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ashok kumar bhatnagar

Tragedy Thriller

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ashok kumar bhatnagar

Tragedy Thriller

इस रिश्ते का नाम ? (भाग आठ)

इस रिश्ते का नाम ? (भाग आठ)

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बोह लड़का जा चुका था। कई साल गुजर गए। सेकण्ड्स मिनटों में मिनट्स घंटो में घंटे दिन रात में दिन रात महीनो और बर्षों में तब्दील होते जा रहे थे।

 ज़िन्दगी की इस अजीब सफर में, समय की लहरों में बहते हुए, मेरी जिंदगी भी बिना किसी प्रयोजन के चली जा रही थी । जैसे कि समुद्र की लहरें अपनी दिशा बदलती हैं। मेरा जीवन समान्यता के सागर में एक अद्वितीय नाव की भांति, बिना नाविक और यात्री के, अनगिनत रंगों और अनगिनत समयों में ढलता रहा। 

 मेरा सफर, बड़े सागर की लहरों के बीच एक अकेली नाव की तरह, बिना किसी स्थायिता के, अनगिनत मोड़ों और अनगिनत संभावनाओं की ओर बढ़ता रहा।जीवन का सफर, समय की निरंतर गति में बदलता रहा।

जिंदगी ने मेरी एक अद्वितीय अनुभव के साथ मुझे मिलाया। एक दिन, मैंने देखा कि एक बुढ़िया रिस्तेदार मेरी माँ के कानों में कुछ फुसफुसा रही थी । और मेरे आते ही वह चुप हो गई। 

उस रिस्तेदार के जाने के बाद, मेरी माँ ने मुझसे अजीब नजरों से देखते हुए कहा " इनके एक रिस्तेदार हैं।उस रिस्तेदार की पत्नी ने डिप्रेशन में आकर सूसाईड कर लिया हैं। इस रिस्तेदार के एक आठ साल का बच्चा हैं। यह एक दुखभरी घटना है जहां इस रिस्तेदार के परिवार का सामूहिक दुख और दर्द सामने आया है। 

उनकी पत्नी का आत्महत्या कर लेना एक अभूतपूर्व चुनौती है, जिससे उनके आठ साल के बच्चे का भी मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। बोह तुमसे शादी करना चाहत हैं  । अरबपति हैं । सोने और चांदी का कारोबार हैं।

 माँ ने फिर कहा ,” उस रिस्तेदार की उम्र तुमसे थोड़ा ज्यादा हैं। तुम चालीस के करीब हो और बोह साठ से थोड़ा ज्यादा हैं।  पर बहुत पैसे बाला हैं । तुम आराम से उसके घर एक सम्मान की जिंदगी जी सकती हो। इस शादी में हमारा कोई खर्चा भी नहीं होगा । बोह ही खर्चा करेगा।  बेसे भी तुम्हारे लिए कोई रिश्ता भी नहीं आ रहा हैं। तुमेह उससे शादी कर लेनी चाहिए।

माँ की बातों को सुनकर मैं चुप और शांत थी । माँ की समस्या को मैं समझ रही थी। मैं जानती थी कि उस रिस्तेदार और मेरी उमर मे बीस बरस से ज़्यादा अंतर था। लेकीन मैं कुछ कर नहीं सकती थी।  कम से कम इस घर से तो मैं बेहतर स्थिति मे रह सकती हूं।

मैं सोच रही थी ,” यह सच है कि रिश्तेदार की उम्र मेरी उम्र से बहुत ज्यादा है और उनका धन भी बहुत है। इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में, एक समझदार निर्णय लेना महत्वपूर्ण है।

वित्तीय स्थिति के बावजूद, एक शादी को समझदारी से देखना चाहिए। मेरी आराम से जिन्दगी का सुखद आधार बनाने की कोशिश करना महत्वपूर्ण है, लेकिन सिर्फ धन पर ही निर्भर नहीं करना चाहिए।

इस रिश्ते में, सम्मान और साझेदारी का महत्वपूर्ण होना चाहिए, जो सिर्फ वित्तीय आधार पर नहीं बल्कि दो व्यक्तियों के साथ एक खुशहाल जीवन की दिशा में भी होना चाहिए।

इस समय में, खुद को समझना और अपने लिए सही निर्णय लेना महत्वपूर्ण है, जिससे आने वाले समय में खुशहाली बनी रहे।

विवाह एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदारीपूर्ण कदम है जो सबसे बड़ा और सुखद जीवन संबंध हो सकता है। रिस्तेदार की उम्र और धन की बातें तो सिर्फ एक हिस्सा हैं, इसमें दूसरी तरफ़ उनकी सच्ची समर्थनीयता, समझदारी, और भावनाएं भी महत्वपूर्ण हैं।

धन की सुखद वित्तीय स्थिति तो एक आधार है, लेकिन शादी में सफलता के लिए संबंध मानवीय मूल्यों और समर्थन की गहरी आवश्यकता पूरी करना होता है। यह मेरे लिए एक निर्णय होना चाहिए जो मेरे भविष्य को सजाग और सुखद बना सकता है।

शादी का निर्णय लेना व्यक्तिगत चयन होता है जो मेरे और उस रिस्तेदार के बीच एक समझदार और समर्थनपूर्ण संबंध की ओर बढ़ सकता है। इसके साथ ही, रिश्तेदार का धन होना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही उसकी भावनाओं और समर्थन की भी महत्वपूर्ण बूंदें हैं जो मेरी खुशियों को दोगुना कर सकती हैं।


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