Dheerja Sharma

Drama

2.6  

Dheerja Sharma

Drama

ईर्ष्या

ईर्ष्या

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कांता जी अकेलेपन से ऊब जाती हैं । बेटा परदेस में है।साल में एक बार आता है।2-4 दिन घर रहता है , फिर अपने परिवार को ले कर निकल जाता है, छुट्टियां मनाने या फिर रिश्तेदारों से मिलने जुलने।

पोता स्कूल ,ट्यूशन और क्रिकेट कोचिंग में व्यस्त रहता है। बहू को भी कहाँ फुरसत मिलती है। नौकरी के बाद ले दे कर एक संडे बचता है, सुबह किट्टी में गुज़र जाता है और शाम को उसे वृद्धाश्रम जाना होता है। तीन घंटे वृद्धों को कहानियां सुनाती है,उनसे बातें करती है - ताकि उनकी ज़िंदगी के खालीपन को भरा जा सके। कांता जी को घर की देखभाल के लिए घर रहना पड़ता है।

कभी कभी कांता जी को ईर्ष्या होने लगती है उन बुज़ुर्गों से जिनके हिस्से बहू के तीन घंटे आते हैं।


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