गैंगस्टर की बीवी

गैंगस्टर की बीवी

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"मिस्टर सिड क्या तुम्हे पता है लाल बत्ती.......रेड लाइट क्या होती है?" —कद्दावर संघ्या ने अपना सर्विस रिवॉल्वर अपनी बेल्ट से निकाल कर अपनी गोद में रखते हुए अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती घायल युवक से पूछा।

लेकिन उस युवक के मुंह से एक शब्द न निकला।

"मैं बताती हूँ; रेड लाइट का मतलब होता है- रुक जाओ। लाल बत्ती चाहे चौराहे पर लगी हो या पुलिस की गाड़ी पर लगी हो या नौकरशाह की गाड़ी पर लगी हो या मंत्री की गाड़ी पर लगी हो, इन रेड लाइट को देखकर रुकना अच्छा होता है। एक रेड लाइट और भी है जहाँ जाने की मनाही है इस देश में लेकिन तुम जैसे लोग वहाँ भी जाने से बाज नहीं आते हो।" —संध्या ने अपनी पीक कैप को ठीक से टेबल पर रखते हुए कहा।

युवक ने कद्दावर पुलिस इंस्पेक्टर संध्या की बात पर कोई टिप्पणी न की वो पहले की तरह ख़ामोशी से पड़ा रहा।

"उस गैंगस्टर की बीवी रीटा से तुम्हारा प्रेम सरासर रेड लाइट का उलंघन था। तुमने शादीशुदा औरत से प्रेम किया, उस औरत ने भी तुमसे प्रेम का खूब ढोंग किया, अंजाम गैंगस्टर के गुर्गो ने तुम्हें मारने की कोशिश की, तुम्हारे सिर में गोली भी लगी लेकिन तुम बच गए और छह महीने तक कोमा में रहे। इस बीच उस औरत ने तुम्हारे जैसे कई और तलाश कर लिए हैं। तुम्हारे होश में आने की खबर राजा को है, उसके आदमी तुम पर फिर से हमला कर सकते है। लेकिन अगर राजा गिरफ्तार हो जाये तो हो सकता है कि उसका ध्यान तुम्हारी और से हट जाये और तब तक पुलिस तुम्हारे लिए कोई अज्ञातवास की जगह तलाश कर लेंगे।" —संघ्या गंभीर आवाज में बोली।

युवक अब भी खामोश रहा।

"मुझे पता है गोली अभी भी तुम्हारी खोपड़ी के अंदर है, डॉक्टर कहता है कि पूरी संभावना है कि आने वाले समय में तुम्हारे शरीर का कोई भी हिस्सा इस गोली की वजह से बेकार हो सकता है। हो सकता है की तुम्हारी जबान को ही लकवा मार जाये; इसलिए मैं चाहती हूँ कि तुम तत्काल अपना बयान दे दो ताकि मैं फर्जी नेता और असली गैंगस्टर राजा को गिरफ्तार कर उसके जुल्म की सजा उसे दिला सकूँ।" —संध्या ने सिड की आँखों में देखते हुए कहा।

युवक ने उठने का प्रयास किया।

"उठो मत........मैं तुम्हारा बयान टाइप करा के लाई हूँ, तुम इस बयान को पढ़कर अपना साइन कर दो उसके बाद मैं देखती हूँ कि ये राजा कैसे बचता है?" —संध्या ने अपनी फाइल से एक टाइप शुदा पेपर उस युवक के हाथ में देते हुए कहा।

युवक ने पेज को गौर से पढ़कर अपने कमजोर हाथ में संध्या के दिए पेज से साइन कर दिए।

"इतना जल्दी नहीं संध्या........." —गैंगस्टर जीवा अपने चार गुर्गो के साथ वार्ड में घुसते हुए बोला।

एक गुर्गे ने झपट कर बयान वाला पेपर सिड के हाथ से छीन लिया और एक बड़ा सा चाकू सिड की गर्दन पर रख दिया।

"जीवा जाओ यहाँ से मेरे रहते तुम कुछ भी ना कर सकोगे इस युवक के साथ.........." —संध्या ने रिवॉल्वर की बैरल जीवा और उसके आदमियों की और करते हुए कहा।

"संध्या बेबी, अभी तुम्हारे घर गया था; तुम्हारे पति और बेटों के पास कालू और उसके आदमियों को छोड़ के आया हूँ.........डरो मत तुम्हारी फॅमिली को मारकर मुझे क्या मिलेगा। मैं कालू से कहकर आया हूँ कि जब तुम घर पंहुचो तुम्हे धन्यवाद देकर मेरे ऑफिस में चला जाये और वहां से पाँच लाख लेकर तुम्हारे घर देकर आये......तो अब अपने घर जाओ।" —जीवा मुस्करा कर बोला।

संध्या ने बेबसी साथ सिड की तरफ देखा।

"वैसे संध्या बेबी तुम मुझे बताओ कि किसी और की बीवी के साथ इश्क लड़ाना अच्छी बात है क्या? अगर मैं तुम्हारे साथ मैं इश्क कर बैठूँ तो तुम्हारा पति मुझे जिन्दा छोड़ देगा क्या? अच्छा छोड़ो; दरवाजे पर खड़े संतरी को भी साथ ले जाना, उसे अभी ५० हजार दिए हैं।" —जीवा वार्ड का दरवाजा खोलते हुए बोला।

संध्या ख़ामोशी के साथ बाहर निकल आई।


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