Dippriya Mishra

Inspirational Others

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इम्तहान भाग-6(अंतिम कड़ी)

इम्तहान भाग-6(अंतिम कड़ी)

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कामिनी की परेशानी देख, आंटी ने रोहन से पूछा, क्या इसे रूबी के बारे में नहीं पता है रोहन?

नहीं आंटी ?

कामिनी आंटी से सवाल की....मुझे क्या पता नहीं? यह रूबी कौन है?

रूबी मेरी इकलौती बेटी थी । जो अब इस दुनिया में नहीं है ।

तुम्हारे पहले प्रश्न का उत्तर यह है कि तुम्हें रोहन की शादी के बारे में पता नहीं है? रूबी और रोहन ने प्रेम विवाह किया था। यह दोनों बच्चे इसी के हैं ।

कामिनी रोहन से मुखातिब हुई, आंटी क्या कह रही है ?

सच कह रही हैं, रोहन ने कहा। तुमने मेरे साथ धोखा किया.... कहकर कामिनी रो पड़ी। तुम्हारे घर वालों ने इसकी चर्चा तक भी नहीं की, क्यों ?

इसलिए कि वे रूबी को नहीं अपनाए थे । वैसे धोखे की बात ही कहां ?तुम्हारी कौन सी पहली शादी है ? तुम भी तो तलाकशुदा हो ! आज ऊंट पहाड़ के नीचे आया था ।मन फरेब की व्यथा महसूस कर रहा था ।

होटल आने पर वह घायल शेरनी की तरह रोहन से उलझ पड़ी.... मैं तुम पर केस करूंगी।

अच्छा? किस बात के लिए?

तुमने धोखा दिया है।

धोखा नहीं सच्चाई से अवगत करा दिया । हां एक और बात जान लो, मैं बिजनेस के सिलसिले में अक्सर रूस जाता रहता हूं, वहां मेरी एक गर्लफ्रेंड है मारिया! हम दोनों काफी करीब है ।उसके बारे में रूबी भी जानती थी। अक्सर दोनों की बातें भी होती थी। तुम भी सहजता से अपनाना सीख लो इसे, क्योंकि मैं कुछ छुपा कर नहीं करता, जो है, आईने की तरह सामने है। मैं चाहता तो रूबी की बात तुमसे छुपा भी सकता था, लेकिन मैं खुद तुम्हें इन बच्चों के पास लेकर आया हूं।

        हनीमून से लौटने पर कामिनी का उदास चेहरा देखकर, सासू मां ने पूछा -'क्या हुआ कामिनी चेहरा उतरा हुआ क्यों है?'

वह बिफर पड़ी, मेरे साथ आप सबों ने मिलकर धोखा किया है।

क्या धोखा हुआ है तुम्हारे साथ?

रोहन शादीशुदा हैं, उनके दो बच्चे हैं, एक और रूस में प्रेमिका है .....

तो क्या हुआ ? घर में तो तुम ही हो, अपने प्यार और रूप में बांध सकती हो तो बांध लो। अब तुम देखो, तुम्हारे सम्मोहन में कितना जादू है ?

मुझे कुछ नहीं देखना .....!

मैं रोहन के साथ नहीं रह सकती, मैं अपने घर जाना चाहती हूं।

सासू मां की आंखों में चिंगारियां भड़क उठी। इस घर से तू तो क्या तेरी जूती भी नहीं जाएगी बिट्टो। कान खोल कर सुन लो, तेरे बाप के बिजनेस में, घाटा होने पर, मेरे पति ने करोड़ों की मदद की है। उसके बदले में तू आई है, तेरी औकात ही क्या है इस घर में, एक कामवाली बाई से ज्यादा नहीं। समझी ?बड़ी आई हमें धोखा देने वाली कहने .....

सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को। चुपचाप अपने कमरे में जा परिस्थितियों के संग जीना सीख ले, वरना तेरी चिकनी चमड़ी में भूसा भरा कर सूखने डाल दूंगी छत पर.......

अपने परों को बस में रखना सीख, ज्यादा उड़ने की कोशिश की तो, बिना पंखों की हो जाएगी।

कामिनी असहाय सी कमरे में चली आई। बिस्तर पर लेट कर रोने लगी। उसके सामने मनीष का चेहरा आने लगा, मनीष को कितना जलील किया था ... वह तो मेरी हर भूल को माफ करने के लिए तैयार था । मेरे कारण उसके पूरे परिवार को समाज में सिर झुकाना पड़ा, फिर भी कितनी शांति से उसने मांगने पर दहेज का हर सामान लौटा दिया, और वर पक्ष से दिए गए गहने तक नहीं मांगे । संबंध विच्छेद के पेपर पर हस्ताक्षर करते समय उसकी आंखों से आंसू टपक पड़े थे, उसने समझाते हुए कहा था एक बार ठंडे दिमाग से सोच लो । मगर मैंने उसे झिड़क दिया था। अब क्या करूं ?मैं वह परेशान हो उठी।

वह रोते-रोते अपनी मां को फोन लगाई.....

हेलो कमो!

हेलो मां!

क्यों रो रही है बेटा? सब ठीक तो है?

कुछ ठीक नहीं मां।

क्यों क्या हुआ? 

रोहन पहले से शादीशुदा है मां, इसके 2 बच्चे भी हैं। 

मैं ऐसे आदमी के साथ नहीं रह सकती ‌मैं आपके पास आना चाहती हूं । मुझे यहां से ले जाओ..

    सुनो कमो! अब जो भी है रहना तो तुझे वही पड़ेगा। उस परिवार का हमारे परिवार पर बड़ा एहसान है, वरना हम अभी दर-दर की ठोकरें खा रहे होते ।

देख बेटा! तेरी दो और बहने भी हैं। मुझे उनकी भी शादी की चिंता है। तुम निभाना सीखो। कह कर मां कॉल कट कर दी।

मां से भी कोई है सहानुभूति नहीं मिली, वह जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी।  देवांश, अजय और मनिष को उससे कैसे धोखा दिया प्यार और प्रणय का का कैसा मजाक बनाया....एक एक बात उसे चलचित्र की भांति स्मृति पलट से गुजरते हुए दिख रहे थे।  आज अपने किए का उसे पछतावा हो रहा था।  उसकी आजादी सारे रास्ते बंद हो चुके थे, वह अपनी सज़ा के रूप में इस रिश्ते को आगे बढ़ाने की सोची क्योंकि जो बोया है वही तो काटना पडे़गा, आँसुओं की अविरल धार मन को निर्मल कर रहे थे। 


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