Kumar Vikrant

Crime Thriller

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Kumar Vikrant

Crime Thriller

कौन था वो?

कौन था वो?

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वंदना, देव की हाउसिंग सोसाइटी के सामने थी। अचानक देव की तबियत खराब होने की खबर से विचलित हो वो उसके घर दौड़ी चली आयी थी। 

यूनिवर्सिटी में उन दोनों का साथ छह महीने पुराना था पर लगता था दोनों जन्मो से एक दुसरे को जानते थे। 

बिल्डिंग में पंहुच कर वो लिफ्ट में सवार हो गयी और बारहवें माले का बटन दबा दिया। लिफ्ट का दरवाजा बंद होने वाला था कि कही से दौड़ता हुआ एक युवक लिफ्ट में सवार हो गया। 

उसने वंदना के चेहरे को देखा और बोला— "देव के पास जा रही हो ? मत जाना, नहीं तो बर्बाद हो जाओगी, यहाँ कई लड़किया बर्बाद हो चुकी है उसके चक्कर में।"

तभी दूसरा फ्लोर आ गया और लिफ्ट रुकते ही वो युवक तेजी से बाहर चला गया। 

उसके शब्द अभी भी वंदना के मस्तिष्क में तूफ़ान मचाये हुए थे, क्या कह गया वो युवक, सोचकर वो हैरान-परेशान थी। 

तभी १२ व माला आ गया और उसके सामने फ्लैट्स की क़तार थी। लिफ्ट से निकल कर उसने कुछ सोचकर उसने अपना दुपट्टा अपने चेहरे पर नक़ाब की तरह ओढ़ लिया। 

फ्लैट नंबर- ४२१ के सामने पहुंचकर उसने कॉल बैल का बटन दबा दिया। थोड़ी देर बाद द्धार खुला और सामने था देव, शोर्ट और टीशर्ट में, बीमार तो नहीं लग रहा था। 

उसके लिविंग रूम में आते ही वो जान गयी की पूरे अपर्टमेंट में जगह-जगह वीडियो कैमरे छिपाये गए थे। 

वो मुस्करा कर बोली— "क्या हुआ तुझे ? मेरे स्वागत की तैयारी में बहुत कैमरे लगा रखे है तूने, क्या सोचा था आते ही मै तेरे बिस्तर में आ गिरूँगी ताकि तू वीडियो बना कर मुझे बर्बाद कर सके ?”

"क्या बकवास कर रही है तू, मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था।" —कहते हुए देव ने उसे बाहों में भरना चाहा। 

"पीछे हट पापी।" —कहते हुए वंदना ने उसे धक्का दिया। 

"ऐसे नहीं मानेगी ये, तुम लोग भी बाहर आओ।" —देव के कहते ही अपार्टमेंट में छिपे चार युवक वंदना पर झपटे, पर तब तक वंदना अपने बैग से अँधा करने वाला एसिड स्प्रे निकाल चुकी थी। उसने तेजी से स्प्रे उनकी आँखों पर मारा, वो पाँचो हमेशा के लिए अंधे होकर एक दूसरे से टकराते हुए वंदना को गालिया देने लगे।

वंदना लिफ्ट की और दौड़ी जा रही थी और सोच रही थी कि कौन था वो, जिसने आज उसकी जान और इज्जत दोनों की रक्षा की और एक खतरनाक साजिश से उसे बचा लिया ?


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