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Sangeeta Pathak

Abstract

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Sangeeta Pathak

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हादसा

हादसा

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कमलादेवी "बहू ! देख ये कूकर खरीदकर लायी हूँ।"

बहू"माँजी ,आपको कोई अच्छी कंपनी का कूकर लाना चाहिये था।जैसे यूनाइटेड ,हाकिन्स अच्छी कंपनी है।"

कमलादेवी "ये भी हाकिन्स से क्या कम है, बहू।"

रमा चुपचाप हो गयी।

एक दिन संध्या बेला में वह घर के सामने मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद कूकर में दाल चढ़ा दी।किचन के सिंक में सब्जी धो रही थी।तभी तीन वर्षीय नन्ही पीहू आकर तंग करने लगी।उसी समय जोर से बम विस्फोट जैसी आवाज हुई।कूकर के दो टुकड़े हो गये थे।सारी दाल प्रेशर के कारण बिखर गयी।गैस चूल्हा भी कूकर फटने से विकृत हो गया।

आवाज सुनकर कमलादेवी किचन की ओर भागी।

कूकर की हालत देखकर रोने लगी।"हाय !मेरा कूकर !क्या हाल कर दी हो बहू।"

बहू "माँजी! मेरे जीवन से ज्यादा आपको कूकर प्यारा था।"

दूसरे दिन बाजार जाकर बहू नया कूकर खरीद कर ले आयी।

बहू "माँजी!ये लीजिये आपका नया कूकर।"

कमलादेवी बहू के अप्रत्याशित व्यवहार से चुप रह गयी।

 


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