप और है जो मरने से पहले किन्नर मोनिका ने अपने फोन में रिकॉर्ड की थी। "
ऑडियो को फिर से शुरू किया गया, उसमें किन्नर मोनिका की आवाज में कुछ इस तरह से रिकॉर्ड किया गया था " मैं किन्नर मोनिका हूँ, हो सकता है जब कोई इस ऑडियो को सुने उस समय मैं इस दुनिया में ना हूँ। मैंने अपने माँ, बाप, रिश्तेदार और भगवान सब का रूप अपनी मास्टर सुहानी बेगम में देखा था। (रोते हुए ) अगर वो मुझसे कहती तो बिना सोचे ही अपना सिर काट कर उनके चरणों में रख देती। लेकिन ...लेकिन सबीना को फँसाने के चक्कर में उन्होंने बबलू और मुझ पर जान लेवा हमला सोनू लंगड़े से करवाया। गलती से मैं बच गई पर मुझे लगता नहीं है कि मैं बचूँगी। पुलिस को दी गई मेरी झूठी गवाही के बाद मुझे यकीन है कि वो मुझे मार देगी। पर सबीना किन्नरों की भगवान है। वो किन्नरों के लिए ही नहीं बाकी सभी की भलाई के लिए काम करती है। लगता है कोई आ रहा है, अभी ......रखती हूँ......। "
उधर सबीना कटघरे में ज़ोर ज़ोर से रोती हुई बैठती चली गई। दीनदयाल, एडवोकेट शर्मा और वहाँ मौजूद काफी लोगों की आँखें नम हो गई। तभी ऑडियो फिर से शुरू हुआ जिसमें लंगड़ा सोनू मोनिका से कह रहा था " मोनी, तूने अपनी मंडली के लिए जो किया है किन्नर समाज कभी भुला नही पायेगा। ये ले प्रसाद मास्टर जी ने दिया है। "
" ज़हर है ना इसमें ? मैं नही खाऊँगी। मेरा मन मास्टर सबीना के साथ ये बेईमानी करने की गवाही नही दे रहा। " मोनिका ने सोनू से कहा।
तभी सोनू के पीछे से मास्टर बेगम सुहानी की आवाज आई " लंगड़े ... लगता है तू फिल्में बहुत देखने लगा है, हीरो की तरह डायलॉग क्या मार रहा है, इसे............"
शायद मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई थी। ऑडियो बंद हो गया।
तभी पब्लिक के बीच में बैठी सुहानी बेगम ने छुरा निकाला और अपना गला काट डाला। ये देखकर उसके बाजू में बैठे बुजुर्ग ने सुहानी के हाथ से छुरा लिया और सबीना को गाली बकता हुआ, कटघरे में खड़ी सबीना पर टूट पड़ा।
लेकिन वहाँ मौजूद पुलिस वालों ने उसे पकड़ लिया। जब उसको पकड़ा तो उसकी नकली दाढ़ी निकल गई, वो लंगड़ा सोनू था जो भेस बदल कर सबीना का फैंसला सुनने के लिये आया था।
लेकिन सच और वर्चश्व की लड़ाई में सबीना की जीत होना निश्चित थी।
कहानी जारी रहेगी अगले पार्ट में ..