खालीपन
खालीपन
महिलाओं के ग्रुप में बातें हो रही थी।एक कह रही थी,“तुम वाकई में कितनी खुशकिस्मत हो।Husband का एक कामयाब बिज़नेस,दो प्यारे प्यारे बच्चे और उन दोनों की अच्छी सी जॉब।घर में बड़ी बड़ी गाड़ियां,शहर के पॉश एरिया में बड़ा सा घर और क्या चाहिए तुम्हे अपनी जिंदगी में?सबकुछ तो है तुम्हारे पास।
दूसरी ने हँसते हुए जवाब दिया,“वाकई में सच ही है,इनके बच्चें भी सेटल्ड हो गए है।"
उसने भी हँसते हुए हामी भरी।सब लोग चाय पीने लगे।वापस घर जाते हुए मन ही मन वह सोच रही थी,वाकई सबकुछ तो है मेरे पास।
बंगला, गाड़ी वग़ैरा वग़ैरा लेकिन मैं इन्हें कैसे बताऊँ की मेरे पास इन सब के अलावा उदासी और खालीपन भी है।घर मे मेरे लिए किसी के पास समय ही नही है।पति अपने बिज़नेस में और बच्चे अपने अपने काम मे और फिर फ्रेंड्स सर्कल में।मेरे लिए किसी के पास कोई समय ही नही होता है।यह तो ठीक ऐसे ही है जैसे बच्चे के पास तरह तरह के रंगबिरंगी खिलौने है पर घर मे माँ नहीं है...