समय का सदुपयोग
समय का सदुपयोग
निपुण बहुत खुश था। कोरोना की वजह से पिछले 9 महीनों से स्कूल बंद थे। ऑनलाइन क्लासेज और ऑनलाइन एग्जाम। उसके सभी विषयों में अच्छे मार्क्स आये थे। ऑन लाइन एग्जाम में नकल करने की पूरी आजादी थी क्यों कि मम्मी पापा दोनों काम पर चले जाते थे। कोई देखने वाला होता नहीं था। वह पूरा दिन कंप्यूटर पर गेम्स खेलता। पूरा सेशन ऐसे ही निकल रहा था।
आज पापा ने ऑफिस से आते ही दिल दहला देने वाली खबर सुनाई। निपुण के स्कूल से फ़ोन आया था डेट शीट लेने के लिए। पंद्रह दिन बाद उसके फाइनल पेपर थे वो भी ऑफ लाइन। निपुण के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। उसकी किसी भी विषय की कोई तैयारी नहीं थी। उसे पूरा विश्वास था कि फाइनल पेपर भी ऑनलाइन ही होंगे और वह बुक से नकल कर के उत्तर लिख देगा। उसने पूरा वर्ष बर्बाद कर दिया था। और बीता समय लौट कर आया है कभी? उसे चक्कर आने लगे। पापा के शब्द उसे कानों में हथौड़े की तरह लग रहे थे" निपुण बेटा, तुम्हारी तैयारी तो अच्छी होगी। काफी मेहनत कर रहे हो तुम। 90% ले आओ तुम्हारी फायर फॉक्स पक्की।"
निपुण का सिर चक्कर खाने लगा। नई साइकिल का उसका सपना चूर चूर होता दिख रहा था। आज निपुण ने मन ही मन खुद से वादा कर लिया था कि वह समय का सदुपयोग करेगा ।