कौन बड़ा है
कौन बड़ा है
सोहन और मोहन नाम के दो सगे भाई बोरडा गांव में रहते थे। सोहन की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। पर वह ईमानदारी से अपना जीवन जी रहा था। मोहन पैसे से बहुत अमीर था परंतु वह बहुत घमंडी था। मोहन को अपने पैसे पर बहुत घमंड था। मोहन अक्सर अपने भाई सोहन तेरे पास क्या है, कुछ नही है। सोहन हंसकर जवाब देता, भैया मेरे पास सौम्यता, व्यवहार है। मोहन उसको हंसता है, नही भाई इस दुनिया मे संस्कारो का कोई मोल नही है, पैसा ही सबसे बड़ा होता है। कुछ समय बाद सोहन के एक लडक़ी का जन्म हुआ।
मोहन के एक लड़के का जन्म हुआ। मोहन ने लाड़-प्यार से अपने बेटे को बहुत बिगाड़ दिया था। धीरे-धीरे मोहन का लड़का सोनू बहुत जिद्दी हो गया। गलत संग में पड़ने के कारण सोनू दिनोदिन बिगड़ता गया। मोहन का सारा व्यापार चौपट हो गया। उसका मकान, खेत, सबकुछ सोनू की गलत आदतों में बिक गया।
उधर सोहन ने अपनी लड़की रानू को अच्छे संस्कार दिये। रानू पढ़ने में बहुत होशियार थी। उसे पढ़ाने के लिये सोहन ने अपना घरबार, खेत वग़ैरह सबकुछ बेच दिया। रानू ने ias परीक्षा पास कर ली। उसे कलेक्टर की पहली पोस्टिंग भीलवाड़ा में मिली। रानू एकदिन हरणीमहादेव मंदिर अपने माता-पिता के साथ गई। उसके पिता सोहन ने अपने भाई व भाभी को फटेहाल कपड़ो में मंदिर के बाहर भीख मांगते देखा। सोहन बोला, भैया आप यहाँ कैसे।
वो बोला अरे भाई सोहन पूंछ मत तेरे भतीजे सोनू ने गलत संग में पड़कर सबकुछ बर्बाद कर दिया। रानू अपने चाचा को अपने सरकारी आवास ले गई। वहां नहलाया, धुलाया। मोहन बोले बेटा रानू, आजकल तू क्या कर रही है। वो बोली चाचा आपके आशीर्वाद से वर्तमान में, भीलवाड़ा की कलेक्टर हूं। उसे चाचा आश्चर्य से देखते है। रानू के पापा सोहन बोलते है, भैया अब आप ही बताइये कौन बड़ा है संस्कार या पैसा। मोहन शर्म से गर्दन नीची कर लेता है।