Prem Bajaj

Horror

4  

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इंकार की कीमत

इंकार की कीमत

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राहुल की बहन बीमार है , राहुल अपने दोस्त डा० सागर के पास ले गया ।

"सागर , ज़रा देखो तो आशा को ,आज तीन दिन से ठीक से खा पी नहीं रही , और पेट से दर्द की भी शिकायत है । मां ने घरेलू इलाज तो किया पर ठीक नहीं लग रहा ‌। आज तो बहुत ज्यादा दर्द बता रही है ।"

"तुम चिन्ता ना करो मैं अभी देखा लेता हूं ।"

डा० सागर  आशा का चैकअप करते हैं और एक दो टैस्ट भी करा कर रिपोर्ट देख कर बताते हैं  ......

डा०,..... "इसे पेट की गम्भीर बिमारी है ,कुछ दिन के लिए अस्पताल रखना होगा ।"

"अस्पताल में कौन रहेगा , पिता के ना होने पर मां को ही सब काम - काज देखना होता है , और कल मुझे भी कुछ दिनों के लिए आफिस के काम से बाहर जाना है , आशा अकेली कैसे रहेगी अस्पताल में ?"

"मुझ पर भरोसा नहीं क्या , दोस्त तुम चिन्ता ना करो मैं हूं ना , मैं अच्छे से ख्याल रखूंगा तुम्हारी बहन का ।"सागर   राहुल को विश्वास दिलाता है , और  राहुल आशा को अस्पताल में दाखिल करा देता है ।

राहुल काम के सिलसिले में आउट आफ टाउन है मगर रोज़ बहन से फोन पर विडियो काल करके बात करता है , तीन - चार दिन बीत गए , आशा को अब पहले से बेहतर महसूस हो रहा है ।एक दिन सुबह- सुबह-सुबह राहुल के फोन की घण्टी बजती है , राहुल जैसे ही फोन उठाता है , मां की ज़ोर - ज़ोर से रोने की आवाज सुनाई देती है ।

"मां  क्या हुआ , तुम इस तरह .." मां कुछ तो बताओ 

 "रा..हु..ल... ... आ...शा "

"हुआ आशा को .... "

"राहुल जल्दी आओ , जाने क्या हुआ रात को आशा ने आत्महत्या कर ली" , सागर की आवाज सुनाई देती है ।मुझे अभी नर्स का फोन आया तब मैं दौड़ा आया घर से , और मां को भी बुला लिया ।राहुल  वापिसी के लिए चल पड़ता है ।आकर  सागर  से जानना चाहता है कि क्या हुआ , लेकिन सागर कुछ नहीं बता पाता , वो कहता है वो रात को ठीक छोड़ कर गया था , ना जाने फिर क्या हुआ ।सागर  राहुल को सांत्वना देता है ।आशा को घर ले जाया जाता है और राहुल अन्तिम क्रिया करता है । 

सागर राहुल को सांत्वना देता रहता है । अक्सर घर पर भी आता है , कुछ दिन बीत गए , सब फिर से अपने - अपने काम में व्यस्त हो जाते है लेकिन  राहुल को फिर भी चैन नहीं , कहीं उसे ये बात कचोटती है कि ऐसा क्या हुआ जो आशा ने अचानक आत्महत्या की ।राहुल स्टाफ को कहते सुनता है , कि , डा० ने राहुल से बदला लेने के लिए उसकी बहन को मार डाला , राहुल ने अपनी बहन की शादी डा० से नहीं की इसलिए क्योंकि डा० राहुल की बहन से प्यार करते थे ।

लेकिन राहुल को इन बातों पर यकीं नहीं होता ,उसे याद आता है वो दिन जब राहुल और सागर बातें कर रहे थे तो अचानक सागर ने कहा ... "राहुल  बुरा ना मानो तो मैं चाहता हूं हमारी ये दोस्ती रिश्तेदारी में बदल जाए , मेरा कोई नहीं है ना माता-पिता ना कोई रिश्तेदार इसलिए ये बात मुझे ही करनी है , मैं तुम्हारी बहन से शादी करना चाहता हूं ।"राहुल को अपने पैसे का घमण्ड , उसने इस रिश्ते से इंकार कर दिया ।लेकिन सागर ने इसे दिल पर नहीं लिया और दोनों की दोस्ती ऐसे ही बरकरार रही ।

राहुल ने महसूस किया , सागर को भी आशा के जाने का दु:ख था , अन्दर से कहीं टूट गया था वो , लेकिन किसी को ये नहीं समझ आ रहा था कि आखिर उस रात क्या हुआ , ना ही किसी रिपोर्ट में कुछ पता चल रहा था कि हत्या है या आत्महत्या ।कुछ समय के बाद राहुल को भी वही आशा वाली शिकायत , पेट दर्द और खाना ना पचना , राहुल सागर के पास जाता है ।

डा० सागर , राहुल  को चैक कर टैस्ट कराता है और राहुल की रिपोर्ट देख कर हैरान है कि वही आशा वाली बिमारी है ,उसे कुछ दिन अस्पताल रहना होगा ।

इश्वर की इच्छा या राहुल का नसीब उसे वहीं कमरा मिलता है जहां आशा थी ।सागर मुझे ऐसा लगता है जैसे इसकमरे में आशा हो ।

हां राहुल मैं जब भी इस कमरे में आता हूं , मुझे भी ऐसा महसूस होता है ।

रात को जैसे ही राहुल सोने लगता है , ठक-ठक , जैसे कोई दरवाजा खटखटा रहा हो , राहुल दरवाजा खोलता है , लेकिन वहां कोई नहीं ।जैसे ही फिर सोने लगता है फिर वही ठक-ठक , लगभग पूरी रात ऐसे ही बीतती है ।

"सागर , ........ रात को कोई बार - बार दरवाजा खटखटाता और जब मैं दरवाजा खोलता हूं तो कोई नहीं होता ।"

राहुल , . .......लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है , तुम्हें तो रात में कोई दवाई भी नहीं देनी थी , लास्ट डोज़ मैं तुम्हें देकर गया था , ख़ैर मैं स्टाफ से पूछता हूं । 

सागर स्टाफ से पूछता है , सब यही कहते हैं कि उन्होंने नहीं खटखटाया । 

दूसरी रात फिर वही सिलसिला , जब तीन - चार बार राहुल दरवाजा खोलता है , कोई नहीं होता तो वो दरवाजा खुला छोड़कर सो जाता है ।

अचानक आधी रात को बारह से एक का समय , सब लोग सो चुके , राहुल भी गहरी नींद में , अचानक से उसके कमरे में ज़ोर से कोई खटका होता है राहुल डर कर उठ जाता है , जैसे ही लाईट जलाने लगता है लाईट नहीं जलती , जबकि बाहर पूरे अस्पताल में लाइट जल रही है , वो घबराकर मोबाइल निकालता है और सागर को फोन मिलाता है , ऐसा लगा किसी ने उसके हाथ से मोबाइल छीन कर फेंक दिया ।और थोड़ी देर बाद कमरे की लाईट जल जाती है ।

"अरे साक्षी तुम, तुम इस वक्त यहां ?"इतनी रात गए , सब ठीक तो है , और तुम कैसी हो , कहां हो आजकल , तुम्हारी शादी हो गई ?"

एक ही सांस में बोल गया राहुल , लेकिन साक्षी ने कोई जवाब नहीं दिया , और देखते ही देखते उसकी आंखों से ओझल हो गई ।  राहुल ये देख कुछ परेशान सा हो गया । सुबह उसने सागर को बताया ।तीसरी रात फिर वही सब , आज राहुल की बैचैनी बढ़ने लगी कि ये सब क्या है ।

"साक्षी आखिर बात क्या है , कोई परेशानी है तो बताओ , मैं तुम्हारी मदद करूंगा , तुम कल भी आकर चली गई , मेरे पूछने पर कुछ नहीं कहा ।"

"राहुल ,तुम क्या मदद करोगे मेरी , मदद तो मैं तुम्हारी करने आई हूं ।"

"तुम ?   मेरी मदद ?  वो कैसे ??"

"तुम्हें इस तकलीफ़ से मुक्त करके , हमेशा-हमेशा के लिए ।"

"कैसे ? "

" तुम मेरे साथ चलो , जहां मैं हूं , तुम्हें वहीं ले जाने आई हूं ।"

"लेकिन कहां ? "

 "मुझ पर भरोसा नहीं क्या ? "

ठीक है चलो !  राहुल साक्षी के साथ चल देता है । साक्षी उसे छत की मुंडेर पर ले जा रही है कि अचानक गार्ड देख लेता है , और शोर मचा देता है , दो वार्ड बॉय जाकर राहुल को पकड़ते हैं , और जब पूछते हैं तो राहुल  बताता है कि वो साक्षी के साथ जा रहा है , लेकिन वहां राहुल के सिवाय किसी को कोई नज़र नहीं आ रहा । सभी अचम्भित हैं । सुबह जब सागर को पता चलता है ।

"राहुल , क्या रात को फिर से शिक्षा आई थी ? "

"हां  सागर , लेकिन वार्ड बॉय कह रहे थे कि कोई नहीं है , जबकि वो मेरे साथ थी ।"

आज की रात फिर वही बात , मगर आज किसी ने नहीं देखा , और  राहुल  साक्षी के पीछे चलता हुआ , छत से नीचे कूद गया , अचानक धम्म की आवाज़ हुई । गार्ड ने शोर मचाया डा० सागर को बुलाया , सब इकठ्ठा हो गए , लेकिन  राहुल सो चुका था सदा के लिए ।उसकी मां को बुला कर पार्थिव शरीर सोंपा गया ।  

लेकिन सागर को चैन कहां , पहले आशा ने बिना वजह आत्महत्या की , अब राहुल की भी इसी तरह से मौत होना , और साक्षी तो उसके अस्पताल में एक बार भी दिखाई नहीं दी । ये सब क्या है ? उसके दिमाग में हलचल मची थी ।एक दिन वो साक्षी के घर की तरफ रवाना हुआ कि साक्षी से ही पूछा जाए कि क्या मामला है ।

वहां जाकर उसे पता चलता है कि साक्षी ने तो एक साल पहले ही आत्महत्या कर ली , तो उसके पैरो तले से ज़मीन खिसक जाती है ।सारी बात साक्षी के बाबा को बताकर और आत्महत्या का कारण पूछने पर उसके बाबा कहते हैं .... "बेटा बिन मां की बच्ची थी , मुझे कुछ भी नहीं बताया , बाद में उसकी एक सहेली ने बताया किसी राहुल से प्यार करती थी , हम ठहरे गरीब , उसने अमीरी के नशे में इसका प्यार ठुकरा दिया ।हां उसकी सहेली ने बताया था कि वो बहुत परेशान रहती थी और हर पल एक ही बात कहती थी कि राहुल ने मेरे प्यार की कद्र नहीं की , अगर वो मेरा नहीं तो किसी और का भी नहीं , मैं उसके परिवार में किसी का घर नहीं बसने दूंगी ।

आज साक्षी अपना प्रण पूरा कर चुकी थी ना राहुल को किसी का होने दिया , ना उसके परिवार में किसी का घर बसने दिया , इंकार की इतनी बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ी राहुल और उसके परिवार को ‌। 



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