Kumar Vikrant

Crime

4  

Kumar Vikrant

Crime

जूते पर जूता/यात्रा

जूते पर जूता/यात्रा

2 mins
833


"थोड़ा ध्यान दो तुम्हारा एक जूता दूसरे जूते पर चढ़ा हुआ है।"

"तो क्या हुआ?"

"अरे बाबा एक यात्रा से आए हो ऐसा न हो दूसरी यात्रा की तैयारी हो जाए।"

"क्या बकवास बाते कर रही हो? ये सब अंधविश्वास है, इन चक्करो में ज्यादा न उलझो और यात्रा में बुराई भी क्या है?"

"तुम जिस प्रकार की यात्रा करते हो वो गलत है......."

"तुम फिर शुरू हो गई, ऐसा क्या करता हूँ मैं अपनी यात्रा में कि तुम्हे इतना बुरा लग रहा है।"

"तुम अपना काम कम करते हो लेकिन गलत काम ज्यादा करते हो।"

"दिव्या पिछली बार की मार से तुम्हारा मन भरा नहीं है जो आज भी मार खाने का इरादा है?"

"औरत पर हाथ उठाने की बहादुरी ही कर सकते हो और आता ही क्या है तुमको?"

"चुप हो जा नहीं तो तेरे हाथ पैर तोड़ दूँगा.........अब खड़ी-खड़ी मेरा मूँह क्यों देख रही है जा जाकर देख दरवाजा कौन खटखटा है।"

"हे भगवान पुलिस आई है, अब क्या कर दिया तुमने?"

"राजस्थान पुलिस......आपका नाम देव है?"

"हाँ इंस्पैक्टर।"

"मिस्टर देव आपका गिरफ्तारी का वारंट है।"

"क्या किया है मैंने?"

"होटल डिलाइट में एक वेश्या के साथ मार-पीट।"

"ये क्या कह रहे हो आप? क्या सबूत है आपके पास?"

"उस वेश्या का नाम मीना है, तुमने उसे पूरे एक हफ्ते के लिए हायर किया था और रोज उसके साथ मारपीट करते थे तो एक दिन उसने तुम्हारी उस मारपीट का वीडियो बना कर पुलिस कम्प्लेन कर दी और हम होटल से तुम्हारा अड्रेस लेकर तुम तक आ गए । मिस्टर वेश्यावृत्ति और औरतो के साथ हिंसा एक अपराध है, अब शांति से हमारे साथ चलो तुम्हारी जेल यात्रा का समय हो गया है।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Crime