हैरी पॉटर और कृष शक्तिपुरी में (कहानी)
हैरी पॉटर और कृष शक्तिपुरी में (कहानी)
हैरी पॉटर को इस साल हॉगवर्ट्स में जाने से पहले एक दिन अंकल वर्नन के घर के पिछवाड़े के बड़े बगीचे में एक अज़ीब सी वस्तु मिली। उसने उसे लपक कर उठाया और उस पर लगी गीली मिट्टी साफ़ हटाने की कोशिश करने लगा।तभी वह वस्तु उसके हाथ से नीचे गिर गईओर खन्न की आवाज़ के साथ ही एक विशालकाय जिन्न प्रकट हुआ और ज़ोर से बोला, "अपने आक़ा की गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए आपकी धरती पर हाज़िर हूँ हैरी पॉटर! यह वस्तु अब मुझे वापस कर दो!"
"तुम.. तुम कौन हो? क्या वही, जो अलादीन के हाथ लग गये थे?" हैरी पॉटर ने पूरे आत्मविश्वास से वह विचित्र वस्तु उसे सौंपते हुए पूछा, "तुम्हें मेरा नाम कैसे मालूम हुआ? तुम्हारा नाम क्या है?"
"सवाल बाद में मास्टर हैरी! मैं अपने मिशन पर हूँ। मेरे आक़ा के काम मुझे शीघ्र ही पूरे करने हैं? चलो, तुम्हें मेरे साथ भारत के वन्डरलैंड पर चलना होगा... अभी!" जिन्न ने कड़क आवाज़ में यह कहते हुए हैरी पॉटर को अपनी डरावनी सी हथेली पर उठा लिया।
"लेकिन मुझे तो हॉगवर्ट्स जाना है। ये भारत कौन सी जगह है? वहाँ मैं क्यों जाऊँ?" हैरी ने कहा।
"मे बी यू नो भारत बाइ दि नेम ऑफ़ इंडिया! एण्ड नाउ नो दैट मई नेम इज़ 'क्षितिज'! घबराओ मत, मुझे केवल तुम ही देख और सुन पा रहे हो, क्योंकि तुम्हारे पास जादुई शक्तियाँ हैं! सिर्फ पंखदार छड़ी से नयी सदी में तुम्हारे सभी काम न हो सकेंगे! तुम्हें अपनी शक्तियों को अपग्रेड करना होगा और यह काम हमारे आक़ा ही कर सकेंगे। उन्हें तुम्हारी और तुम जैसे सुपरमास्टर्स, सुपरमैन और सुपरवुमन की बहुत ज़रूरत है।" जिन्न ने अपने क़दम धरती से ऊपर की ओर उठाते हुए कहा।
"लेकिन मुझे हॉगवर्ट्स पहुंच कर अपने पुराने दोस्तों रोन, हरमायनी, निविल वग़ैरह से मिलना है। मैलफॉय और गिलड्रॉय लॉकहार्ट से मुझे ज़रूरी काम है। वहाँ कुछ अजीबो-गरीब घटनाएं होने लगीं हैं। कुछ लोगों की परेशानियां दूर करना है।" हैरी पॉटर ने साफ़ तौर पर अपनी इच्छा और काम क्षितिज जिन्न को बता दिये।
"मुझे यहाँ जो जानकारी मिली है उसके अनुसार तो हॉगवर्ट्स में इस साल भयानक घटनाएं घटेंगी। लेकिन इससे ज़्यादा बुरी घटनाएं हमारे भारत में हो रहीं हैं। वहाँ की जनता और जनता द्वारा चुनी सरकारें उन समस्याओं को हल नहीं कर पा रही हैं। अब हम और हमारे वन्डरलैंड के आक़ा पर ही सभी निर्भर हैं। जिस तरह भारत में अंतरराष्ट्रीय तकनीकों और व्यापार की आवश्यकता बढ़ती जा रही है, उसी तरह अंतरराष्ट्रीय जादुई शक्तियों की अब वहाँ ज़रूरत है!" जिन्न ने अपने इरादे और उद्देश्य भी स्पष्ट करते हुए कहा।
हैरी ने स्वयं को अपहृत किये जाने से बचाने के लिये अपनी जादुई छड़ी की याद आई वह जिन्न को चकमा देकर छड़ी लाना चाह रहा था। उसने जिन्न की हथेली से कूदने की कोशिश की लेकिन असफल रहा। क्षितिज जिन्न सब समझ गया।
"तुम अपनी छड़ी के लिये परेशान मत हो। जैसे ही मैंने तुम्हें अपनी हथेली पर उठाया तुम्हारी सभी ज़रूरत की चीज़ें और शक्तियाँ आक़ा तक फोरवर्ड और डिस्पेच हो गईं थीं। घबराओ मत, तुम हमारे पास सुरक्षित हो। हमारे वन्डरलैंड पर पहुँचते ही तुम भी हमारी अत्याधुनिक तकनीकों और जादुई शक्तियों से अपडेटिड होने लगोगे, बशर्ते तुमने हमारे आक़ा की गाइडलाइंस को फॉलो किया।"
हैरी पॉटर बड़े ध्यान से जिन्न की बातें सुनने लगा। अब उसके पास कोई रास्ता न था। वह जिन्न की हथेली पर वैसा ही खड़ा हुआ था और जिन्न आसमान के अज्ञात वायुमार्ग से द्रुत गति से उड़ रहा था।
"मास्टर हैरी तुम अभी बालक ही हो। सफ़र लम्बा है। खड़े क्यों हो? बैठ जाओ या चाहो, तो लेटकर आराम भी कर सकते हो।"
"पहले तुम यह तो बताओ, तुम्हारे बॉस कौन हैं? बॉस को ही तुम आक़ा बोलते हो न, क्षितिज?"
"पहली बार तुमने मेरा नाम बोला, बहुत अच्छा लगा! हमारे बॉस यानी आक़ा का नाम और काम तुम्हें तभी पता चलेगा हैरी, जब तुम राज़ीनामे के साथ शपथ लेते हुए हमारे वन्डरलैंड के एडमिनिस्ट्रेशन को ज्वाईन कर लोगे।"
"तो इतना तो बता ही दो अभी कि वहां मुझे जैसा या सुपरपॉवर वाला कौन-कौन मिलेगा?" हैरी ने जिज्ञासावश पूछ ही लिया।
"तुम कुछ ज़्यादा ही उतावले हो रहे हो मास्टर हैरी! अभी इतना ही जान लो कि लेटेस्ट अचीवमेंट में हमें एक नौजवान सुपरममेन मिला है। हो सकता है उसे तुम जानते भी हो! क्या तुमने कृष का नाम सुना है हैरी?"
"वाउ, कृष! कृष है वहाँ! वह तो हमारी कन्ट्री और हमारे मैज़िक वर्ल्ड में भी बहुत फेमस है। हमारे यहाँ भी उस पर बनी फ़िल्में बहुत हिट हुईं हैं! क्या वहां पहुँचने पर सबसे पहले मुझे कृष से ही मिलवाओगे न क्षितिज!"
"बिल्कुल! चलो तुम्हारी यह बात मान लेता हूँ । लेकिन थोड़ा समय लगेगा। दरअसल कृष हमारी टीम को मुश्किल से हाथ लगा है। उसे और उसकी सारी एडवांस टेक्नोलॉजी को पूरी तरह अण्डर कन्ट्रोल करने के बाद ही तुम्हें उससे मिलवा पायेंगे। लेकिन चूंकि तुम अभी बालक ही हो, सो हो सकता है आक़ा तुम्हारी फ़रमाइश वहाँ पहुँचते ही पूरी कर दें।" इतना आश्वासन देकर जिन्न ने कहा, "अँधेरा हो रहा है। तुम अब सो जाओ। वहाँ पहुँचते ही मैं तुम्हें जगा दूंगा।"
वास्तव में हैरी पॉटर को नींद आ रही थी। वह जिन्न की विशाल हथेली पर लेटकर सो गया।
रात के घोर अंधकार में ही क्षितिज जिन्न भारत देश के एक गुप्त वन्डरलैंड अर्थात पॉवरलैंड 'शक्तिपुरी' में प्रवेश कर अपने आक़ा के दरबार में प्रस्तुत हो चुका था। सोये हुए हैरी पॉटर को एक अद्भुत सुखदायी शैया पर लिटा दिया गया। अँधेरा छँटते ही हैरी पॉटर की आँख खुली। फुर्ती से उठकर वह चारों तरफ़ देखकर जिन्न को पुकारने लगा, "क्षितिज... क्षितिज... कहाँ हो क्षितिज!"
लेकिन न तो वहां कोई जिन्न था और न ही बताया गया कोई बॉस या आक़ा।
हैरी हैरान व परेशान होने लगा। उसके पास न तो उसकी जादुई छड़ी थी और न ही उसकी शक्तियाँ। लेकिन उसने बहादुरी से काम लिया। उसने न तो अपना धैर्य खोया और न ही आत्मविश्वास। बस, अगली प्रक्रिया की प्रतीक्षा करने लगा।
थोड़ी और अधिक रौशनी होने पर उस वन्डरलैंड के राज़ स्वतः खुलने लगे। बहुत ही अद्भुत नज़ारे चारों ओर नज़र आने लगे। सब कुछ रोबोटिक था या जादुई। हैरी को लगा कि वहाँ बहुत सी अदृश्य शक्तियाँ मौजूद थीं, जो उस पर कड़ी नज़र रखे हुए थीं या अपने-अपने कामों में व्यस्त थीं।
तभी क्षितिज प्रकट हुआ।
"हमारे आक़ा ने तुम्हें कृष वाले महल में भेजने की अनुमति दे दी है। चलो मास्टर हैरी!" यह कहते हुए उस जिन्न ने अपनी हथेली पर हैरी को उठाया और पलक झपकते ही उसे कृष के महल में पहुँचा कर फ़िर ग़ायब हो गया।
हैरान और परेशान कृष और हैरी पॉटर ने तुरंत ही एक-दूसरे को पहचान लिया।
"मुझे यहाँ आने के अगले दिन से ही जॉब दे दिया गया था। कल का प्रोजेक्ट पूरा करके आराम कर रहा था। लेकिन तुम्हें आज से ही काम मिल जायेगा।" कृष ने हैरी से कहा, "यहाँ कोई परेशानी नहीं है! बस इनकी गाइडलाइंस और निर्देशों का सौ फ़ीसदी पालन करना पड़ता है। हमारी मनमर्ज़ी नहीं चलेगी। हमारी शक्तियों का फॉरमैट यहाँ के फॉर्मेट में बदल दिया गया है। जितनी ईमानदारी से जॉब करोगे, उतनी ही तेज़ी से टेक्निकल अपग्रेडेशन होता जायेगा। हैरी, तुम मेरे साथ ही रहने का ऑप्शन सिलैक्ट करना प्रोफाइल सबमिट करते समय। आज ही तुम्हारी मेंबरशिप और प्रोफाइल तैयार हो जायेगी। यहां के आक़ा से एप्रूवल मिलते ही मिशन शुरू हो जाते हैं।"
हैरी पॉटर बड़े ध्यान से कृष की बातें सुन रहा था। उसका बालक मन अब हैरानी की बजाय जिज्ञासा से भरा हुआ था।