इज़हार में देरी अच्छी नहीं
इज़हार में देरी अच्छी नहीं


सपना शिवालिक अस्पताल में हैड नर्स है , हल्की सी तबीयत खराब होने की वजह से डा० आकाश ने उसे आराम करने के लिए भेज दिया । अपने कमरे में सपना हो रही है कि अचानक ऐसा लगा कि कोई दरवाजा ही तोड़ देगा , वो झटके से उठ कर दरवाजा खोलती है तो सामने सिस्टर जूली खड़ी है जो उसकी बहुत अच्छी दोस्त है ।
"जूली क्या हुआ तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो ? "
"सपना तुम जल्दी से यहां से चली जाओ ! "
"यहां से चली जाओ , जूली वट हैप्पन , कुछ बताओ तो , आखिर हुआ क्या ? "
जूली की आंखों में आंसू हैं ," प्लीज़ सपना मुझसे कुछ मत पूछो , मैं नहीं बता सकती , बस इतना कहूंगी कि अपनी जान बचा लो , तुम्हारी जान को खतरा है , जितनी जल्दी हो सके किसी से बिना कुछ कहे कहीं गायब हो जाओ , जहां तुम्हें कोई ना ढुंढ सके ।"
सपना को ऐसा लगा जैसे जूली कोई # डरावनी कहानी सुना रही हो ।
" ओ. के., ओ.के. , यूं डोंट वरी , मैं अभी डा० आकाश से बात करके आती हूं और जाने की तैयारी करती हूं ।"
मैंने बोला ना तेरे को किसी को नहीं बताना , समझ नहीं आता क्या तेरे को , अचानक जूली गुस्से से चिल्ला पड़ती है , उस समय सपना को जूली का चेहरा डरावना नज़र आता है
"ओ. के. , ओ. के. , गुस्सा क्यों होती हो , नहीं बताती किसी को , मैं अभी जाने की तैयारी करती हूं , अभी मैं अपने मामा के घर मुम्बई चली जाती हूं , जब तुम्हें लगे कि अब मेरी जान को खतरा नहीं , तो मुझे बता देना , मैं आ जाऊंगी , तुम्हें तो पता है मैं डा० आकाश से कितना प्यार करती हूं , कैसे रहूंगी उनके बिना ।"
"अरे जिन्दा रहेगी तो प्यार करेंगी ना , पहले अपनी जान की सोच , प्यार - व्यार सब बाद में देखना ।"सपना आनन - फानन में अपना सूटकेस पैक करके चुपचाप मुम्बई के लिए निकल पड़ती है ।जूली उसे वहां जाकर मोबाइल नम्बर भी बदल देने के लिए कहती है , और ये भी हिदायत देती है कि अपना नया नम्बर जूली के सिवाय किसी को ना दे , और कोई उसका रिश्तेदार तो यहां है नहीं ।
चार साल पहले मां- पापा की एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी , और वो इकलौती औलाद ही थी मां - पापा की , मामा ने सहारा दिया और पढ़ाई पूरी कराई । अब वो एक अच्छी और नामी नर्स है , जिसे हर अस्पताल वाला अपने अस्पताल में बुलाना चाहता है , एक से बढ़कर एक आफॅर आती है उसके पास ।
लेकिन वो यहां से छोड़कर कहीं और नहीं जाना चाहती , क्योंकि वो मन ही मन डा० आकाश को चाहती है , लेकिन ना जाने क्यूं डा० आकाश उससे कटे-कटे क्यों रहते हैं , बस जब भी देखो अपनी साथी डा० रूचि के साथ होते हैं , लंच भी अक्सर दोनों एक साथ ही करते थे , कभी अगर डा० रूचि किसी केस में व्यस्त हो तो भी उसका इंतज़ार करते डा० आकाश , और जब तक वो ना आती लंच ना करते । ये देख कर सपना को मन ही मन डा० रूचि से जलती थी ।
डा० आकाश ने एक दिन के लिए सपना को काम पर आने से मना किया था , लेकिन अगले दिन जब वो नहीं आती तो वो सोचते हैं कि शायद तबीयत ज्यादा बिगड़ गई होगी ,और फोन मिला कर उसका हाल जानना चाहते हैं , लेकिन फोन स्विचआफ आता है , डा० आकाश सपना के कमरे की तरफ चल पड़ते हैं तो क्या देखते हैं ना वहां सपना है , ना सपना का सामान , उन्हें ये देख कर हैरानी होती है कि अचानक सपना कहां गई , कुछ बताया भी नहीं ।
डा० आकाश स्टाफ से पूछते हैं , मगर किसी को कुछ पता नहीं ।
"जूली , सपना कहां है , कहीं नज़र नहीं आ रही , ना ही उसका सामान है , कहां गई ? उसका तो कोई रिश्तेदार भी नहीं , कहां जा सकती है ? उसका फोन भी स्विचआफ बता रहा है ।"
"डा० मैं इस बारे में कुछ नहीं जानती" , मैं तो कल से मिली भी नहीं उससे , जूली झूठ बोल देती है , लेकिन डा० आकाश को हैरानी होती है कि सपना ने ऐसी असामान्य गतिविधि कभी नहीं की , बिन बताए कहीं नहीं जाती वो ।
ऐसे ही दिन बीतते जाते हैं , लेकिन इसके साथ ही डा० आकाश की बैचैनी बढ़ने लगती है ।डा० आकाश जब भी जूली से बात करने की कोशिश करते , जूली उन्हें ऐसे देखती जैसे वो कोई #डरावना भूत देख रही हो । डा० आकाश ने बहुत पता लगाने की कोशिश की , मगर सपना का कुछ पता नहीं चल रहा था , और डा० की बैचैनी बढ़ती जा रही थी ,कि अचानक एक दिन डा० आकाश स्टाफ रूम की तरफ से गुज़र रहे थे कि उनके कानों ने जूली को ये कहते सुना कि तुम यहां की चिन्ता मत करना , डा० आकाश और डा० रूचि को मैं संभाल लूंगी , तुम अभी वापिस मत आना ।
डा० आकाश ने झट से स्टाफ रूम का दरवाजा खोला और जैसे ही जूली के साथ से फोन लेना चाहा , जूली ने फोन ज़ोर से नीचे फेंक दिया , जिससे फोन टूट गया । उसकी इस असाधारण हरकत पर डा० आकाश हैरान होते हैं और उसे कहते हैं कि वे सब सच बताएं वरना वो पुलिस को बुला लेंगे ।
"डा० आकाश पुलिस को आप क्या बुलाएंगे , पुलिस तो मुझे बुलानी चाहिए !"
"एक तो चोरी , उस पर सीधा जोरी , अब तो मुझे लग
ता है तुम सपना के बारे में सब कुछ जानती हो और अब हमारे लिए भी कोई प्लान बना रही हो ।"
शोर सुनकर सारा स्टाफ इकठ्ठा हो जाता है , डा० रूचि भी आ जाती है ।
"डा० आकाश ये सब क्या है ? "
"इससे पूछो , ना जाने किससे कह रही थी कि वापिस चली जाओ , यहां डा० आकाश और डा० रूचि को मैं सौभाल लूंगी ।"
सब को देख कर जूली में भी हिम्मत आ जाती है , उसे लगता है अब उसे डरने की ज़रूरत नहीं है , वह अपना फोन उठाकर जोड़ती है और सपना को फोन करके आने को कहती है और डा० आकाश पुलिस को भी फोन करके बुलाते है । पुलिस के आते-आते सपना भी वहां पहुंच जाती है और वहां उसे ये सब एक डरावना दृश्य प्रतीत होता है , वो हैरान हो जाती है ।
"डा० आकाश ये पुलिस यहां क्यों अपने अस्पताल में ?" अभी सब पता चल जाएगा ! इंस्पेक्टर पुछिए जूली से कि ये क्या माजरा है ।
जूली पुलिस को बताती है कि' सपना डा० आकाश से प्यार करती है , लेकिन उसने कभी किसी को नही बताया और डा० आकाश डा० रूचि से ।लेकिन शायद डा० आकाश को पता चल गया था , कि सपना उन्हें प्यार करती है , इसलिए उन्होंने डा० रूचि के साथ मिलकर सपना को अपने रास्ते से हटाने का प्लान बनाया । मैंने इन दोनों को बातें करते सुन लिया था , इसलिए मैने सपना को यहां से दूर भेज दिया था । क्योंकि वो डा० आकाश पर तो आंखें बंद करके विश्वास करती है , लेकिन दो दिन पहले मैंने सपना को सब कुछ बता दिया था । फिर भी उसे डा० आकाश की बहुत फिक्र हो रही थी , इसलिए मैं उसे कह रही थी कि तुम यहां की चिंता ना कर मैं यहां इनका ख्याल रखूंगी ।"
"जूली ये तुम क्या कह रही हो भला कोई अपने प्यार को कैसे मार सकता है , जिससे मैं इतना प्यार करता हूं , उसे मैं कैसे मार दूं , अरे सपना तो मेरी सांसें है , मेरे दिल की धड़कन है ।"
ना जाने डा० आकाश किस जोश में ये सब बोल गए , जिसे सुनकर सपना और जूली अवाक से देखते रह गए ।और वो डा० रूचि के साथ जो आप बात रहे थे ।और क्या डा० रूचि से प्यार नहीं करते ?
" .....ओफ्फो , तो ये बात थी , अरे वो तो डा० रूचि हाॅरर कहानियां लिखती हैं , जिसकी नायिका का नाम भी सपना था , और डा० रूचि को कहानी में ट्विस्ट चाहिए था तो वो मुझसे डिस्कस कर रही थी , तो मैंने कहा कि सपना को मार दो , और किसी पे इल्ज़ाम लगाने के बजाए , उसे आत्महत्या करार देंगे ।"और प्यार तो मैं डा० रूचि से बहुत करता हूं , क्योंकि वो मेरी बहन है , और हर भाई अपनी बहन है प्यार करता है , डा० रूचि मेरी कज़िन सिस्टर है ।
...साॅरी मुझे लगा आप डा० रूचि के साथ के लिए सपना को रास्ते से हटाने के लिए कोई प्लान बना रहे हैं ।
सपना हैरान - परेशान ये सब सुन रही है , और डा० रूचि मंद-मंद मुस्कुरा रही है ,ये सब देख - सुन कर सपना शरमा जाती है , और डा० रूचि एंव अन्य सभी उन दोनों से कहते हैं कि अब उन्हें जल्दी ही शादी कर लेनी चाहिए ।
डा० आकाश सपना से उसके मामा का नम्बर मांगते हैं ताकि उनसे वो शादी की इज़ाजत ले ।लेकिन सपना नम्बर देने के लिए टाल-मटोल कर रही है , जब दो दिन तक सपना फोन नंबर देने में आनाकानी करती है तो वो जूली से नम्बर ले लेते हैं । डा० आकाश सपना के मामा को फोन लगाते हैं और आकाश नाम सुनते ही सपना के मामा गुस्से से चिल्लाने लगते हैं ।
"ओह तो तुम वो आकाश हो जिसकी वजह से मैंने अपनी सपना को खो दिया ।"
"नहीं अंकल जी , आप ने सपना को खोया नहीं , वो हमेशा आप की बेटी रहेगी , बस आप हमें आशीर्वाद दिजिए , हम दोनों शादी करना चाहते हैं ।"
"शादी ? किससे शादी करोगे ? जो है ही नहीं , तुम्हारी बेवफाई ने उसे मार डाला ,और तुम कह रहे हो शादी करोगे ।"
"अंकल आप ये क्या कह रहे हो ? जूली तुम समझाओ अंकल को कि वो गलतफहमी थी तुम्हारी ।"
जूली सपना के मामा से बात करती है तो पता चलता है ,कि सपना पांच दिन पहले ही आत्महत्या कर चुकी है , जब जूली ने उसे बताया की डा० आकाश उसके मर्डर का प्लान बना रहे है और वो रूचि से शादी करेंगे तो वो प्यार में हताश होकर आत्महत्या कर लेती है ।ये सुनकर दोनो के पैरों के नीचे से जमीन निकल जाती है । जूली और डा० आकाश सपना के कमरे की तरफ जाते हैं तो क्या देखते हैं कि जो सामान सपना लेकर आई थी वो भी नहीं और पूरे अस्पताल में ,सपना भी नहीं है ।
उसके बाद सपना किसी को नज़र नहीं आती , लेकिन डा० आकाश को वो हमेशा दिखाई देती है । आज भी डा० आकाश उसकी यादों में खोए रहते हैं , और कहतै है कि सपना उन्हें रोज़ मिलने आती है , बस एक ही बात हर बार कहती हैं , कि काश तुमने पहले प्यार का इज़हार किया होता ।डा० आकाश को पछतावा हो रहा है कि काश उन्होंने पहले ही सपना से कहा होता कि वो उससे प्यार करते हैं , क्यों इतनी देर लगा दी ।
तो दोस्तों जो कहना है अपने प्यार को आज ही कह दो , कहीं ये वक्त हाथ से ना निकल जाए ।