मुझे लिखना और दोस्त बनाना अच्छा लगता है ।
Share with friendsइश्क करने वाले धूप में देखें छांव, छांव में देखें धूप"
Submitted on 05 Feb, 2021 at 17:16 PM
आंटी ऐसा मत कहो अगर आप को कुछ देना है तो अपने अन्तिम संस्कार का हक दो मुझे !
Submitted on 13 Jan, 2021 at 18:13 PM
मामा ने भी जब - जब अकेली देखा, कभी होंठों का रस पिया तो कभी जिस्म पे हाथ फेरा।
Submitted on 08 Jan, 2021 at 17:53 PM
कुछ मौन ऐसे होते हैं जो चुभ जाते हैं दिल में नश्तर जैसे !
Submitted on 19 Oct, 2020 at 19:24 PM
रास्ते में तीन- चार आवारा लड़कों ने पकड़ लिया और भाभी की इज्जत के चीथड़े उड़ा दिए
Submitted on 17 Oct, 2020 at 11:21 AM
उन्हें भीख देकर हम उनका भविष्य अंधेरे की गर्त में डाल रहे हैं ।
Submitted on 14 Oct, 2020 at 18:51 PM
शीना बेटी का नाम राशी , अर्थात दोनों का नाम जोड़ कर ( राहुल +शीना ) रखती है !
Submitted on 14 Oct, 2020 at 18:37 PM
दिल कहता बात करो अभी के अभी , और दिमाग कहता ना जाने कैसा हो !
Submitted on 13 Oct, 2020 at 17:42 PM
कोई तो झुक जाती है बिस्तर की शोभा बनने के लिए मजबूर हो जाती है !
Submitted on 13 Oct, 2020 at 02:51 AM
"हां बचुआ इमान बेचने का काम है , अगर निवाला चाही तो ई काम अब करना ही पड़ी ।"
Submitted on 11 Oct, 2020 at 14:47 PM
और सब सोशल डिस्टेंस और पूरी केयर के साथ गांव के लिए निकल गए ।
Submitted on 11 Oct, 2020 at 14:17 PM
वहां जाकर उसे पता चलता है कि साक्षी ने तो एक साल पहले ही आत्महत्या कर ली!
Submitted on 11 Oct, 2020 at 14:12 PM
आज एक मां की आत्मा को शांति मिल गई, और आलोक की पलकें खुशी से भीग गई।
Submitted on 04 Oct, 2020 at 18:27 PM
मुझे लगा आप डा० रूचि के साथ के लिए सपना को रास्ते से हटाने के लिए कोई प्लान बना रहे हैं ।
Submitted on 29 Sep, 2020 at 17:42 PM
खून में क्या मिलान डाक्टर, खून तो खून है सबका एक समान
Submitted on 29 Sep, 2020 at 11:18 AM
राजू का पिता सोच रहा है कब कोरोना जाएगा और कब ये बेरोजगारी खत्म होगी !
Submitted on 18 Sep, 2020 at 19:02 PM
कपड़ा या पैसे देते हैं, क्या वो हमारे पुर्वजों के पास पहुंचते हैं।
Submitted on 04 Sep, 2020 at 11:50 AM
दादी भी तो कलरफुल कपड़े पहनती हैं , और वो आप को डायन क्यो कहती है , आप तो सुन्दर परी हो
Submitted on 17 Aug, 2020 at 18:51 PM
जब उसने किसी को पराया नहीं बनाया तो वो पराई कैसै और क्यूं ??
Submitted on 25 Mar, 2020 at 17:08 PM
तुम मेरी बहू के हत्यारे हो, तो ऐसा व्यवहार स्त्री के साथ ही क्यों ? क्यों ? क्यों ?
Submitted on 09 Mar, 2020 at 18:02 PM
हवाएँ घरों में इतनी तेज़ कहाँ चलती हैं, उसे तो सिर्फ हमारा ही दिया बुझाना था।
Submitted on 09 Mar, 2020 at 17:59 PM
सब औरत के जिस्म के भुखे हैं ये रिश्ते प्यार के नहीं सिर्फ हवस के हैं।
Submitted on 05 Mar, 2020 at 18:54 PM
दोनों अनजानी राहों पर अपने आत्मसम्मान को बचाए, जहाँ ये राहें ले जाऐं।
Submitted on 04 Mar, 2020 at 09:09 AM
आशा को बहुत प्यार करने लगी और आरती से कटी सी रहने लगी
Submitted on 04 Mar, 2020 at 09:07 AM
कुर्बान ऐसी बेटियों पर और सलाम है ऐसे समझने और समझाने वाले माँ- बाप को।
Submitted on 29 Feb, 2020 at 17:11 PM
बड़ों को समझाना पढ़ सकता है और इस तरह हमारी खुशियाँ लौट आई।
Submitted on 29 Feb, 2020 at 17:06 PM
आफिस की उस पहली मुलाकात में ही प्रिया ने सुनील को बदल दिया।
Submitted on 29 Feb, 2020 at 16:58 PM
सतीश के पास और दोनों इक दूजे का हाथ पकड़ कर कहते है आ अब लौट चलें।
Submitted on 29 Feb, 2020 at 16:55 PM
"दोस्त ये मत समझना कि मैंने इसलिए किया कि तुमने मेरी फीस जमा कराई थी, उसका कर्ज़ तो मैं
Submitted on 07 Dec, 2019 at 02:53 AM
ना था मैं होश में, क्या यही होता है पहली नज़र का प्यार।
Submitted on 04 Dec, 2019 at 17:28 PM
मेरी दादी हमेशा सुनहरे बालों वाली राजकुमारी की कहानी सुनाया करती थीं , जो आज मैं आप को
Submitted on 04 Dec, 2019 at 11:02 AM
वो पल, वो क्षण, वो दिन मै एक पल के लिए भी नहीं भूल सकती, आज पापा नहीं है, वो पल याद आते ही आँखे भी नम होती है और खुशी भी...
Submitted on 01 Dec, 2019 at 05:35 AM
जब दिल से दिल जुड़ जाता है, तो चाहे हम साथ-साथ ना रहे, लेकिन हमें एक दूसरे की फिक्र होती है, एक दूसरे के प्रति लगाव होता...
Submitted on 26 Nov, 2019 at 17:11 PM
वो पापा का एहसान मानती थी कि उन्होने चाची को मुसीबत के समय सहारा दिया।
Submitted on 26 Nov, 2019 at 12:34 PM
जैसे ही आकाश ने डोर बेल बजाई तो सामने से सोनिया के ससुर जी आए और आते ही उसे गालियाँ देने लगे
Submitted on 21 Nov, 2019 at 10:54 AM
उनका सौदा करते हो, क्या वो हत्या नहीं और तुम कहते हो तुम हत्यारे नहीं।
Submitted on 15 Nov, 2019 at 08:42 AM
वो सास-ससुर की भी दवा इत्यादि खुद के बटुए से ले आती है।
Submitted on 14 Nov, 2019 at 11:54 AM
काश कोई उसकी तस्वीर बन पाती, काश उसे इक नाम मिल जाता, काश कोइ कह पाता।
Submitted on 05 Nov, 2019 at 16:44 PM
रमेश और मैंने कभी बात नहीं की, लेकिन वो अक्सर मुझे कनखियों से ताकता रहता था
Submitted on 03 Nov, 2019 at 16:25 PM