जनता कर्फ्यू और शंखनाद
जनता कर्फ्यू और शंखनाद
कोरोना नामक एक भयंकर जीव समस्त मानवता को निगलने हर शहर हर देश में निकल पड़ा है उसके रास्ते जो भी आ रहा वह काल का ग्रास बन जायेगा अतः यह मुनादी करा दी गई कि जो जहाँ है वो वहीं रुक जाए ।अतः समय का पहिया थम गया और भारत के सारे शहरों के रास्ते सुबह सात बजे से रात्रि नौ बजे तक जनता कर्फ्यू के कारण सुनसान हो गए ।जहाँ सुबह से गाड़ियों के हॉर्न की आवाजें गूँजती थी वहाँ पक्षियों की चहचहाहट सुनाई पड़ रही थी ,भले ही सड़कें वीरान थीं पर कुछ था जो मन को सुकून दे रहा था ,वो था हर पल अपनों का साथ ।बच्चों के साथ उनके अभिभावक खेल मस्ती में व्यस्त थे ।
संक्रमण रोकने हेतु लोगों ने जो धैर्य ,आत्मसंयम धारण किया वह सराहनीय था ।यही वह समय था जब हम अपनी आत्मशक्ति से उस जीव को हरा सकते थे और सबने ऐसा किया ,इस जनता कर्फ्यू के बाद लोगों की ऊर्जा कई गुना बढ़ गई और सभी एक साथ खड़े हैं ,पूरा राष्ट्र एक हो गया है ।
शंखनाद --"सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित दुःखभाग भवेत ।।सभी सुखी रहें ,सभी रोगमुक्त रहें ,सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुख का भागी न बनना पड़े । इसी भावना के तहत हम सबने मोदी जी की एक आवाज पर सेवा -कार्यो में लगे हर व्यक्ति के लिए शंखनाद किया । पाँच मिनट के इस शंखनाद की सुमधुर गूँज ने भारत की समग्र चेतना को एक कर दिया ।यह भारत मे ही सम्भव है जहाँ पवित्र घण्टों की आवाज से हर तरफ सकारात्मकता आ जाती है । बस अब ईश्वर सभी को इस कोरोना नामक महामारी से लड़ने की अपार शक्ति प्रदान करे और पूरे विश्व का कल्याण हो ।
सभी अपनी स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें ।