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Vibha Rani Shrivastava

Tragedy

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Vibha Rani Shrivastava

Tragedy

गतानुगतिका

गतानुगतिका

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"साहित्यिक गोष्ठी हेतु श्रेष्ठ गीतकार ने अपनी स्वीकृति दी है। आपसे सहभागिता और रात्रिभोज का अनुरोध है।"

"भला के संग रहिए खाईये बीड़ा पान बुरा संग रहिये कटाइए दोनों कान।

विद्यार्थियों से रिश्वत लेने वाले, लंगोट के ढ़ीले के संग साहित्यिक गोष्ठी! क्या हमारी प्रतिष्ठा बचेगी? कहीं निन्दनीय दुरभिसन्धि ना हो जाए•••"

"चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग। आप जिस गुरु के अनुयायी हैं उनसे लगभग चालीस साल गहरी दोस्ती चली। दोनों का एक दूसरे के निजी जिन्दगी में कोई हस्तक्षेप नहीं था, लेकिन साहित्यिक क्षेत्र में वे उनके अवलम्बन थे।"

"चलो, फिर ठीक है ! आँखों के आगे पलकों की बुराई को तजकरमिलते हैं।"


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