इश्क़ की दास्तान
इश्क़ की दास्तान
रिमझिमाती बारिश में इश्क़ की दास्तान शुरू हुई। आंखों से आंखों की टक्कर हुई नजरे मिलते ही इश्क़ की इनायत हुई। पहेली बार दिल में खूबसूरत एहसास मचलने लगा उनसे मिलने को दिल तड़पने लगा।
धूप भी सुहानी लगने लगी थी शाम भी अजनबी की यादों में ढलने लगी थी पता नहीं क्यों दिल बार बार मिलने को आतुर हो रहा था। बातें उनकी दिल को छू ने लगी थी वो अनजाने रास्ते पे अचानक टकराई हुई नजरें नजरों के सामने बार बार आ रही थी। उठते बैठते बस वो ही नजर आ रहा था। पता नहीं क्या हो गया था ? एक नशा छा गया था।
सुबह की किरणों के साथ उनके चेहरे की मुस्कान दिखाई दे रही थी बातों के साथ हमारी हँसी गूंज रही थी। वो मेरा जैसा ही मुझे लगा सबसे जुदा सबसे अच्छा नज्में और गज़ले लिखें का शोक हम दोनों को था इसलिए शायद वो अच्छा लगा था।
दिन में भी खुली आंखों से ख्वाब सजाने लगी थी। खुद के लिए खुद को संवारने लगी थी। आंखों का काजल आईने में देखा तो तारीफ करता वो नजर आने लगा था। पगली लड़की मैं खुद में उसे ढूँढने लगी थी।
क्या सुनाए बेशुमार इश्क़ की दास्तान दिल की धड़कन में कैद सी हो गई थी। कुछ पल की मुलाकात का सिलसिला यादों में उम्रभर के लिए कैद सा हो गया था। वो रास्ते पे से जब जब में गुजरी सामने वो चेहरा नजर आ रहा था दूर खड़े मुस्कुराते हुए नजरे बिछाकर बेसब्री से इंतज़ार करते हुए दिखाई दे रहा था। मन में मिलने के लिए उत्सुक थी इसलिए हर जगह उसे मौजूद पा रही थी।
कई साल हो गए इस बात को आज भी वो पल जहन में बस गया है। इश्क की दास्तान शुरू होने से पहले ही याद बन रह गई थी पर जब जब उस पल उस शख्स तो याद करती तो अजीब दिल को सुकून सा महसूस होता था। चेहरे पे मुस्कान सी छा जाती थी। प्रकृति की छांव में , लहराते खेत खलिहान में, डूबते हुए सूरज की किरणों में, चांद की जगमगाती रोशनी में, चमकते सितारे गुनगुनाते भंवरो में , पेड़ की छांव में बैठे कोई कपल को देख। इश्क़ की दास्तान की दुनिया में खलबली मच जाती थी। वो साथ नहीं था पर पास था मेरे। नजरों से कई दूर था पर दिल के पास था आज भी मेरे एहसासों के करीब था वो शख्स जो बिल्कुल मेरे जैसा ही था। कोई रिश्ता ना था पर दिल बार बार उसके नाम से धड़कता था। मुझे वो मेरे जैसा ही लगता था इसलिए शायद वो मेरी रूह में बसा हुआ था।
आज भी दिल को उसी का इंतजार है नजरों को नजरे टकराने को बेकरार है। वो इश्क़ की दास्तान अमर आज भी है ख्वाबों की दुनिया में आज भी साथ साथ जी रहे हैं। खुशियों से भरा हुआ दामन आज भी है हाथ थामे समंदर किनारे चल आज भी रहे हैं। मेरी यादों में मेरे ख्वाबों बसा हुआ वो चेहरा आज भी है।

