जिद
जिद


सोवन गांव में एक 12 साल का लड़का राजू अपने माता-पिता, और दादा-दादी के साथ रहता था। वह बचपन से बहुत जिद्दी था। उसकी जिद दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही थी। उसके माता-पिता उसकी जिद्द से बहुत परेशान हो गये थे। कभी वो सर्दी के मौसम में कुल्फी की जिद करता तो कभी वो बुखार होने पर भी बारिश में भीगने की जिद्द करता।
जिद्द पूरी न करने पर वह पूरे परिवार में कोहराम मचा देता। इतने आंसू उसकी आंखों से बहते की दरिया भी उन्हें देखकर रो उठे। उसकी जिद्द से परिवार के साथ-साथ अब मोहल्ले वाले भी परेशान होने लगे थे। अब वह जिद्द वश अपने शरीर को भी हानि पहुंचाने लगा था। अब राजू 7वी कक्षा में आ गया था।
एकदिन उसके सामाजिक विज्ञान की किताब में दशरथ माँझी का पाठ आया। उसने अपने पापा से उनके बारे में पूंछा, पापा ये कौन थे। उसके पापा ने सोचा आज अच्छा मौका है, इसकी जिद खत्म करने का। वो बोले बेटा, यह तेरी तरह एक बहुत जिद्दी आदमी थे। इन्होंने अपनी जिद्द से एक हथौड़ी औऱ छेनी से अकेले ही 360 फुट लम्बे, 30 फुट छोड़े, 25 फुट ऊंचे पहाड़ को अकेले ही काट दिया था।
ये भारत के माउंटेन मैन भी कहलाते है। पहाड़ काटने के पीछे भी एक कहानी है। इलाज के अभाव में इनकी पत्नी का निधन 1959 में हो गया था। और किसी को समस्या न हो इसके लिये इन्होंने 22 साल तक पहाड़ को काट कर 80 किलोमीटर की दूरी को 13 किलोमीटर कर दिया। ये थी इनकी जिद्द की कहानी।
अब बता राजू इनकी जिद्द अच्छी थी या बुरी।
राजू बोला इनकी जिद्द तो अच्छी थी, इन्होंने खुद के लिये थोड़ पहाड़ काटा था। दूसरो के हित के लिये उन्होंने ऐसा किया था। पापा बोले अब बता राजू अच्छी जिद्द कौनसी होती है, बुरी जिद्द कोनसी होती है। राजू बोलता है पापा ऐसी जिद्द जिसका खुद से अधिक परहित होता है वो अच्छी जिद्द होती है। वो जिद्द जिससे स्वयं के साथ दूसरों को परेशानी होती है, वो बुरी जिद्द होती है। पापा बोलते है, अब बता तू कोनसी जिद्द करेगा अच्छी या बुरी। राजू बोलता है पापा आज से में अच्छी जिद्द करूँगा औऱ बड़ा होकर आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर जिलाधीश बनने की जिद्द करूँगा।